फर्श से अर्श तक: मिलें 'NRI चायवाला' से, जिन्होने चाय बेचकर महज 8 महीनों में कमाया 1.2 करोड़ रुपये का मुनाफा
Ranjana Tripathi
Wednesday July 15, 2020 , 5 min Read
महज 8 महीनों के भीतर 'एनआरआई चायवाला' ने 1.2 करोड़ रुपये का मुनाफा अर्जित करने का दावा किया है।
चाय देश में सबसे अधिक पसंद किया जाने वाला पेय है। भारत में उगाई जाने वाली चाय आज पूरे विश्व में पहचानी जाती है, लेकिन अब देश के कुछ स्टार्टअप इस चाय को नए रंग और कलेवर के साथ लोगों के सामने पेश कर रहे हैं, जिसे बड़े पैमाने पर पसंद भी किया जा रहा है।
ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जगदीश कुमार ने, जिन्होने न सिर्फ चाय को कई नए फ्लेवर के साथ लोगों के सामने पेश किया है, बल्कि इसी चाय के जरिये कम समय में बड़ा मुनाफा भी कमाया है। अपने देश वापस आने से पहले जगदीश न्यूज़ीलैंड में व्यवसाय कर रहे थे और उनके पास वहाँ का ग्रीन कार्ड भी था, लेकिन वह अपने वतन में रहकर कुछ करना चाहते थे।
अपने शुरुआती दिनों की बात करते हुए जगदीश बताते हैं,
“जब करीब एक साल पहले मैं न्यूज़ीलैंड से भारत वापस आया था तब मैंने अपनी चाय के साथ कॉर्पोरेट्स ऑफिस में काफी प्रयास किया कि मुझे प्रवेश मिल जाए, लेकिन मुझे वहाँ से निराशा ही मिली। बस इसके बाद ही मैंने चाय बनाने के लिए जरूरत के सामान को इकट्ठा कर उनके ऑफिस के बाहर ही चाय की दुकान लगाना शुरू कर दिया। मेरी चाय को खूब पसंद किया जा रहा था। फिर कुछ दिन बाद मैंने अपनी दुकान में ‘NRI चायवाला’ का बैनर लगाया, जो लोगों के बीच कौतूहल का विषय बन गया।”
लोगों की दिलचस्पी जगदीश और उनकी दुकान दोनों में ही बढ़ने लगी और इस दौरान लोगों ने उन्हे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी किया।
जगदीश के अनुसार न्यूज़ीलैंड में वो करीब 15 सालों से रह रहे थे, जहां उनका अपना व्यवसाय भी था, लेकिन उनके इस कदम के बाद लोग भी आश्चर्यचकित रह गए। संस्थापक के अनुसार उन्हे भारत के चाय बाज़ार में अभी बड़ी प्रतिस्पर्धा का माहौल नहीं है। देश में यह बाज़ार अभी पारंपरिक ढंग से ही चल रहा है, जिससे इस क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ने के काफी मौके हैं।
चाय के साथ इनोवेशन
NRI चायवाला ने बड़ी ही अनूठे ढंग से अपनी विभिन्न फ्लेवर वाली चाय के नाम रखे हैं। मम्मी के हाथ वाली चाय, प्यार मोहब्बत वाली चाय और उधार वाली चाय, ये कुछ फ्लेवर के अनूठे नाम हैं, जिन्हें इनके नामों के अनुसार ही तैयार किया गया है। चाय की इन सभी वैराइटी में कुछ खास मसाले भी डाले जाते हैं, जो जगदीश के अनुसार ‘सीक्रेट’ हैं।
इस बारे में बात करते हुए जगदीश कहते हैं,
“हम अभी कई और तरह की चाय पर आर एंड डी कर रहे हैं और जल्द ही हम नए फ्लेवर्स के साथ आएंगे। चाय की नई वैराइटी में हम त्वचा को स्वस्थ रखने वाले प्राकृतिक तत्वों का भी उपयोग करने वाले हैं।”
जगदीश का दावा है कि उनके पास इम्यूनिटी बूस्टर चाय भी है, जिसमें मुलेठी, अदरख, हल्दी और काढ़ा आदि का उपयोग किया जाता है। जगदीश का कहना है कि कोरोना वायरस की शुरुआत के साथ ही उन्होने इस दिशा में आर एंड डी पर काम तेजी से शुरू कर दिया था और देश में कोरोना बढ़ने के साथ उनकी इस चाय को खूब पसंद भी किया गया है।
सामने आईं चुनौतियाँ
जगदीश बताते हैं कि वो एक निम्न-मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं, जहां कभी किसी ने पहले व्यापार नहीं किया है। उनके अनुसार उन्हे शुरुआत से ही अपने फैसले खुद लेने पड़े, क्योंकि उन्हे कोई गाइड करने वाला कोई नहीं था।
शुरुआती दिनों की बात करते हुए जगदीश कहते हैं,
“होटल मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी करने के बाद मेरी नौकरी अच्छी सैलरी पर पीवीआर में लग गई थी, जो मेरे घर से महज 5 किलोमीटर दूरी पर था, लेकिन मैंने उसे ठुकराते हुए महज 34 सौ रुपये की एक दूसरी नौकरी ली, क्योंकि मुझे वहाँ सीखने के लिए काफी कुछ मिल रहा था।”
जगदीश ने मिडिल ईस्ट में भी नौकरी की, लेकिन न्यूज़ीलैंड में व्यापार सेट होने और पूरे परिवार के पास ग्रीन कार्ड होने के बावजूद उनके भारत आने के बाद लोग उन्हे अचरज भरी निगाहों से देखते थे।
आज स्टार्टअप कई ब्रांड के साथ जुड़ा हुआ है और लगातार बेहतर राजस्व की तरफ कदम बढ़ा रहा है। अपनी इसी चाय के दम पर जगदीश ने बीते 8 महीनों में 1.2 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है।
कोरोना प्रभाव और भविष्य
जगदीश इस बात पर ज़ोर देते हुए कहते हैं कि कोविड महामारी के दौरान हर व्यापार ने मुश्किलों का सामना किया है, लेकिन यह जरूरी है कि इसे अलग नजरिये से भी देखा जाए। उनके अनुसार स्टार्टअप के लिए यह एकदम सही समय है।
जगदीश कहते हैं,
“कोरोना के चलते शुरू हुए लॉकडाउन ने हमें सोचने और प्लान तैयार करने के लिए पर्याप्त समय दिया है, जिसका सकारात्मक परिणाम अब दिखाई देना चाहिए।”
अपने इस स्टार्टअप के साथ आगे बढ़ते हुए जगदीश भारत की चाय इंडस्ट्री को ग्लोबल स्तर पर एक ऊंचे मुकाम पर देखना चाहते हैं।
वो दुनिया को चाय के अधिक से अधिक फ्लेवर देना चाहते हैं।
स्टार्टअप अब पूरे भारत में अपने कैफे खोलने की दिशा में कदम बढ़ा रहा है।
इसी के साथ जगदीश अब टी लीफ को भी भारत और वैश्विक बाज़ार में उसे लांच करने की ओर बढ़ रहे हैं।
स्टार्टअप द्वारा तैयार की गई योग माया चाय में 35 तरह की हर्ब्स और स्पाइस का मिश्रण डाला गया है, इसी के साथ स्टार्टअप निरोग्य चाय और बच्चों के लिए भी खास तरह की किड्स चाय को भी विकसित करने का काम किया है।
जगदीश का दावा है कि इस चाय को लोगों को शारीरिक तौर पर लाभ देने के लिए तैयार किया गया है।