MSMEs के लिए जल्द आ सकती है क्रेडिट कार्ड स्कीम, जानें क्या मिलेगा फायदा
देश में 6.3 करोड़ MSME हैं, जो 11 करोड़ नौकरियां प्रदान कर रहे हैं.
सरकार व्यापारियों के लिए एक मर्चेंट क्रेडिट कार्ड (एमसीसी) स्कीम और सूक्ष्म इकाइयों के लिए एक व्यापार क्रेडिट कार्ड (वीसीसी) को अंतिम रूप दे रही है. इसका उद्देश्य उन्हें आगे क्रेडिट समर्थन देना है. यह बात इकनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से कही गई है. VCC, माइक्रो यूनिट्स के लिए क्रेडिट गारंटी फंड के तहत 50 दिनों तक की ब्याज-मुक्त क्रेडिट अवधि और लगभग 85% कवरेज की पेशकश कर सकता है. वहीं MCC स्कीम किसान क्रेडिट कार्ड के समान मर्चेंट्स को रियायती ब्याज दर पर ऋण की पेशकश कर सकती है.
रिपोर्ट में एक सरकारी अधिकारी के हवाले से कहा गया, "एमसीसी स्कीम बैंकों को अपने उत्पाद को बोर्ड द्वारा अनुमोदित पॉलिसीज के साथ अलाइन करने के लिए लचीलापन प्रदान करेगी." अधिकारी के मुताबिक, स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया, वीसीसी के लिए डिटेल्स पर काम कर रहा है. वीसीसी का उद्देश्य उद्यम पोर्टल पर रजिस्टर होने वाली इकाइयों के लिए प्रोत्साहन के तौर पर काम करना है.
नैनो-MSME को प्रोत्साहित करना है लक्ष्य
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि विचार नैनो-एमएसएमई जैसे सड़क के किनारे के विक्रेताओं और किराना को प्रोत्साहित करना है, और उन्हें औपचारिक वित्तीय प्रणाली में प्रवेश करने में मदद करना है. उन्होंने कहा, "MSMEs के प्रत्येक समूह के लिए कार्ड लाभ में एकरूपता होनी चाहिए क्योंकि मौजूदा एमएसएमई कार्ड अपनी शर्तों में भिन्न हैं."
11 करोड़ नौकरियां MSMEs से
धीमी वैश्विक अर्थव्यवस्था के बीच क्रेडिट प्रवाह में निश्चितता सुनिश्चित करने के लिए सरकार एमएसएमई को उनकी कार्यशील पूंजी की जरूरतों के लिए कम ब्याज दर पर अल्पकालिक ऋण प्रदान करने की योजना बना रही है. देश में 6.3 करोड़ एमएसएमई हैं, जो 11 करोड़ नौकरियां प्रदान कर रहे हैं. भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में छोटे उद्योगों का बड़ा योगदान है. दिसंबर माह की शुरुआत में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा (Bhanu Pratap Singh Verma) ने कहा था कि सरकार ने देश के सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम क्षेत्र (MSME) की पूर्ण क्षमता का उपयोग कर अर्थव्यवस्था में योगदान को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है.
MSMEs को समर्थन देने के लिए कुछ अहम पहल
MSME मंत्रालय ने देश भर में सूक्ष्म, लघु और मंझोले उद्यम (MSMEs) सेक्टर के प्रचार और विकास के लिए विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों को लागू किया हुआ है. इनमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), सूक्ष्म और लघु उद्यम-क्लस्टर विकास कार्यक्रम (MSE-CDP), पारंपरिक उद्योगों के उत्थान के लिए कोष की योजना (SFURTI), सूक्ष्म और लघु उद्यमों के लिए ऋण गारंटी योजना (CGTMSE) और इनोवेशन, ग्रामीण उद्योग और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए एक योजना (ASPIRE) शामिल हैं. सरकार ने देश में MSMEs को समर्थन देने के लिए हाल ही में कई पहल की हैं, जिनमें से कुछ इस तरह हैं...
- MSME सहित अन्य कारोबारों के लिए 5 लाख करोड़ रुपये का कोलेटरल फ्री ऑटोमेटिक लोन
- MSME आत्मनिर्भर भारत कोष के माध्यम से 50,000 करोड़ रुपये का इक्विटी निवेश
- MSME के वर्गीकरण के लिए नए संशोधित मानदंड
- 200 करोड़ रुपये तक की खरीद के लिए कोई ग्लोबल टेंडर नहीं
- ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए एमएसएमई के लिए "उद्यम रजिस्ट्रेशन"
- MSME की शिकायत निवारण और हैंडहोल्डिंग समेत ई-गवर्नेंस के कई पहलुओं को कवर करने के लिए जून 2020 में ऑनलाइन पोर्टल "चैंपियंस" लॉन्च
- 02 जुलाई, 2021 से खुदरा और थोक व्यापारों को MSMEs में शामिल करना
- MSME की स्टेटस में ऊपर की ओर बदलाव के मामले में गैर-कर लाभ को 3 साल के लिए बढ़ाया गया
Edited by Ritika Singh