इस बार Budget 2023 में किसानों से लेकर आम आदमी तक के लिए हुईं ये बड़ी घोषणाएं
मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट है. आइए जानते हैं किसानों और आम आदमी से लेकर तमाम बिजनेस तक के लिए क्या बड़ी घोषणाएं हुई हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने आज देश का बजट (Union Budget 2023-24) पेश किया. मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का ये आखिरी पूर्ण बजट है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) में मंगलवार को कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 6-6.8 फीसदी तक रह सकती है. ऐसे में इस बजट से बहुत सारी उम्मीदें थीं और सरकार ने इस बजट में कई अहम घोषणाएं की भी हैं. तेजी से बढ़ती डिजिटल कनेक्टिविटी में स्टार्टअप और आईटी सेक्टर के लिए बहुत सारे फायदे वाली घोषणाएं हो सकती हैं. आइए जानते हैं किसानों और आम आदमी से लेकर तमाम बिजनेस तक के लिए क्या बड़ी घोषणाएं (Budget Highlights) हुई हैं.
अमृत काल का पहला बजट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बजट को अमृत काल का पहला बजट कहा. वह बोलीं कि 80 करोड़ लोगों को 28 महीनों तक मुफ्त अनाज मुहैया कराया, ताकि लोग भूखे ना सोएं. पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत करीब 2 लाख करोड़ रुपये का खर्च मोदी सरकार ने उठाया.
इस बजट में इन 7 क्षेत्रों पर फोकस
1. समावेशी विकास
2. वंचितों को वरीयता
3. बुनियादी ढांचे और निवेश
4. क्षमता विस्तार
5. हरित विकास
6. युवा शक्ति
7. वित्तीय क्षेत्र
रोजगार पैदा करना है अहम मकसद
वित्त मंत्री के अनुसार बजट 2023 का मकसद रोजगार पैदा करना और आर्थिक व्यवस्था को मजबूत करना है. महिलाओं का आर्थिक सशक्तिकरण करना जरूरी है. ग्रामीण महिलाओं के समूहों को बढ़ावा दिया जाएगा. उन्हें कच्चा माल दिया जाएगा, मार्केटिंग की जानकारी दी जाएगी, ताकि वह सशक्त हो सकें. पर्यटन में अपार संभावनाएं हैं, जिसमें युवाओं के लिए नौकरी और उद्यम के शानदार मौके हैं. पीपीपी मॉडल के तहत इसमें काम किया जाएगा और इसे बढ़ावा दिया जाएगा.
एग्रीटेक सेक्टर के लिए बड़ी घोषणाएं
एग्रीटेक सेक्टर के विकास के लिए सरकार ने इस बजट में अहम घोषणा की है. सरकार ने एक एग्रीकल्चर एक्सिलरेटर फंड बनाया है, जिससे एग्रीटेक स्टार्टअप खोलने के लिए युवाओं को बढ़ावा दिया जाएगा. सरकार एक कृषि वर्धक निधि लाएगी, जिसके तहत करीब 2.2 लाख करोड़ रुपये लगाए जाएंगे.
किसानों को राज्यों और इंडस्ट्री के सहयोग से मार्केट से संपर्क करने की व्यवस्था की जाएगी. इससे किसानों को मार्केट तक पहुंच हासिल होगी. साथ ही सरकार कपास की फसल की उत्पादका बढ़ाने पर जोर देगी. इसके अलावा आत्मनिर्भर स्वच्छ पौध कार्यक्रम पर भी फोकस रहेगा.
'श्री अन्न' को दिया जाएगा बढ़ावा
दुनिया भर में श्री अन्न का भारत सबसे बड़ा उत्पादक है और दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है. इन अन्न में ज्वार, रागी, बाजरा, रामदाना, चीमा, सामा जैसे कई श्री अन्न आते हैं. इनसे स्वास्थ्य को बहुत सारे फायदे होते हैं. यह सालों से हमारे भोजन का अहम हिस्सा है. इन श्री अन्न को उगार किसानों को देश के लोगों की सेहत बनाई है, जिसके लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण देश के किसानों का आभार व्यक्त किया.
पशुपाल, डेयरी और मछली पालन के लिए पहले से ही कुछ योजनाएं चल रही हैं. अब बजट 2023 के तहत 6 हजार करोड़ रुपये के निवेश से पीएम मत्स्य संपदा योजना नाम की उपयोजना की शुरुआत की जाएगी. इस योजना से मछुआरों को काफी मदद मिलेगी और उन्हें फायदा होगा.
