साल 2022 में इन 7 एडटेक स्टार्टअप्स को बंद करना पड़ा अपना कारोबार
इंवेस्टर्स फंडिंग से हाथ खींचने और फंडिंग संकट के कारण कंपनियों को न सिर्फ अपनी विस्तार योजनाओं को रोकना पड़ा बल्कि कॉस्ट कटिंग के लिए बड़े पैमाने पर छंटनी भी शुरू हो गई. इस दौरान कई कंपनियों को अपना कारोबार बंद भी करना पड़ गया.
पिछले 5 साल में भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम ने अविश्वसनीय ग्रोथ दर्ज की है. इसके कारण भारत अमेरिका और चीन के बाद दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम बन गया है.
वहीं, इस दौरान एजुकेशन-टेक्नोलॉजी (एडटेक) कंपनियों की संख्या भी धीरे-धीरे बढ़ने लगी थी. हालांकि, कोविड-19 महामारी आने के बाद जैसे ही लॉकडाउन लगा और स्कूल, कॉलेज, कोचिंग संस्थान और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स बंद हो गए.
यही वह दौर था जब स्टूडेंट्स ऑनलाइन लर्निंग की तरफ मुड़ने लगे और ऐसे एडटेक कंपनियों ने इस मौके का भरपूर फायदा उठाया. इस दौरान एडटेक कंपनियों की मांग में भारी उछाल आया.
हालांकि, कोविड-19 महामारी के उतार के साथ एडटेक कंपनियों के सामने चुनौती आनी शुरू हो गई क्योंकि ऑफलाइन स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और कोचिंग क्लासेज खुल गए. इसका असर यह हुआ कि ऑनलाइन लर्निंग की डिमांग कम होने लगी और इन कंपनियों का प्रॉफिट भी कम हो गया.
इसके कारण इंवेस्टर्स फंडिंग से हाथ खींचने लगे और फंडिंग संकट आने पर कंपनियों को न सिर्फ अपनी विस्तार योजनाओं को रोकना पड़ा बल्कि कॉस्ट कटिंग के लिए बड़े पैमाने पर छंटनी भी शुरू हो गई. इस दौरान कई कंपनियों को अपना कारोबार बंद भी करना पड़ गया.
साल 2022 की शुरुआत से अब तक एडटेक कंपनियां 11 हजार कर्मचारियों को निकाल चुकी हैं. वहीं, प्राइवेट इंवेस्टमेंट ट्रैकर Tracxn के आंकड़ों के पता चलता है कि जनवरी से सितंबर के 9 महीने के दौरान फंडिंग 45 फीसदी तक घटकर 2.2 अरब डॉलर रह गई थी.
1. लीडो लर्निंग (Lido Learning)
K-12 पर आधारित एडटेक स्टार्टअप लीडो लर्निंग
के निवेशकों में यूनिलेज़र वेंचर्स, शादी डॉट कॉम के फाउंडर अनुपम मित्तल, पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा, बीएसीई वेंचर्स, 9 यूनिकॉर्न्स और मुकेश बंसल शामिल थेइस साल की शुरुआत से ही K12 पर आधारित एडटेक स्टार्टअप सभी गलत कारणों से सुर्खियां बटोरता रहा. सबसे पहले तो मुंबई स्थित एडटेक स्टार्टअप, लीडो लर्निंग 2022 में अपने कर्मचारियों की छंटनी करने वाला पहला टेक स्टार्टअप बन गया. फरवरी में इसने 150 से अधिक कर्मचारियों की छंटनी की.
वहीं, अपने एक निवेशक के पीछे हटने के बाद स्टार्टअप फंडिंग हासिल करने के लिए नया राउंड शुरू करने में भी विफल रहा. इसके बाद स्टार्टअप के संस्थापक साहिल सेठ ने वेदांतु और रिलायंस के साथ विलय की कोशिश की. हालांकि, उसकी यह कोशिश भी बेकार साबित हुई. इसके बाद लीडो लर्निंग को आखिरकार सितंबर में दिवालिया के लिए आवेदन करने के लिए मजबूर होना पड़ गया. इसके साथ ही यह इस साल बंद होने वाली पहली कंपनी बन गई.
2. उदय (Udayy)
गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप उदय
इस साल अपना कारोबार बंद करने वाली दूसरी एडटेक कंपनी थी. किंडरगार्टन (KG) से लेकर 12वीं तक के बच्चों को अंग्रेजी और मैथमेटिक्स ऑफर करने वाली उदय के ग्राहकों की संख्या में स्कूलों के दोबारा खुलने के साथ ही कमी आने लगी थी.उदय की स्थापना साल 2020 में सौम्या यादव, महरक गर्ग और करन वाष्णे ने की थी. कंज्यूमर अधिग्रहण की बढ़ती लागत और यूजर्स के रुकने की कम दर के कारण स्टार्टअप को भारी नुकसान हुआ. यही कारण था कि अप्रैल में इसके फाउंडर्स ने इससे अपने हाथ खींच लिए और कंपनी बंद हो गई.
