सस्ता और बड़े काम का है टर्म इंश्योरेंस, जानें कैसे इसके जरिये आपके आश्रितों का भविष्य हो जाएगा सुरक्षित?
अगर आप ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीधारक हैं तब भी आप कम प्रीमियम वाली टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर अपने आश्रित के भविष्य को और अधिक सुरक्षित बना सकते हैं।
आज लोगों के बीच अपने भविष्य की सुरक्षा हमेशा से एक जरूरी प्राथमिकता रही है और इंश्योरेंस इसमें सबसे बड़ा रोल अदा करते रहे हैं। तमाम कंपनियाँ ग्राहकों को इंश्योरेंस पॉलिसी उपलब्ध करा रही हैं, जिनमें दावा किया जाता है कि वे उनके लिए बिल्कुल परफेक्ट हैं, लेकिन जानकारी के अभाव में लोग कई बार झांसे में भी आ जाते हैं और लंबे समय को देखते हुए अपना नुकसान भी करा बैठते हैं। इसी के साथ आजकल दो तरह के इंश्योरेंस जो चर्चा में हैं, उनके बारे में भी आपको जानकारी होना बेहद आवश्यक है, ये हैं- टर्म इंश्योरेंस और ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस।
ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस से तो आप परिचित होंगे जिसमें आपको डेथ बेनेफिट के साथ ही पॉलिसी मैच्योर होने पर रिटर्न भी मिलता है, यह एक तरह से निवेश का ही जरिया है, जिसमे रिटर्न निश्चित है, लेकिन आजकल खूब चर्चा में चल रहा टर्म इंश्योरेंस इस मामले में थोड़ा अलग है। आइये जानते हैं आखिर है क्या ये टर्म इंश्योरेंस?
टर्म इंश्योरेंस
टर्म इंश्योरेंस को आप बीमा का असली रूप भी कह सकते हैं, जो पॉलिसीधारक के दुनिया से जाने के बाद उसके आश्रितों के लिए सबसे बड़ी मदद उपलब्ध कराता है। यूं समझें कि टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की अकाल मृत्यु के जोखिम को कवर करती है।
टर्म इंश्योरेंस में पॉलिसी धारक को ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस की तुलना में कम प्रीमियम भरना होता है, हालांकि इसमें पॉलिसीधारक को ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस की तरह मैच्योरिटी बेनेफिट नहीं मिलते हैं, लेकिन इस इंश्योरेंस में कवर काफी अधिक होता है। कम शब्दों में इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि पॉलिसीधारक द्वारा जमा की गई किस्तों का फायदा उसके आश्रित को उसके जाने के बाद ही मिलेगा।
टर्म इंश्योरेंस जरूरी क्यों है?
जिंदगी में कभी भी कुछ भी हो सकता है, ये आपने कई बार सुना होगा। अब उदाहरण के तौर पर समझें कि एक व्यक्ति ने एक ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ली थी, लेकिन अब निश्चित समय बाद उसकी पॉलिसी मैच्योर हो गई या उस व्यक्ति की अकाल मृत्यु हो गई, ऐसी दशा में नॉमिनी को उस पॉलिसी का पैसा मिल जाएगा, हालांकि ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस में कवर काफी कम होता है, ऐसे में पॉलिसीधारक के जाने के बाद उसके आश्रितों को बड़ी आर्थिक मदद नहीं मिल सकेगी, जब तक की अधिक प्रीमियम वाली पॉलिसी न ली गई हो।
दूसरी तरफ दूसरे व्यक्ति ने टर्म इंश्योरेंस लिया है और वो ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस की तुलना में कम प्रीमियम भर रहा है, इस बीच उसकी पॉलिसी अवधि के दौरान ही अकस्मात मृत्यु हो जाती है, ऐसी दशा में अब पॉलिसीधारक के आश्रित को टर्म इंश्योरेंस का पूरा कवर मिलेगा। टर्म इंश्योरेंस में कम प्रीमियम पर मिलने वाला कवर इतना अधिक होता है कि पॉलिसीधारक के जाने के बाद उसके आश्रित उसका उपयोग किसी तरह का ऋण चुकाने, उच्च शिक्षा के लिए या अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए कर सकते हैं, हालांकि ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस की तरह इसमें पॉलिसी मैच्योर होने का कोई विकल्प नहीं है।
और क्या?
टर्म इंश्योरेंस को आप निवेश की तरह नहीं देख सकते हैं, ऐसे में इस इंश्योरेंस फायदा पॉलिसीधारक के आश्रित को तभी होता है, जब पॉलिसी की अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की अकाल मौत हो जाए। टर्म इंश्योरेंस में आप अपनी वार्षिक आय का महज 2 से 3 प्रतिशत भुगतान करते हैं, जबकि बदले में आपको आय का 20 गुना तक कवर मिल जाता है। ये बात भी है कि ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस में आपको अधिक रिटर्न के लिए अधिक प्रीमियम वाली पॉलिसी लेनी होती है, लेकिन कम या अस्थिर आय वाले लोग यदि अपने परिवार और आश्रितों के भविष्य को सुरक्षित करना चाहते हैं तो उनके लिए टर्म इंश्योरेंस से बेहतर कुछ भी नहीं है। अगर आप ट्रेडिशनल लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीधारक हैं तब भी आप कम प्रीमियम वाली टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी लेकर अपने आश्रित के भविष्य को और अधिक सुरक्षित बना सकते हैं।