सबके पास होगा 5 रुपये में अनलिमिटेड हाई-स्पीड इंटरनेट, दिल्ली का यह स्टार्टअप कर रहा है कमाल
डिजिटलीकरण आज समय की मांग बन चुकी है और भारत सरकार डिजिटल इंडिया की पहुंच को अधिकतम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। यह एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसका उद्देश्य देश को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और नॉलेज इकॉनमी में बदलना है। हालांकि यह डिजिटल सपना भारतीय आबादी के एक बड़े हिस्से के लिए संभव नहीं है, क्योंकि वे अपने घरों के लिए महंगे हाई-स्पीड इंटरनेट प्लान नहीं खरीद सकते हैं।
दिल्ली स्थित टेक्नालजी स्टार्टअप i2e1 का लक्ष्य है कि 'एक्स्ट्रा' इंटरनेट के लिए अपनी तकनीक और इनोवेटिव बिजनेस मॉडल का उपयोग करके जनता को कम से कम 5 रुपये प्रति दिन के हिसाब से हाई-स्पीड इंटरनेट प्रदान करें। स्टार्टअप का उद्देश्य साफ है कि वह अगले 500 मिलियन लोगों को को इंटरनेट से जोड़ने में में मदद करके सही डिजिटल समावेशन सुनिश्चित करना चाहता है।
स्टार्टअप की यह कहानी साल 2015 में शुरू हुई जब सत्यम दरमोरा और उनके सहयोगियों निशित अग्रवाल (सीपीओ), मानस द्विवेदी (सीएसओ) और आशुतोष मिश्रा (सीटीओ) ने आईआईटी दिल्ली में i2e1 की स्थापना की। आज i2e1 'इन्फॉर्मेशन टू एव्रिवन' के उद्देश्य के साथ आगे बढ़ रहा है। यह भारत भर में इंटरनेट वितरण में क्रांति लाने के लिए सरकार के क्रांतिकारी PM-WANI आर्किटेक्चर का उपयोग करता है।
रिटेलरों के लिए टेक और सोल्यूशंस का निर्माण
विकास के पहले चरण में साल 2016 और 2020 के बीच स्टार्टअप ने 52 शहरों में 4,000 स्थानों पर खुदरा विक्रेताओं और उपभोक्ताओं साथ जोड़ते हुए हाई-स्पीड इंटरनेट की समस्या को हल किया है। कई छोटे खुदरा विक्रेताओं ने पहले ही इंटरनेट कनेक्शन ले लिया था लेकिन वे इसका पूरी तरह से उपयोग नहीं कर रहे थे। इसलिए i2e1 ने उन्हें एक सेवा के रूप में मुफ्त वाईफाई देते हुए अपने ग्राहकों के साथ "एक्स्ट्रा इंटरनेट" साझा करने की अनुमति देते हुए एक समाधान तैयार किया।
i2e1 के सीईओ और सह-संस्थापक सत्यम कहते हैं,
“जब हमने एक टेक प्लेटफॉर्म बनाया तो हमने क्लाउड-आधारित उपकरण बनाए जो किसी भी दुकानदार/खुदरा विक्रेता को अपने ग्राहकों को मुफ्त वाईफाई देने में मदद करते हैं। अधिकांश के पास इंटरनेट कनेक्शन था और वे उसका केवल 10 प्रतिशत उपयोग कर रहे थे बाकी 90 प्रतिशत बर्बाद हो रहा था। i2e1 के साथ इसे एक ब्रांडेड सिग्नल में बदला जा सकता है और ग्राहक अपने फोन नंबर का उपयोग करके इस नेटवर्क में लॉग इन कर सकते हैं।”
इस चरण में i2e1 ने एक ऐसी सेवा प्रदान की जो खुदरा विक्रेताओं को ग्राहकों को प्रमाणित करने और मुफ्त इंटरनेट की पेशकश करके ब्रांड जागरूकता पैदा करने की अनुमति देती है, जहां वे इंटरनेट उपयोग पर सीमा भी सेट कर सकते हैं। ये मुख्य रूप से रेस्तरां और कैफे जैसे चायोस, चाय प्वाइंट और साथ ही छोटे खुदरा विक्रेता थे।
प्लेटफ़ॉर्म ने एक CRM बनाया जिसने खुदरा विक्रेताओं को यूजर्स के व्यवहार को समझने और यूजर्स की जानकारी को कैप्चर करने की अनुमति दी जिससे यह खुदरा विक्रेताओं और ग्राहकों दोनों के लिए एक जीत की स्थिति बन गई।
PM-WANI के साथ मॉडल को आगे ले जाना
स्टार्टअप ने यह महसूस करते हुए कि सस्ती इंटरनेट उपलब्धता सुनिश्चित करना संभव है 2016 में अपने इस कॉन्सेप्ट की शुरुआत की। संस्थापकों ने ट्राई से अनुरोध किया कि अतिरिक्त इंटरनेट वाले किसी भी व्यक्ति को इसे किसी और को बेचने की अनुमति दी जाए, जिससे आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सस्ती दर पर हाई-स्पीड इंटरनेट सेवा मिल सके।
