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[इंटरव्यू] पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने बताई कंपनी के मुनाफे में आने और IPO लाने की योजना

[इंटरव्यू] पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा ने बताई कंपनी के मुनाफे में आने और IPO लाने की योजना

Friday February 07, 2020 , 9 min Read

भारत सरकार ने 2016 में नोटबंदी का फैसला लिया था और इसी दौरान नोए़डा मुख्यालय वाली कंपनी पेटीएम ने आश्चर्यजनक रूप से देश भर में ग्रोथ की और मार्केट लीडर बन बैठी।


हालांकि अब इसे करीब तीन से चार साल हो गए हैं और इस बीच बाजार बदल गया है। यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) तेजी से डिजिटल वॉलेट्स के ट्रांजैक्शन शेयर को खा रहा है और अब यह साफ हो गया है कि आने वाले समय में देश में पेमेंट एक जीरो-फीस बिजनेस के रूप में रहेगा।


पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा

पेटीएम के फाउंडर विजय शेखर शर्मा 



हालांकि मार्केट को एक एक नए दृष्टिकोण से देख रही है और अपने ग्रोथ के अगले अहम चरण के तौर पर फाइनेंशियल सर्विसेज की ओर देख रही है। इसके अलावा कंपनी देश का पहला टेक्नोलॉजी पेमेंट आईपीओ भी लाने की योजना बना रही है। इसके लिए कंपनी की योजना सरल है: मुनाफा हासिल करते हुए मौजूदा कंज्यूमर बेस का लाभ उठाना।


दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल गूगल और भारत के सबसे बड़े दूरसंचार कंपनी जियो से मिलते कॉम्पिटीशन के बावजूद Paytm को उम्मीद है कि वह अगले 18-24 महीनों में मुनाफे में आ जाएगी।


YourStory के साथ एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में पेटीएम के चीफ विजय शेखर शर्मा ने भविष्य की योजनाओं और पेटीएम की खुद को मुनाफे वाली एक दिग्गज फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी में बदलने की रणनीति को लेकर बात की।


इंटरव्यू के संपादित अंश:

YourStory (YS): पिछली बार जब हमने आपसे बात की थी तब आपने माना था कि किसी भी कंपनी के लिए असली परीक्षा फ्री कैश फ्लो की होती है। वीवर्क कंपनी के बिखरने के मामले के बाद अब आप इस स्थिति को कैसे देखते हैं?


विजय शेखर शर्मा (VSS): इसीलिए मैं कहता रहता हूं कि हम मुनाफे को बहुत ज्यादा तवज्जों दे देते हैं। असली वास्तविकता फ्री कैश फ्लो है।


हमेशा से यही सत्य रहा है और यह किसी भी कंपनी को जांचने का असली मानदंड होगा, फिर चाहे वो कंपनी युवावस्था में हो या वृद्ध या फिर परिपक्व। इसका मतलब यह है कि भारत में जो कंपनियां मार्केट शेयर बढ़ाने के लिए पैसा खर्च कर रही हैं, उन्हें सचेत और जागरूक होना चाहिए कि वे किस तरह के कंज्यूमर बेस को आकर्षित कर रही हैं।


हम अपने 50 करोड़ ग्राहकों के लिए प्रतिबद्ध बने हुए हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि प्रत्येक पेमेंट कंपनी या प्रत्येक कंपनी को इसी आधार पर तौल जाना चाहिए।


YS: पेटीएम अपना आईपीओ लाने की योजना बना रही है, ऐसे में मुनाफे के मानकों पर कंपनी कहां खड़ी है?