मोदी सरकार के इस बजट में किसानों की फसल के भंडारण को लेकर भी एक बड़ी घोषणा की गई है. इसके तहत किसान अपनी फसल का भंडारण कर सकेंगे और बाद में उसे उचित मूल्य पर बेचकर मुनाफा कमा सकेंगे. इस कदम से किसानों की कमाई बढ़ाने के सरकार के कदम को मजबूती मिलेगी.
सरकार ने 63 हजार एग्रिकल्चरल क्रेडिट सोसाएटी के कंप्यूटराइजेशन की भी शुरुआत करने का फैसला किया है, जिससे तहत करीब 2516 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. मोदी सरकार आने वाले दिनों में नेचुरल फार्मिंग पर फोकस बढ़ाएगी. इसके लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स केंद्र सेटअप किए जाएंगे. इनसे किसानों को बड़ा फायदा होगा. साथ ही गोबरधन स्कीम के तहत 500 नए संयंत्रों की स्थापना की जाएगी.
शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ी घोषणाएं
अगले 3 सालों में इसके तहत करीब 38,800 अध्यापकों और सपोर्ट स्टाफ को नौकरी दी जाएगी. यह लोग करीब 740 स्कूलों के लगभग 3.5 लाख स्टूडेंट को पढ़ाएंगे.
पिछड़े लोगों की सोशल-इकनॉमिक कंडिशन को बेहतर करने के लिए PMPBTG डेवलपमेंट मिशन शुरू किया जाएगा. इसके लिए अगले 3 सालों में करीब 15 हजार करोड़ रुपयों का निवेश किया जाएगा.
सरकार ने एक नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी बनाने का भी फैसला किया है. इससे बच्चे और किशोरों को बड़ा फायदा होगा, जिनकी पढ़ाई का कोरोना महामारी के दौर में बड़ा नुकसान हुआ है.
पुराने वाहनों और एंबुलेंस को बदलने के लिए राज्यों को सहायता दी जाएगी. पहले भी इस दिशा में कदम उठाने के लिए बड़ी निधि दी जा चुकी है.
प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.0 की शुरुआत की जाएगी. 30 स्किल इंडिया इंटरनेशल सेंटर स्थापित किए जाएंगे. इनसे युवाओं को बहुत फायदा होगा. 47 लाख युवाओं को राष्ट्रीय प्रशिक्षुता प्रोत्साहन योजना का फायदा मिलेगा.
इस बार के बजट में राज्य सरकारों को 50 साल तक ब्याज मुक्त लोन दिए जाने को अगले 1 साल के लिए बढ़ा दिया गया है.
भारतीय रेलवे के लिए 2.40 लाख करोड़ रुपये मुहैया किए जाएंगे. यह वित्त वर्ष 2014 के मुकाबले करीब 9 गुना है.
पीएम आवास योजना के लिए खर्च की जाने वाली पूंजी को 66 फीसदी बढ़ाते हुए उसे 79 हजार करोड़ रुपये कर दिया गया है.
50 अतिरिक्त एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट और एडवांस लैंडिंग जोन को रीवाइटलाइज किया जाएगा. साथ ही स्टील, पोर्ट्स, फर्टिलाइजर्स, कोयला और अनाज सेक्टर के लिए 100 ट्रांसपोर्ट इंफ्रा प्रोडक्ट का चयन किया जाएगा. इसके लिए करीब 75 हजार करोड़ रुपये का बजट रखा गया है, जिसमें लगभग 15 हजार करोड़ रुपये का निवेश प्राइवेट सोर्स से होगा.
नेशनल हाइड्रोजन मिशन के तहत 19,700 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. इसके तहत 2030 तक हाइड्रोजन प्रोडक्शन की क्षमता 5 मीट्रिक मिलियन टन करनी है.
एमएसएमई के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम
एमएसएमई के लिए 1 अप्रैल 2023 से क्रेडिट गारंटी स्कीम लाई जाएगी. इसके लिए 9000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इससे एमएसएमई को 2 लाख करोड़ रुपये का अतिरिक्त कोलेट्रल फ्री क्रेडिट मिलेगा.
50 पर्यटन के स्थानों को चुना जाएगा, जिन्हें घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टूरिज्म के लिए डेवलप किया जाएगा.
2023-24 में राजकोषीय घाटे को 5.9 फीसदी के नीचे ला दिया जाएगा.
कपड़े और कृषि को छोड़कर तमाम वस्तुओं पर बेसिक सीमा शुल्क दरों की संख्या में कटौती की गई है.
हरित मोबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए आयात पर सीमा शुल्क में छूट
मोबाइल पुर्जों और कैमरा लेंस के आयात में भी छूट दिए जाने का प्रावधान है.