अप्रैल तक कंपनी ने 13.5 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी. निवेश करने वालों में अल्फा वेब इनक्यूबेशन, इंफो एज वेंचर्स, नॉर्वेस्ट वेंचर पार्टनर्स, कुनाल शाह और अन्य एंजल इंवेस्टर्स शामिल थे.
3. सुपरलर्न (SuperLearn)
इस साल बंद होने वाली तीसरी एडटेक स्टार्टअप
थी. इसकी स्थापना साल 2022 में कुनाल भाटिया और रिकी गुप्ता ने की थी. स्कूलों के खुलने के बाद जून में इसने अपना कारोबार बंद कर दिया. सुपरलर्न बच्चों के लिए स्कूल के बाद का एक्स्ट्राकरिकुलर प्रोग्राम पेश करता था.भाटिया ने बताया था कि फंडिंग बंद होने और इंवेस्टर्स का भरोसा डगमगाने के कारण उन्हें स्टार्टअप को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा. भाटिया ने कहा था कि उनके पास केवल इतनी पूंजी बची है जो केवल कुछ महीने ही कंपनी को चला सकती है. अपने ऑपरेशन के दौरान स्टार्टअप ने इनक्यूबेट फंड और एंजेल इन्वेस्टर्स विशाल भार्गव, रोहित राजदान, पद्मनाभन थंगराजन, अनुराग गुप्ता और करण तलवार से 330K जुटाए थे.
4. क्यूइनवन (Qin1)
नोएडा स्थित एडटेक स्टार्टअप Qin1 ने भी इस साल की पहली छमाही में अपना कारोबार बंद कर दिया था. इसकी स्थापना ईशान गुप्ता और आरती गुप्ता ने साल 2019 में की थी.
यह कोडिंग गेम्स, स्टोरीज, एनिमेशन, कंप्यूटर के फंडामेंटल्स, ऐप डेवलपमेंट, पाइथॉन विद एआई, साइबर सिक्योरिटी का फंडामेंटल्स और हैकिंग पर कोर्सेज ऑफर करता है.
फाउंडर्स ने कहा था कि फंडिंग की कमी और अधिग्रहण के अवसर न मिलने के कारण स्टार्टअप को अपना ऑपरेशन बंद करना पड़ा. स्टार्टअप ने आखिरी बार वेंचर कैटेलिस्ट्स से प्री-सीरीज ए राउंड में एक अज्ञात राशि जुटाई थी. ओला के अंकित भाटी और रॉकेट इंटरनेट के सुदीप साहिनी ने भी इसमें निवेश किया था.
5. क्रेजोडॉटफन (Crejo.Fun)
कोविड-19 के उतार के बाद स्कूलों के दोबारा खुलने और फंडिंग संकट के कारण इस साल बंद होने वाली एक और एडटेक कंपनी
थी. इस बेंगलुरु स्थित एडटेक स्टार्टअप के बंद होने की घोषणा उसके फाउंडर्स ने इस साल जून में की थी.इसकी स्थापना अंकित अग्रवाल और विकास बंसल ने की थी. यह एडटेक स्टार्टअप स्टूडेंट्स को उनका पैशन और इंटरेस्ट खोजने में मदद करने का दावा करती था. अपने पूरे कार्यकाल के दौरान इस स्टार्टअप ने कुल 3 मिलियन डॉलर की फंडिंग जुटाई थी. यह निवेश मैट्रिक्स पार्टनर्स और 021 कैपिटल ने किया था.
6. अमेजन अकेडमी (Amazon Academy)
कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान एडटेक सेक्टर में भारी उछाल को देखते हुए अमेजन ने पिछले साल ही अपने अमेजन अकेडमी की शुरुआत की थी जिसे पहले 'JEE Ready' कहा जाता था. प्लेटफॉर्म जेईई (संयुक्त प्रवेश परीक्षा) के छात्रों को अन्य ऑफर्स के साथ मॉक टेस्ट, लाइव लेक्चर्स, रिकॉर्डेड लर्निंग कंटेंट ऑफर कर रहा था.
अमेजन ने नवंबर में कहा कि वह अगस्त 2023 से भारत में अमेज़न अकेडमी (Amazon Academy) के ऑपरेशन को बंद कर रहा है. इसके साथ ही वह मौजूदा अकेडमिक सेशन में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट्स को उनकी पूरी फीस वापस कर देगा.
7. अनअकेडमी (Unacademy)
इस साल की शुरुआत में एडटेक दिग्गज
ने USMLE® परीक्षा तैयारी कार्यक्रम शुरू किया था. इस कोर्स को भारतीय एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) को यूएस में यूनाइटेड स्टेट्स मेडिकल लाइसेंसिंग एग्जामिनेशन (USMLE®) को क्लियर करने में मदद करने के लिए डिजाइन किया गया था.हालांकि, कार्यक्रम के लॉन्च के चार महीने बाद, स्टार्टअप ने कैश बर्न को कम करने के लिए पाठ्यक्रम को समाप्त करने का फैसला किया क्योंकि इससे उसकी लागत नहीं निकल पा रही थी.