VSS: पेटीएम की ग्रोथ तीन भागों में बंटी हुई है। पहले तीन साल मार्केट के सही उत्पाद की तलाश में बीत गए थे; अगले तीन साल राजस्व और मुद्रीकरण पर फोकस थे। अब अंतिम चरण में मुनाफे और फ्री कैश फ्लो पर केंद्रित होगा।


फिलहाल हम अपनी यात्रा के दूसरे चरण में हैं। 2015 में, हमने क्यूआर कोड आधारित सेवा की शुरुआत की थी और 2018-19 तक हमारी मार्केट के लिए फिट उत्पाद की तलाश पूरी हो गई। अब 2019-20 के बाद अब हम इससे पैसे बना रहे हैं।


इससे पिछले 12 महीनों में हमारे EBITDA लॉस में सालाना आधार पर 50 पर्सेंट की कमी आई है। खास बात यह है कि इसके लिए हमें लागत में कटौती का भी सहारा नहीं लेना पड़ा। जनवरी 2020 में हमारा घाटा 2019 की तुलना में आधा हो गया है।


इस तरह से मार्केट के लिए एक फिट उत्पाद ने हमारी समस्या को सुलझा दिया और अब अगले दो साल हम इससे पैसे बनाने और विस्तार पर फोकस करेंगे।


YS: पिछले दो वर्षों में कंपनी ने कई वर्टिकल लॉन्च किए हैं। इनमें पेटीएम फर्स्टगेम और पेटीएम मनी तक शामिल है। इनमें से किससे पेटीएम को अहम रेवेन्यू हासिल होने की उम्मीद है?


VSS: स्वतंत्र रूप से ये सभी कंपनियां अपने तरीके से लाभदायक हैं या EBIDTA में योगदान देने वाली हैं और इनका वैल्यूएशन अरबों डॉलर में है।


One97 Communications के फाउंडर विजय शेखर शर्मा

One97 Communications के फाउंडर विजय शेखर शर्मा 


इसलिए पेटीएम इन स्वतंत्र इकाइयों का निर्माण कर रहा है। तथ्य यह है कि ये इकाईयां बड़े परिवार का हिस्सा हैं, जिससे उन्हें बहुत सारे फायदे मिलते हैं और उन्हें विस्तार और आगे बढ़ने में मदद मिलती है।


हालांकि इन कंपनियों ने भी मार्केट के लिए फिट उत्पादक, मॉनेटाइजेश और फिर मुनाफे के उसी तीन-तीन-तीन मॉडल का पालन करना जारी रखा है। इनमें कुछ का EBIDTA मार्जिन पॉजिटिव हैं, जबकि कुछ ब्रेकइवेन की स्थिति में हैं।


एंटरटेनमेंट, ट्रैवल, मनी, फर्स्टगेम्स सहित ये कंपनियां परिपक्वता के विभिन्न चरणों में हैं। मुझे लगता है कि हमने ग्राहकों और व्यापारियों को आकर्षित करने के लिए बहुत अच्छा काम किया है। हमारे क्लाउड बिजनेस (व्यापारियों के लिए) और कॉमर्स प्लेटफॉर्म का EBITDA पॉजिटिव है और हम अब फाइनेंशियल सर्विसेज में छलांग लगाने की तैयारी कर रहे हैं।


YS: तो हम One97 कम्युनिकेशंस के कब तक मुनाफे में आने की उम्मीद कर सकते हैं?


VSS: हमारा EBITDA लॉस घटकर करीब आधा हो गया है और हम अगले 18-24 महीनों में मुनाफे में आने की उम्मीद कर सकते हैं।


YS: इन नए वर्टिकल में अभी भी ग्रोथ के लिए जगह है। इन कंपनियों को खड़ा करने की प्रतिबद्धता को देखें तो यह पेटीएम की मुनाफे में आने की राह को कैसे प्रभावित करती है?


VSS: एक छतरी के नीचे विभिन्न संगठनों के होने का लाभ यह है कि हमारी कंज्यूमर एक्विजिशन कॉस्ट (CAC) साझा की जाती है।


सिस्टम में हमारी सबसे बड़ी लागत सीएसी, पेमेंट और टेक्नोलॉजी प्लेटफार्म हैं। एक सामान्य दोहराव होने से हमें इन लागतों को बचाने में मदद मिलती है।


जब आप प्रतिद्वंदियों के बिजनेस को देखते हैं; उदाहरण के लिए आप ट्रैवल बिजनेस को ले लीजिए, तो MakeMyTrip को हमारे ट्रैवल बिजनेस की तुलना में अधिक नुकसान हुआ था।


