वैलेंटाइन डे के मौके पर Wishes and Blessings एनजीओ ने 1200 बच्चों को बांटे कप केक
13 और 14 फरवरी को आयोजित इस अभियान में कपकेक बांटने के अलावा यह भी संदेश देने की कोशिश की कि ये बच्चे पोषित, मूल्यवान और प्यार के योग्य हैं, जो उनके अक्सर चुनौतीपूर्ण जीवन में खुशी के क्षण लाते हैं.
आज वैलेंटाइन डे (Valentine’s Day) के मौके पर, दिल्ली स्थित एनजीओ
ने एक कपकेक अभियान चलाया. एनजीओ ने दिल्ली और एनसीआर में 1,200 से अधिक बच्चों के जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ी. 13 और 14 फरवरी को आयोजित इस अभियान में कपकेक बांटने के अलावा यह भी संदेश देने की कोशिश की कि ये बच्चे पोषित, मूल्यवान और प्यार के योग्य हैं, जो उनके अक्सर चुनौतीपूर्ण जीवन में खुशी के क्षण लाते हैं.पिछले वर्षों में कपकेक अभियान सहित अपनी प्रभावशाली पहलों के लिए प्रसिद्ध एनजीओ ने सड़क पर रहने वाले बच्चों, अनाथों और बेघर व्यक्तियों में मिठास और खुशी फैलाने पर ध्यान केंद्रित करके अपनी परंपरा को जारी रखा. #WBCares टीम ने, विभिन्न योगदानकर्ताओं के सहयोग से, मादीपुर, दिल्ली छावनी, मूलचंद और नेहरू प्लेस जैसे स्थानों में कपकेक बांटे, यह स्वीकार करते हुए कि हर बच्चा, अपनी परिस्थितियों की परवाह किए बिना, वेलेंटाइन डे पर प्यार का अनुभव करने का हकदार है.
इस पहल में नामचीन प्रतिष्ठान और कई होम बेकर्स भाग ले रहे थे, जिन्होंने इन बच्चों के चेहरे पर वास्तविक मुस्कान लाने के लिए कपकेक दान किए.
Wishes and Blessings की फाउंडर और अध्यक्ष डॉ. गीतांजलि चोपड़ा ने हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए कहा, “#WBCares अभियान की सफलता हमारी वेलेंटाइन डे पहल की शानदार प्रकृति का प्रमाण है. अभियान उनकी मीठी चाहत को संतुष्ट करने का प्रयास करता है. लेकिन यह इन बच्चों की भावनात्मक जरूरतों को पहचानने और संबोधित करने के महत्व पर भी जोर देता है. इसमें से कुछ भी उल्लेखनीय Wishes and Blessings टीम के अटूट समर्पण और जुनून के बिना हासिल नहीं किया जा सकता था, जिन्होंने इस अभियान को आनंददायक बनाने के लिए हर संभव प्रयास किया, जिससे इसमें शामिल सभी लोगों को वास्तविक खुशी मिली."
Wishes and Blessings पिछले 3 वर्षों से वेलेंटाइन डे पर कपकेक अभियान का आयोजन कर रहा है. यह पहल पिछड़े बच्चों की भौतिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ उनकी भावनात्मक भलाई का भी पोषण करने के महत्वपूर्ण सार को रेखांकित करती है, और इस विश्वास को मजबूत करती है कि हर बच्चा पोषित महसूस करने का हकदार है.