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गिग वर्कर्स को अच्छा कामकाजी माहौल नहीं देते हैं Ola, Uber और अमेजन, Urban Company सबसे अच्छी

फेयरवर्क इंडिया (Fairwork India) की टीम ने 12 डिजिटल प्लेटफॉर्मों की यह रेटिंग ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर तैयार की है. फेयरवर्क दुनियाभर के डिजिटल प्लेटफॉर्म के कर्मचारियों के लिए कामकाज की परिस्थितियों का आकलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करती है.

गिग वर्कर्स को अच्छा कामकाजी माहौल नहीं देते हैं Ola, Uber और अमेजन, Urban Company सबसे अच्छी

Wednesday December 28, 2022 , 3 min Read

अस्थायी कर्मचारियों (गिग वर्कर) के लिए कामकाज संबंधी अनुकूल या उचित परिस्थितियों के आधार पर डिजिटल प्लेटफॉर्मों की एक रैंकिंग की गई है, जिनमें सबसे कम अंक ऐप आधारित कैब सेवा कंपनियों Ola और Uber, राशन डिलिवरी ऐप Dunzoडुंजो, दवा मंच Pharmeasy और Amazon Flex को मिले हैं.

फेयरवर्क इंडिया (Fairwork India) की टीम ने 12 डिजिटल प्लेटफॉर्मों की यह रेटिंग ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के साथ मिलकर तैयार की है. फेयरवर्क दुनियाभर के डिजिटल प्लेटफॉर्म के कर्मचारियों के लिए कामकाज की परिस्थितियों का आकलन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करती है.

‘फेयरवर्क इंडिया रेटिंग्स 2022 रिपोर्ट’ में डिजिटल प्लेटफॉर्मों का आकलन पांच सिद्धांतों के आधार पर किया जाता है. ये 5 सिद्धांत निम्न हैं:

1. उचित भुगतान

2. अनुकूल परिस्थितियां

3. उचित अनुबंध

4. उचित प्रबंधन

5. उचित प्रतिनिधित्व

इसमें अमेजन फ्लेक्स, डुंजो, ओला, फार्मइजी और उबर को दस में से जीरो पॉइंट मिले हैं. रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘इस वर्ष किसी भी प्लेटफॉर्म को दस अंक में से सात से अधिक अंक नहीं मिले.’’

इसमें 12 प्लेटफॉर्म का आकलन किया गया जिसमें अमेजन फ्लेक्स, Bigbasket, डुंजो, Flipkart, ओला, फार्मइजी, Porter, Swiggy, उबर, Urban Company, Zepto और Zomato शामिल हैं.

रेटिंग में दस में से सर्वाधिक सात अंक उबर कंपनी को मिले. इसके बाद हैं बिगबास्केट(6/10), फ्लिपकार्ट (5/10), स्विगी (5/10), जोमैटो (4/10), जेप्टो (2/10) और पोर्टर (1/10).

टीम के मुख्य जांचकर्ता प्रोफेसर बालाजी पार्थसारथी ने बताया, ‘‘कानून के तहत गिग वर्कर स्वतंत्र ठेकेदार होते हैं जिसका मतलब यह है कि उन्हें असंगठित क्षेत्र के कामगारों या कर्मचारियों की तरह श्रम अधिकारों का लाभ नहीं मिलता है.

गिग वर्कर्स के साथ सख्ती कर रहीं कंपनियां

हाल ही में, डंजो ने अपने डिलीवरी पार्टनर्स खासकर गिग वर्कर्स को बेहतर पेमेंट और बेहतर कामकाजी माहौल की मांग करते हुए हड़ताल में शामिल होने पर बैन करने की धमकी दी थी.

इसी तरह, ओला और उबर के ड्राइवर पार्टनर्स को अपने एग्रीगेटर्स के साथ कई समस्याएं सामने आईं. वे इंतजार करने की कम अवधि, अधिक मुआवजा और अच्छे कमिशन की मांग कर रहे थे.

कौन होते हैं गिग वर्कर्स?

बता दें कि, गिग वर्कर्स उन्हें कहते हैं जो एक साथ ही अलग-अलग और कई बार प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के लिए कंपनियों के काम करते हैं. वे किसी भी कंपनी की पॉलिसीज से नहीं बंधे होते हैं और उन्हें वैतनिक कर्मचारियों के समान लाभ भी नहीं मिलते हैं. उदाहरण के तौर पर फूड डिलीवरी कंपनियों स्विगी और जोमैटो के डिलीवरी पार्टनर्स दोनों के कस्टमरों को डिलीवर करते हैं.

वैश्विक नौकरी ऑनलाइन मंच ‘इन्डीड’ की रिपोर्ट के अनुसार, देश में तय अवधि के लिए निश्चित भुगतान पर काम करने वाले 'गिग' कर्मचारियों की संख्या में वर्ष 2025 तक 1.1 करोड़ तक की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है.

रिपोर्ट के मुताबिक, अर्थव्यवस्था लंबे समय में सबसे महत्वपूर्ण आर्थिक बदलावों में से एक रही है और लोगों के 'गिग' नौकरियां चुनने की यह वजह है कि यह उनकी जीवनशैली से मेल खाता है. गिग कर्मचारी को कंपनियां काम के आधार पर भुगतान करती हैं. इससे लोग भी चुन सकते हैं कि वे कब और कितना काम करना चाहते हैं.


Edited by Vishal Jaiswal