इसलिए जब तक यह पैसे बनाता है, तब तक पेटीएम नंबर दो (कुछ श्रेणियों में) पर होने में कोई दिक्कत नहीं है। यह खाली जेब के साथ नंबर एक पर होने की जगह काफी अच्छा है।


हमारे लिए अपने कोर बिजनेस में नंबर एक बने रहना अहम है। हमारे मामले में इसका मतलब यह है कि यह पेमेंट्स से जुड़े पहलुओं पर अधिक इनोवेशन करें और मार्केट में दबदबा बनाए रखें।


हालांकि बाकी कैटेगरीज में हमे मार्केट शेयर को लेकर ज्यादा चिंता नहीं है और हम वहां पैसे बना कर खुश हैं।


पिछले साल मार्च से दिसंबर तक, हमने अपनी लागत में 11 प्रतिशत की कमी की, जीएमवी में 50 प्रतिशत की वृद्धि की और राजस्व में लगभग 23 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।


YS: पेटीएम को PayPay के साथ जापानी बाजार में बहुत सफलता मिली है। क्या आप अंतर्राष्ट्रीय विस्तार जारी रहेंगे, यह देखते हुए कि भारत खुद एक विशाल बाजार है?


VSS: हमारा मुख्य बाजार हमेशा भारत रहेगा। भारत की अर्थव्यवस्था की इंक्रीमेंटल ग्रोथ इतनी बड़ी है कि हमारे लिए भारत में एक अग्रणी कंपनी बने रहना काफी अहम है।


हमने अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में प्रवेश किया है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम आमदनी बढ़ाने के नए स्रोत खोजना चाहते हैं, बल्कि हमने इसलिए वहां एंट्री की है क्योंकि हम एक ग्लोबल कंपनी बनना चाहते हैं। इसका मतलब यह है कि हम मार्केट के लिए फिट उत्पाद की समस्या सुलझने के बाद इसे इंटरनेशनल मार्केट में लेकर जा सकते हैं।


YS: क्या एंटरटेनमेंट और ट्रैवल के कॉमर्स वर्टिकल को इंटरनेशनल लेवल पर ले जाया जाएगा?


VSS: हम पहले अपने पेमेंट्स के कोर बिजनेस के तौर एक इंटरनेशनल मार्केट में जाएंदे औक उसके बाद ट्रैवल और मनोरंजन जैसे हमारे दूसरे वर्टिकल जाएंगे। साथ ही हमारा पेमेंट्स बैंक और वेल्थ डिवीजन भी जाएगा।


हालांकि हम हमेशा मुख्य रूप से एक भारतीय-राजस्व कंपनी होंगे, और अंतर्राष्ट्रीय मार्केट से हासिल लाभ को भारत में निवेश किया जाएगा।


हमारा अंतर्राष्ट्रीय राजस्व पांच साल या उससे बाद काफी अधिक हो सकता है, लेकिन फिलहाल अगले दो से तीन वर्षों में ऐसा नहीं होगा।


Paytm के चीफ विजय शेखर शर्मा मंगलवार को बेंगलुरु में Paytm 'ऑल-इन-वन' एंड्रॉइड POS लॉन्च पर नंदन नीलेकणि के साथ।

Paytm के चीफ विजय शेखर शर्मा मंगलवार को बेंगलुरु में Paytm 'ऑल-इन-वन' एंड्रॉइड POS लॉन्च पर नंदन नीलेकणि के साथ।


YS: पेटीएम हमेशा कॉन्पिटीशन से आगे रहा है। वॉलेट की अग्रणी कंपनी के तौर पर आप कहते थे कि आपका कॉम्पिटीशन बैंकों से लेकिन अब एक प्रॉफिटेबल बैंक के रूप में आपका कॉम्पिटीटर कौन है?


