इस कश्मीरी युवक ने अपनी ‘शिकारा’ को बना दिया वाटर एंबुलेंस, लाखों रुपये खर्च कर बनाई डल झील की इकलौती एंबुलेंस
महामारी के बीच कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए इस समय श्रीनगर में पानी पर तैरती एक खास एंबुलेंस भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है और यह एंबुलेंस सेवा किसी आम एंबुलेंस सेवा से बिल्कुल अलग है।
कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के प्रकोप ने देश भर में लोगों को बुरी तरह प्रभावित किया है। इस दौरान कोरोना से संक्रमित हुए मरीजों को स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, हालांकि ऐसे कठिन समय में जरूरतमंद लोगों की मदद के लिए बड़ी संख्या में लोग सामने भी आए हैं।
महामारी के बीच कोरोना प्रभावित लोगों की मदद के लिए इस समय श्रीनगर में पानी पर तैरती एक खास एंबुलेंस भी लोगों का ध्यान अपनी ओर खींच रही है। गौरतलब है कि यह एंबुलेंस सेवा किसी आम एंबुलेंस सेवा से बिल्कुल अलग है।
शिकारा को बनाया वाटर एंबुलेंस
श्रीनगर के तमाम इलाकों में रहने वाले लोग कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के बढ़ते प्रकोप के बीच जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं से भी वंचित हैं, ऐसे में श्रीनगर के निवासी तारिक अहमद पतलू द्वारा शुरू की गई यह खास एंबुलेंस सेवा एक बेहद जरूरी उद्देश्य को पूरा करने में जुटी है।
इस कठिन समय में लोगों की स्थिति को देखते हुए तारिक ने खुद ही ऐसे जरूरतमंद लोगों की मदद करने का फैसला लिया और अपनी ‘शिकारा’ को वाटर एंबुलेंस में तब्दील कर दिया। तारिक ने अपनी इस खास एंबुलेंस में मरीजों के लिए जरूरी मेडिकल साजो सामान भी मुहैया कराया हुआ है।
खर्च किए 7 लाख रुपये
तारिक इस समय अपनी एंबुलेंस के जरिये ही लोगों को मास्क पहनने के लिए भी जागरूक कर रहे हैं। मीडिया से बात करते हुए तारिक ने बताया कि उनकी इस वाटर एंबुलेंस में जरूरी मेडिकल उपकरण जैसे स्ट्रेचर, व्हीलचेयर, फ़र्स्ट ऐड किड और ऑक्सीजन सिलेन्डर आदि सब कुछ मौजूद है। तारिक ने अपनी शिकारा को इस एंबुलेंस में बदलने के लिए करीब 7 लाख रुपये खर्च किए हैं।
जरूरतमंद मरीजों की मदद में जुटे तारिक अपनी वाटर एंबुलेंस को बराबर सैनेटाइज़ करते रहते हैं। इलाके के लोगों की जरूरतों को देखते हुए तारिक ने सरकार से अनुरोध किया है कि सरकार उनकी इस एंबुलेंस के लिए एक डॉक्टर उपलब्ध कराये जिससे इलाके के लोगों को समय रहते उचित इलाज उपलब्ध कराया जा सके। मौजूदा परिस्थितियों को देखते हुए तारिक सरकार से लोगों के लिए टिलेटर भी उपलब्ध कराने की अपील कर रहे हैं।
जब लोगों ने नहीं की थी मदद
तारिक के अनुसार जैसे ही उन्हे कोई जरूरतमंद मरीज फोन करता है, वे उनकी मदद के लिए फौरन ही रवाना हो जाते हैं। तारिक ने अपनी एंबुलेंस में स्पीकर भी लगाए हुए हैं जिनके जरिये वे लोगों को घरों पर रहने, मास्क पहनने और सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करने के लिए जागरूक भी करते रहते हैं।
गौरतलब है कि बीते साल तारिक खुद भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। तारिक के अनुसार वह उनके लिए सबसे खराब अनुभव था क्योंकि जब वे संक्रमित हुए थे तब कोई भी उनकी मदद के लिए आगे नहीं आया था। तारिक के रिकवर होने के बाद क्षेत्र के लोगों ने उन्हे नाव पर भी चढ़ने से मना कर दिया था।
अपने इस बुरे अनुभव से प्रभावित हुए तारिक इसे सोच को बदलना चाहते थे और इसी उद्देश्य के साथ उन्होने अपनी शिकारा को उन्होने एंबुलेंस में बदलने का निर्णय लिया। मालूम हो कि तारिक की यह एंबुलेंस डल झील की अकेली एंबुलेंस है।