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Tata Play ला रही है IPO, गोपनीय प्री-फाइलिंग करने वाली देश की पहली कंपनी बनी

IPO के लिए गोपनीय प्री-फाइलिंग का कॉन्सेप्ट अमेरिका में पॉपुलर है.

Tata Play ला रही है IPO, गोपनीय प्री-फाइलिंग करने वाली देश की पहली कंपनी बनी

Friday December 02, 2022 , 3 min Read

टाटा प्ले (Tata Play) ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) के समक्ष अपने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के लिए दस्तावेजों की गोपनीय प्री-फाइलिंग का विकल्प चुना है. टाटा प्ले इस विकल्प का उपयोग करने वाली देश की पहली कंपनी बन गई है. इस कदम के तहत कंपनी के आईपीओ पेपर्स तब तक पब्लिक स्क्रूटनी के लिए उपलब्ध नहीं होंगे, जब तक कि वह आईपीओ को लॉन्च करने को लेकर फैसला नहीं कर लेती.

टाटा प्ले का पुराना नाम टाटा स्काई था. इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टाटा समूह की फर्म ने 29 नवंबर को सेबी, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के समक्ष दस्तावेज दायर किए. टाटा प्ले ने गुरुवार को कुछ प्रमुख दैनिक समाचार पत्रों में इस कदम का विज्ञापन किया.

टाटा सन्स की 62% हिस्सेदारी

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि टाटा समूह का डायरेक्ट-टू-होम (डीटीएच) प्लेटफॉर्म टाटा प्ले, 2,000-2,500 करोड़ रुपये जुटाने की सोच रहा है. इसके अलावा विकास के लिए कुछ प्राथमिक पूंजी भी जुटाई जाएगी. टाटा प्ले में टाटा सन्स की हिस्सेदारी 62 प्रतिशत है. टाटा समूह आखिरी बार 2004 में आईपीओ लाया था, जो कि टीसीएस का था. Times of India की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रस्तावित टाटा प्ले आईपीओ, फ्रेश इश्यू और ऑफर फॉर सेल का मिक्स रह सकता है. टाटा प्ले में सिंगापुर की टेमासेक होल्डिंग्स, टाटा अपॉर्च्युनिटीज फंड और वॉल्ट डिज्नी मौजूदा निवेशक हैं. इनकी कंपनी में बाकी 37.8 प्रतिशत हिस्सेदारी है और उम्मीद है कि वे अपनी हिस्सेदारी को ऑफर फॉर सेल के जरिए बिक्री के लिए रख सकते हैं.

यह भी खबर है कि टेमासेक होल्डिंग्स और टाटा अपॉर्च्युनिटीज फंड, टाटा प्ले से पूरी तरह से एग्जिट कर सकते हैं, वहीं वॉल्ट डिज्नी कुछ शेयर बरकरार रख सकती है. वॉल्ट डिज्नी की अभी टाटा प्ले में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी है. बता दें कि वॉल्ट डिज्नी कंपनी ने रूपर्ट मर्डोक के ट्वेंटीफर्स्ट सेंचुरी फॉक्स बिजनेस और टेमासेक का ग्लोबल बायआउट किया था. इसी के हिस्से के रूप में वॉल्ट डिज्नी कंपनी को टाटा प्ले में हिस्सेदारी विरासत में मिली है.

क्या है गोपनीय प्री-फाइलिंग

मौजूदा नियमों के मुताबिक, आईपीओ की प्री-फाइलिंग के लिए कंपनियों को सार्वजनिक तौर पर घोषणा करनी होती है कि उन्होंने सेबी और एक्सचेंजेस के पास ऑफर डॉक्युमेंट्स प्री-फाइल कर दिए हैं. इश्यू वाली कंपनी को यह भी स्पष्ट करना होगा कि प्री-फाइलिंग का मतलब यह नहीं है कि वह आईपीओ आयोजित करेगी. एक गोपनीय फाइलिंग, जैसा कि मोनिकर सुझाव देता है, एक कंपनी को रिव्यू के लिए नियामक के समक्ष एक आईपीओ के लिए निजी तौर पर रजिस्ट्रेशन स्टेटमेंट दाखिल करने की अनुमति देता है.

चूंकि फाइलिंग के बारे में कोई सार्वजनिक जानकारी नहीं होती है, इसलिए कोई सवाल नहीं पूछा जाएगा, कोई मीडिया या इन्वेस्टर स्क्रूटनी नहीं होगी, और कोई तारीख तय करने की जल्दी नहीं होगी. बाद में, अगर कंपनी वास्तव में प्रस्ताव के साथ आगे बढ़ने का विकल्प चुनती है, तो वह अपने वित्तीय, सेबी की टिप्पणियों को अपडेट कर सकती है और इसे सार्वजनिक डोमेन में डाल सकती है. आईपीओ के लिए गोपनीय प्री-फाइलिंग का कॉन्सेप्ट अमेरिका में पॉपुलर है.

30 सितंबर को बोर्ड से मिली थी मंजूरी

टाटा समूह गोपनीय आईपीओ प्री-फाइलिंग पर शेयर बाजार नियामक की ओर से दिशानिर्देश जारी होने की प्रतीक्षा कर रहा था. इसके बोर्ड ने 30 सितंबर की बोर्ड बैठक में इस तरह के कदम को लेकर सैद्धांतिक स्वीकृति दी थी. रिपोर्ट में कहा गया कि टाटा प्ले ने पहले ही पांच निवेश बैंकों- कोटक महिंद्रा कैपिटल, बैंक ऑफ अमेरिका, सिटी, मॉर्गन स्टेनली और आईआईएफएल को प्रस्तावित इश्यू में लीड अरेंजर्स और बुक रनर के रूप में चुना है.


Edited by Ritika Singh