Budget 2023: इंफ्रास्ट्रक्चर, रेलवे के लिए जानिए क्या हुई घोषणा, पीएम आवास योजना की राशि 66 फीसदी बढ़ाई गई
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 की 7 प्रमुख प्राथमिकताएं – समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र गिनाईं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज फाइनेंशियल ईयर 2023-24 का आम बजट पेश कर दिया है. सीतारमण ने लगातार पांचवीं बार बजट पेश किया है. यह मौजूदा सरकार का अंतिम पूर्ण बजट है, इसलिए इसे चुनावी बजट भी कहा जा रहा है. बजट में लगातार तीसरी बार कैपिटल इंवेस्टमेंट में बढ़ोतरी की गई जबकि प्रधानमंत्री आवास योजना में 66 फीसदी राशि बढ़ाई गई.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023-24 की 7 प्रमुख प्राथमिकताएं – समावेशी विकास, अंतिम मील तक पहुंचना, बुनियादी ढांचा और निवेश, क्षमता को उजागर करना, हरित विकास, युवा और वित्तीय क्षेत्र गिनाईं.
वित्त मंत्री ने विकास और रोजगार के संवाहक के रूप में पूंजीगत निवेश परिवेश में लगातार तीसरे साल बढ़ोतरी की. इस साल कैपिटल इंवेस्टमेंट को 33 फीसदी बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये किया गया. यह जीडीपी का 3.3 फीसदी होगा.
केंद्र के प्रभावी पूंजीगत व्यय का बजट 13.5 लाख करोड़ रुपये रखा गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि यह जीडीपी का 4.5 फीसदी होगा.
वित्त वर्ष 2022-23 में परिव्यय को 35.4 फीसदी बढ़ाकर 7.50 लाख करोड़ रुपये किया गया था. पिछले साल यह 5.54 लाख करोड़ रुपये था. यह 2019-20 में किए गए परिव्यय का लगभग तीन गुना होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अलग-अलग सेक्टर में 100 ट्रांसपोर्ट परियोजनाएं शुरू की जाएंगी. ट्रांसपोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर पर 75 हजार करोड़ रुपये आंवटित किए गए.
पीएम आवास योजना के लिए राशि 66 फीसदी बढ़ी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर हर साल 10 हजार करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. शहरी इंफ्रास्ट्रक्चर का जिम्मा NHB को सौंपा गया है. पीएम आवास योजना के लिए राशि 66 फीसदी बढ़ाकर 79 हजार करोड़ रुपये किया गया.
बता दें कि, भारत सरकार ने 2022 तक सभी नागरिकों को किफायती आवास उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 2015 में प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की शुरुआत की थी. परियोजना को 2024 तक बढ़ाया गया है.
सरकार ने क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम (सीएलएसएस) के माध्यम से घर खरीदने या निर्माण के लिए ऋण लेते समय अपने लाभार्थियों को ब्याज में सब्सिडी देने की उम्मीद की थी.
यह योजना मध्यम-आय वाले समुदायों, आर्थिक रूप से वंचित समूहों (EWS) और निम्न-आय वाले समूहों (LIG) की मदद के लिए डिज़ाइन की गई थी. यह योजना संचालित क्षेत्रों के आधार पर दो श्रेणियों में विभाजित है: प्रधान मंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) और प्रधान मंत्री आवास योजना ग्रामीण (पीएमएवाई-जी).
वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कर्नाटक की ऊपरी भद्रा परियोजना को 53 हजार करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी.
रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये का बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ के व्यव का प्रावधान किया गया है. रेलवे के बजट में यह बढ़ोतरी साल 2013-14 के बाद सबसे अधिक है. साल 2013-14 की तुलना में रेलवे के लिए आवंटित किया गया बजट 9 गुना अधिक है.
बता दें कि, साल 2017 के पहले रेलवे बजट को आम बजट से अलग पेश किया जाता था. पहले रेलवे बजट को आम बजट के एक दिन पहले रेलमंत्री द्वारा संसद के पटल पर प्रस्तुत किया जाता था.
हालांकि, मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में 92 साल की पुरानी प्रथा को समाप्त करके साल 2017 से ही रेलवे बजट की घोषणाएं आम बजट में की जाने लगी. रेलवे बजट को अलग से पेश किए जाने की प्रथा को समाप्त करते हुए तत्कालीन वित्त मंत्री स्व. अरुण जेटली ने उस आम बजट को पेश किया था.
बता दें कि भारत का पहला रेल बजट ब्रिटिश शासन के समय में सन 1924 में पेश किया गया था. इसके पहले रेल बजट को आम बजट के साथ प्रस्तुत किया जाता था. साल 1920-21 में एकवर्थ कमेटी ने रेल बजट को अलग से पेश करने को लेकर एक रिपोर्ट सौंपी थी.
Edited by Vishal Jaiswal