ई-कॉमर्स में अमेजन और फ्लिपकार्ट को टक्कर देने के लिए टाटा ने कसी कमर, जानिए कैसे करेंगे मुकाबला
टाटा ग्रुप द्वारा की गई हालिया रेगुलेटरी फाइलिंग के तहत, इस तरह से टाटा डिजिटल, टाटा के सभी ऑनलाइन शॉपिंग वेंचर्स के लिए एकमात्र कंपनी बन गई है. इसमें टाटा न्यू (Tata Neu), बिगबास्केट Bigbasket और क्रोमा (Croma) शामिल हैं.
ई-कॉमर्स सेक्टर में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए
, फैशन और लक्जरी पर फोकस करने वाले ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म टाटा क्लिक को चलाने वाले टाटा यूनिस्टोर (Tata Unistore) की होल्डिंग टाटा डिजिटल में ट्रांफसर कर रहा है.टाटा ग्रुप द्वारा की गई हालिया रेगुलेटरी फाइलिंग के तहत, इस तरह से टाटा डिजिटल, टाटा के सभी ऑनलाइन शॉपिंग वेंचर्स के लिए एकमात्र कंपनी बन गई है. इसमें टाटा न्यू (Tata Neu), बिगबास्केट
और क्रोमा (Croma) शामिल हैं.बता दें कि, टाटा इंडस्ट्रीज (Tata Industries) और ट्रेंट (Trent), टाटा यूनिस्टोर के संयुक्त उपक्रम थे. टाटा यूनिस्टोर में टाटा इंडस्ट्रीज की हिस्सेदारी 96.78 फीसदी थी जबकि बाकी की हिस्सेदारी ट्रेंट के पास थी.
फाइलिंग के अनुसार, टाटा ग्रुप ने टाटा यूनिस्टोर का मूल्यांकन 750 करोड़ रुपये किया है और टाटा डिजिटल टाटा यूनिस्टोर के अधिग्रहण के लिए टाटा इंडस्ट्रीज और ट्रेंट को वरीयता शेयरों की पेशकश करेगा. दस्तावेजों से पता चलता है कि इस पहल का आंतरिक नाम प्रोजेक्ट ट्यूलिप रखा गया था.
रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास फाइलिंग के अनुसार, टाटा ग्रुप ने पिछले सप्ताह टाटा डिजिटल की अधिकृत शेयर पूंजी को 1,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 21,000 करोड़ रुपये कर दिया और कंपनी में 750 करोड़ रुपये का निवेश किया. फाइलिंग में, टाटा डिजिटल ने कहा कि अधिकृत पूंजी को उसकी व्यावसायिक योजनाओं, कर्ज चुकाने और समय-समय पर किए जाने वाले निवेश को देखते हुए बढ़ाया गया था.
इस वित्तीय वर्ष में यह दूसरी बार था जब समूह ने टाटा डिजिटल की अधिकृत शेयर पूंजी का विस्तार किया. सितंबर में, कंपनी ने 3,462 करोड़ रुपये की पूंजी डालने से पहले इसे 15,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20,000 करोड़ रुपये करने के लिए दायर किया था. मार्च में, इस वित्तीय वर्ष की शुरुआत से ठीक पहले, शेयर पूंजी को 11,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 15,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था.
टाटा डिजिटल में फंडिंग का हालिया दौर ई-कॉमर्स में टाटा समूह की कुल फंडिंग को लगभग 6,000 करोड़ रुपये तक ले जाता है. पिछले वित्त वर्ष में टाटा ने अपने ई-कॉमर्स कारोबार में करीब 12,000 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
टाटा ग्रुप भारतीय ईकॉमर्स स्पेस में
, के स्वामित्व वाली फ्लिपकार्ट और मिंत्रा और रिलायंस इंडस्ट्रीज के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा है. इस सेगमेंट में समूह की बड़ी महत्वाकांक्षाएं हैं और प्रतिद्वंद्वियों के साथ प्राइस वार चला रहा है. इसके द्वारा स्मार्टफोन, इलेक्ट्रॉनिक्स या फैशन जैसी श्रेणियों में दी जाने वाली छूट कभी-कभी सबसे अधिक होती है.ग्रुप भी अपने प्रतिद्वंद्वियों की तरह ई-कॉमर्स में पैसा खर्च कर रहा है. FY22 में, Tata UniStore का शुद्ध घाटा दोगुना से अधिक बढ़कर 750 करोड़ रुपये हो गया, यहां तक कि राजस्व 137 फीसदी बढ़कर 844 करोड़ रुपये हो गया.
Edited by Vishal Jaiswal