इलेक्ट्रिक रसोई और घर चिमनी पर सीमा शुल्क 7.5 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी किया गया.
स्टार्टअप को आयकर लाभ साल भर के लिए बढ़ा
भारत दुनिया भर में स्टार्टअप के मामले में तीसरा सबसे बड़ा इकोसिस्टम है. ऐसे में स्टार्टअप के लिए आयकर लाभ को एक साल के लिए बढ़ाने का फैसला किया गया है.
इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूशंस के लिए 100 लैब्स डेवलप की जाएंगी, जिनमें 5जी सेवा की मदद से ऐप्स बनाए जाएंगे.
ऑनलाइन गेमिंग के लिए 10 हजार रुपये टीडीएस की न्यूनतम सीमा को हटाया जाएगा.
अग्निवीरों के हित में बड़ा फैसला करते हुए अग्निवीर निधि को ईईई स्तर प्रदान किया जाएगा.
2014 से स्थापित मौजूदा 157 मेडिकल कॉलेजों के साथ सहस्थान में 157 नए नर्सिंग कॉलेज स्थापित किए जाएंगे.
ऊर्जा सुरक्षा के क्षेत्र में 35,000 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में भी 20,700 करोड़ रुपए का निवेश किया जाएगा. वैकल्पिक उर्वरकों को बढ़ावा देने के लिए पीएम प्रणाम योजना की शुरुआत करने का फैसला किया गया है.
महिलाओं के लिए बड़ा ऐलान
महिलाओं के लिए महिला सम्मान बचत पत्र का ऐलान किया गया है. दो साल के लिए इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है. मार्च 2025 में दो साल की यह अवधि पूरी होगी. इसके तहत महिलाएं 2 लाख रुपये तक महिला सम्मान बचत पत्र खरीद सकती हैं. इस पर 7.5 प्रतिशत की सालाना दर से ब्याज दिया जाएगा. जरूरत पड़ने पर इस पैसे की आंशिक निकासी भी की जा सकेगी.
वरिष्ठ नागरिक खाता योजना की सीमा 4.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 9 लाख रुपये की जाएगी. वहीं संयुक्त खाते में अधिकतम जमा रकम की सीमा बढ़ाकर 15 लाख रुपये कर दी गई है.
बजट का पार्ट-बी
अभी 5 लाख रुपये तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगता है. अब इस रिबेट को 7 लाख रुपये तक करने का फैसला किया गया है, लेकिन यह नई टैक्स व्यवस्था के तहत होगा. नई टैक्स व्यवस्था में 7 लाख रुपये तक कोई इनकम टैक्स नहीं लगेगा.
साल 2020 में नया इनकम टैक्स रिजीम लाया गया था, जिसमें 6 स्लैब थे. अब इसमें स्लैब घटाकर 5 करते हुए टैक्स छूट की न्यूनतम लिमिट को 3 लाख रुपये किया गया.
3 लाख तक कोई टैक्स नहीं
3-6 लाख पर 5 फीसदी टैक्स
6-9 लाख पर 10 फीसदी टैक्स
9-12 लाख पर 15 फीसदी टैक्स
12-15 लाख पर 20 फीसदी टैक्स
15 से ऊपर 30 फीसदी टैक्स
9 लाख रुपये तक की आय वालों को सिर्फ 45 हजार रुपये का टैक्स चुकाना होगा. अभी यह करीब 60 हजार रुपये तक है. यानी 15 हजार का फायदा होगा. 15 लाख रुपये की आय वालों को सिर्फ 1.5 लाख रुपये का टैक्स देना होगा. अभी की लायबिटी के हिसाब से देखों तो यह करीब 20 फीसदी कम है. स्टैंडर्ड डिडक्शन का जो फायदा अभी तक सिर्फ पुरानी टैक्स रिजीम के तहत मिलता था, अब वह नए टैक्स रिजीम में भी लागू होगा.
सबसे ज्यादा सरचार्ज को 37 फीसदी से घटाकर 25 फीसदी करने का फैसला किया गया है. यह सिर्फ नई टैक्स रिजीम के तहत ही होगा. लीव इनकैशमेंट की लिमिट जो अभी 3 लाख रुपये है जब वह रिटायर होते हैं. यह आखिरी बार 2002 में तय की थी, जब सरकारी सैलरी में सबसे ज्यादा रकम सिर्फ 30 हजार रुरपये थी, अब उसे 25 लाख रुपये किया जाएगा. नई इनकम टैक्स रिजीम को डिफाल्ट बनाया जा रहा है. हालांकि, आप चाहे तो पुरानी टैक्स व्यवस्था को भी चुन सकते हैं.