VSS: हम पेमेंट से कॉमर्स में और फिर फाइनेंशियल सर्विसेज में गए हैं।


फिलहाल हम अपने लेंडिंग, इंश्योरेंस और वेल्थ बिजनेसेज के लिए इनक्यूबेशन मोड में हैं। इसलिए हम इसे तैयार कर रहे हैं।


हमारा 2020 का मिशन फाइनेंशियल सर्विसेज है और पेटीएम इसमें एख बड़ी बढ़त बनाने की तैयारी कर रहा है। इससे हमें विमुद्रीकरण में काफी मदद मिलेगी और इससे हम ब्रेकइवेन की स्थिति में भी आने में मदद मिलेगी।


वेल्थ और बैंक एकाउंट्स से जुड़े डेटा हमें क्रेडिट का विस्तार करने में मदद करेंगे और शायद क्रेडिट कार्ड के रूप में होगा।


YS: फाइनेंशियल सर्विसेज को लेकर आपकी क्या योजनाएं हैं?


VSS: हम अपने फाइनेंशिल सर्विसेज बिजनेस को तीन भागों में विभाजित करते हैं - वेल्थ, लेंडिंग और इंश्योरेंस। इन सभी को लाइसेंस की आवश्यकता होती है। हम अपने बीमा ब्रोकरेज लाइसेंस की खरीद के अंतिम चरण में हैं।


YS: प्रस्तावित IPO से पहले One97 के लिए कुछ प्रमुख उपलब्धियां क्या रहने वाली हैं?


VSS: पहली और सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि पूरी तरह से मुनाफे में होगी और क्या हम अगली तिमाही तक इन मुनाफे की भविष्यवाणी कर सकते हैं।


जब तक इन तिमाही मुनाफे की भविष्यवाणी करने के चरण में हैं, हम आईपीओ के लिए नहीं जाएंगे।


YS: पेमेंट और फाइनेंशियल के क्षेत्र में रिलायंस की एंट्री को पेटीएम किस तरह से देखती है?


VSS: शायद हर बिजनेस सभी सेगमेंट में विजेता बनने वाला बिजनेस नहीं होता है। कंपनियों को यह तय करना होगा कि वे कितने ग्राहक चाहते हैं और वे उन्हें मुनाफे में रहते हुए सेवा दें।


पेटीएम की महत्वाकांक्षा करीब आधे अरब भारतीयों को अपने प्लेटफॉर्म से जोड़ने की है। लेकिन क्या हम इन आधे अरब भारतीयों को एक मुनाफा देने वाले कस्टमर में बदल पाएंगे? शायद नहीं, क्योंकि आपके प्लेटफॉर्म से जुड़ा ग्राहक मुनाफा देने वाला नहीं हो सकता है।


कंपनियों के सबसे बड़े ग्राहकों के लिए बिना किसी लॉक-इन वादे के साथ एक बड़ा प्रतिशत छोड़ देता है। यदि कोई नया खिलाड़ी आ रहा है, तो यह अभी भी एक समग्र खेल बन जाता है और

इस तरह से वहां एक बड़ा हिस्सा ऐसा मौजूद है जिससे बड़ी से बड़ी कंपनियों के लिए भी कुछ खास मौके नही हैं। ऐसे में अगर कोई कंपनी आती है तो भी मार्केट ऐसा ही रहेगा और इसका मतलब होगा कि मार्केट में एक और कंपनी की संख्या बढ़ गई है।


जब हमने नए म्यूचुअल फंड ग्राहकों को जोड़ा, तो हमने इसके साथ उन्हें सेवा देने के लिए अधिक एएमसी और आरआईए (पंजीकृत निवेश सलाहकार) को भी जोड़ा।


YS: आपने हाल ही में में 1 अरब डॉलर का एक फंडिंग राउंड पूरा किया है। क्या आपको लगता है कि प्रस्तावित आईपीओ तक यह पर्याप्त होगा या आपको एक और फंडिंग राउंड की आवश्यकता होगी?


VSS: मौजूदा खर्च दरों के आधार पर हमारे पास करीब पांच साल के लिए बैंक में कैपिटल रनवे हैं।


क्या हमें और पैसे की जरूरत है? मुझे ऐसा नहीं लगता। बैंक में चार-पांच साल के लिए रनवे होना एक अच्छा स्थिति है और उस समय तक हम मुनाफे में आ जाएंगे।