सीईओ के अनुसार, "इससे पहले केवल एक लाइसेंस प्राप्त इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) ही इंटरनेट बेच सकता था।"
सत्यम कहते हैं कि उनके मौजूदा काम और तकनीक ने सरकार के साथ जुड़कर इस बात की अनुमति दी कि यह डेटा सुरक्षा से समझौता किए बिना यह संभव है और यह बहुत ही सस्ते मूल्य पर हाई-स्पीड इंटरनेट तैयार करेगा। यह अंततः प्राइम मिनिस्टर वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (पीएम-डब्ल्यूएएनआई) के परिणामस्वरूप साकार हुआ, जिसका उद्देश्य सार्वजनिक वाई-फाई हॉटस्पॉट प्रदाताओं के माध्यम से देश भर में ब्रॉडबैंड का प्रसार करना है और इसे दिसंबर 2020 में लॉन्च किया गया था।
जनवरी 2021 में i2e1 ने पहले PM-WANI अनुपालन समाधान Wiom की स्थापना की। Wiom घरों में हाई-स्पीड अनलिमिटेड इंटरनेट कम से कम 5 रुपये प्रति दिन, 20 रुपये प्रति सप्ताह और 50 रुपये महीने में उपलब्ध कराता है।
बाजार और आगे का रास्ता
दुनिया भर में 80 प्रतिशत इंटरनेट घरेलू इंटरनेट के रूप में उपयोग किया जाता है लेकिन भारत यहाँ पिछड़ा है। चीन में यह 92 प्रतिशत और रूस और ब्राजील में 60 प्रतिशत की तुलना में भारत में यह केवल 7 प्रतिशत है। दूरसंचार क्षेत्र में हाल ही में PM-WANI रेगुलेटरी परिवर्तन का उपयोग करते हुए Wiom ने एक साझा इंटरनेट इकॉनमी प्लेटफॉर्मबनाया है जो उच्च गति ( 30 एमबीपीएस तक) और 60 रुपये महीने में प्रति यूजर असीमित इंटरनेट उपलब्ध करा रहा है। i2e1 ने अब तक ओमिडयार नेटवर्क, ऑक्सानो वेंचर्स और 3one4 कैपिटल जैसे निवेशकों से 35 लाख डॉलर जुटाए हैं।
सत्यम कहते हैं,
"PM-WANI जिसे इंटरनेट का यूपीआई भी कहा जाता है, यह एक पूरी तरह से नया ढांचा है। जैसे UPI ने भुगतान क्षेत्र को बदल दिया वैसे ही WANI का इंटरनेट वितरण स्थान को प्रभावित करना तय है। यह संपत्ति के उपयोग को अधिक कुशल बनाता है और नए प्लेटफॉर्म खिलाड़ियों को अनुमति देता है। किसी भी प्लेटफॉर्म के खेल के लिए पहला मूवर होना मजबूत करता है और हम इससे अवगत हैं। अभी तक इस सटीक श्रेणी में बहुत से खिलाड़ी नहीं हैं।"
स्टार्टअप WIOM ब्रांड नाम के तहत, एक पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA) के रूप में कार्य करता है और यह लाइव होने वाला पहला PDOA था। आज लगभग 10 पीडीओए लाइव हैं। शुरुआती खिलाड़ियों में एचएफसीएल, वाईफाई डब्बा, सीएससी आदि शामिल हैं।
सत्यम कहते हैं,
“PODA व्यक्तियों को सरकार द्वारा अनुमोदित समाधान का उपयोग करके इंटरनेट पुनर्विक्रेताओं के रूप में कार्य करने में मदद करते हैं और बिना किसी परेशानी के ग्राहकों को ब्रॉडबैंड सेवाएं प्रदान करते हैं। यह बदले में खुदरा विक्रेताओं के लिए पीडीओ बनने के लिए रोजगार के अवसरों को बढ़ाता है और सरकार के डिजिटल भारत विजन को बढ़ावा देता है।”
स्टार्टअप कम आय वाले परिवारों को लक्षित कर रहा है और 5 लाख मासिक यूजर्स होने का दावा करता है। फिलहाल टीम का आकार 38 सदस्यों का है वर्तमान में 1 मिलियन डॉलर ARR पर है और 2025 तक 10 मिलियन यूजर्स जोड़ने जा रही है।
सत्यम का कहना है कि i2e1 का लक्ष्य अपने PM-WANI अप्रूव्ड उपकरणों के माध्यम से "हाई-स्पीड, विश्वसनीय और सुरक्षित इंटरनेट सेवाओं के लिए त्वरित और आसान कनेक्टिविटी" प्रदान करके पूरे भारत में एक मिलियन से अधिक साझा इंटरनेट पॉइंट बनाना है।
Edited by Ranjana Tripathi