आत्मनिर्भर ऐप चैलेंज जीतने के बाद ट्विटर के भारतीय विकल्प Koo ने एक साल में कैसे बनाये 3 मिलियन से अधिक यूज़र्स
[द टर्निंग पॉइंट] Koo क्यों और कैसे 10X यूजर्स की वृद्धि के साथ सुर्खियां बटोर रहा है।
रविकांत पारीक
Monday February 15, 2021 , 4 min Read
" 'द टर्निंग पॉइंट' सीरीज़ के तहत, आज हम Koo के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका द्वारा स्थापित किया गया है, जो ट्विटर के लिए भारतीय विकल्प के रूप में बहुत ध्यान आकर्षित कर रहा है।"
भारतीय भाषाओं पर केंद्रित माइक्रोब्लॉगिंग ऐप Koo इस समय कुछ खास सुर्खियां बटोर रहा है। पिछले कुछ हफ्तों में, Koo ने यूजर बेस में भारी वृद्धि देखा है क्योंकि केंद्रीय मंत्रियों और सरकारी विभागों ने होमग्राोन प्लेटफॉर्म का समर्थन किया है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ट्विटर पर अपने रुख को प्रसारित करने के लिए Koo का उपयोग कर रहा है ताकि भड़काऊ सामग्री को हटाने के अपने आदेश का पूरी तरह से पालन किया जा सके। मंत्री - पीयूष गोयल सहित - अधिक से अधिक भारतीयों से प्लेटफॉर्म पर जाने का आग्रह कर रहे हैं। Koo के पास अब तीन मिलियन से अधिक यूजर्स हैं और पिछले कुछ दिनों में डाउनलोड्स में 10X की वृद्धि हुई है, और तीन मिलियन यूजर्स को पार कर गया है।
ट्विटर के लिए भारत के विकल्प के रूप में, Koo ऐप को एक साल पहले ही लॉन्च किया गया था। इसके कुछ यूजर्स में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और रविशंकर प्रसाद, लेखक अमीश त्रिपाठी, श्री सद्गुरु, क्रिकेटर अनिल कुंबले और जवागल श्रीनाथ, डॉ. अश्वथ नारायण (कर्नाटक के डिप्टी सीएम), सांसद तेजस्वी सूर्या, आशुतोष राणा, आशीष विद्यार्थी और अन्य राजनेता, IAS अधिकारी, अभिनेता शामिल हैं।
2020 में, Koo ने भारत सरकार द्वारा घोषित आत्मनिर्भर ऐप चैलेंज भी जीता। इसे 2020 के लिए Google Play Store के सर्वश्रेष्ठ दैनिक आवश्यक ऐप (Best Daily Essential App) का नाम भी दिया गया, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मन की बात में इसका विशेष उल्लेख किया गया।
हाल ही में, भारतीय आंत्रप्रेन्योर्स के एक समूह ने Koo में निवेश किया, जिनमें कुछ नाम हैं - BookMyShow से आशीष हेमराजानी, Bounce के विवेकानंद, Zerodha के निखिल कामथ कंपनी के कैप टेबल में प्रवेश करने वाले कई अन्य लोगों के साथ। कंपनी ने Bombinate Technologies (Koo की पेरेंट कंपनी) ने भारतीय निवेशक मोहनदास पाई की 3one4 Capital के नेतृत्व में $ 4.1 मिलियन का निवेश जुटाया था। इस राउंड में Accel Partners, Kalaari Capital, Blume Ventures, और Dream Incubator की भागीदारी भी देखी गई।
2020 में लॉन्च किये गये Koo को सफलता रातोंरात हासिल नहीं हुई। फाउंडर अप्रमेय राधाकृष्ण और मयंक बिदावतका सीरियल आंत्रप्रेन्योर हैं जो TaxiForSure, Vokal, और redBus जैसे स्टार्टअप्स के लिए प्रसिद्ध हैं।
कैसे हुई इसकी शुरूआत
फाउंडर 2017 से भारत में गैर-अंग्रेजी उपयोगकर्ताओं को सक्षम करने की दिशा में काम कर रहे थे, जो कि उन लोगों के लिए एक P2P जानकारी साझा करने वाला स्टार्टअप है, जो ज्यादातर ग्रामीण क्षेत्रों से संबंधित हैं, और पहली बार इंटरनेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।
Vokal का निर्माण करते समय, फाउंडर्स ने देखा कि कई यूजर अपने विचार साझा करने के इच्छुक थे। जबकि Vokal के पास पहले से ही इसके लिए एक विशेषता थी, उन्होंने महसूस किया कि स्थानीय भाषा इंटरनेट उपयोगकर्ताओं के पास इंटरनेट पर खुद को व्यक्त करने के लिए एक विशेष मंच नहीं है।
इसने Koo को जन्म दिया, जिसने लॉन्च होते ही कर्षण देखना शुरू कर दिया, जो तब बढ़ गया जब भारत सरकार ने पिछले साल जून में चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया।
अप्रमेय के अनुसार, चूंकि भारत में बड़े पैमाने पर स्थानीय भाषाओं में कोई माइक्रोब्लॉगिंग व्यवहार नहीं था, इसलिए Koo का उद्देश्य लोगों को अपनी भाषा में खुद को अभिव्यक्त करने में सक्षम बनाना है।
ऐप एक ट्विटर जैसा अनुभव प्रदान करता है जहां यूजर हिंदी, कन्नड़, तेलुगु, तमिल, बंगाली, गुजराती और मराठी जैसी भारतीय भाषाओं में अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। यूजर टेक्स्ट / ऑडियो / वीडियो या इन मोड के संयोजन में पोस्ट कर सकते हैं।
Koo यूजर्स को टेकस्ट या एक मिनट के शॉर्ट ऑडियो या वीडियो के 400 कैरेक्टर्स में अपने विचारों को व्यक्त करने में सक्षम बनाता है। ऐप जल्द ही अंग्रेजी में भी लॉन्च होगा।
यह माइक्रोब्लॉगिंग स्पेस में सीधे ट्विटर के साथ प्रतिस्पर्धा करता है, और अगले साल तक 25+ अन्य भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा।
‘द टर्निंग प्वाइंट’ शॉर्ट आर्टिकल्स की एक सीरीज़ है जो उस क्षण पर केंद्रित है जब कोई आंत्रप्रेन्योर अपने शानदार आइडिया के साथ आगे बढ़ता है।