Budget 2023: ऑनलाइन गेमर्स को बजट से मिली निराशा, कितनी भी हो कमाई देना होगा TDS
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यूनियन बजट पेश किया. इस बजट में ऑनलाइन गेमिंग में टीडीएस चार्ज करने के लिए 10000 रुपये की न्यूनतम सीमा को हटा दिया गया है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए यूनियन बजट पेश किया. इस बजट में ऑनलाइन गेमिंग में टीडीएस चार्ज करने के लिए 10000 रुपये की न्यूनतम सीमा को हटा दिया गया है.
मौजूदा इनकम टैक्स नियमों के मुताबिक ऑनलाइन गेम्स के जरिए हुई कमाई पर टीडीएस देना होता है. इतना ही नहीं आईटीआर भरते समय ऑनलाइन गेम्स से जीती हुई रकम को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज यानी अन्य सोर्स से हुई कमाई टैब के अंतर्गत बताना भी होता है.
अगर ऑनलाइन गेम के जरिए 10000 रुपये की कमाई होती है तो उस पर TDS देना होता है. जीती हुई रकम पर 30 फीसदी की दर से टीडीएस काटा जाता है.
बजट में प्रस्तावित बदलाव के मुताबिक अब ऑनलाइन गेमिंग से कितनी भी कमाई हो उस पर गेमर से 30 फीसदी की दर से टीडीएस लिया ही जाएगा.
मिसाल के तौर पर किसी ने 1000 रुपये की एंट्री फीस देकर 36,000 रुपये ऑनलाइन गेम में जीते हैं. तो गेमिंग कंपनी यूजर से (36,000-1000=35,000) 35,000 रुपये पर टीडीएस लेगी.
इसका 30 फीसदी यानी 10,500 रुपये काट कर उसे सरकार को दे दिया जाएगा जबकि बाकी बचे 24,500 रुपये को गेमर के खाते में भेज दिया जाएगा. लेकिन नए नियमों के मुताबिक अगर यूजर की कमाई 10,000 से कम होती है तो भी उसे 30 फीसदी टीडीएस देना होगा.
हालांकि, लॉटरी, क्रॉसवर्ड पजल्स गेम्स वगैरह पर थ्रेसहोल्ड लिमिट 10,000 रुपये बनी रहेगी, लेकिन टीडीएस का कैलकुलेशन वित्त वर्ष के आखिर में कुल कमाई पर लागू होगी.
ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री की ग्रोथ हाल के सालों में कई गुना बढ़ी है. सरकार की तरफ से नियम साफ होने से गेमिंग इंडस्ट्री को भी स्पष्टता मिलेगी. हालांकि स्पष्टता के साथ ही गेमिंग इंडस्ट्री के लिए ये कदम चिंताजनक भी साबित हो सकता है.
सेक्टर को चिंता है कि न्यूनतम सीमा हटने के साथ अब गेमर कितने की भी कमाई हो उसे टीडीएस देना पड़ेगा. ऐसा होने पर गेमर्स की संख्या में गिरावट आ सकती है और सेक्टर की ग्रोथ पर इसका असर पड़ सकता है.
मालूम हो कि लुमिकाई रिपोर्ट के मुताबिक 2021-22 में इंडस्ट्री ने 2.6 अरब डॉलर का रेवेन्यू हासिल किया था. रिपोर्ट में ही 2026 तक इंडस्ट्री का रेवेन्यू 8.6 अरब डॉलर होने का अनुमान दिया गया था.
इंडस्ट्री की ओर से एक और चिंता ये भी जताई गई थी कि फिलहाल मार्केट में कई अनऑर्गनाइज्ड प्लैटफॉर्म्स भी मौजूद हैं जो प्लेयर्स को कई तरह के गेम्स में पार्टिसिपेट करने का मौका देते हैं.
लेकिन ये प्लैटफॉर्म न तो किसी तरह का टैक्स भरते हैं और ना ही किसी तरह का रोजगार देते हैं. ऐसे में अगर यूजर्स से छोटी मोटी कमाई पर भी टीडीएस लिया जाने लगा तो वे अनऑर्गनाइज्ड प्लैटफॉर्म्स की तरफ आकर्षित होंगे, जो इंडस्ट्री की ग्रोथ और रेवेन्यू और दोनों के लिए नकारात्मक होगा.
Edited by Upasana