संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली अध्यक्ष थीं विजयलक्ष्मी पंडित, 76 सालों में सिर्फ 4 महिलाएं बनीं अध्यक्ष
आज ही के दिन विजयलक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी थीं. आइए जानते हैं कि महासभा की बाकी तीन महिला अध्यक्ष कौन थीं.
आज से 67 वर्ष पहले 1953 में आज ही के दिन विजयलक्ष्मी पंडित संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनी थीं. उन्हें यूएन जनरल असेंबली के 8वें सत्र का अध्यक्ष चुना गया था. इस पद पर बैठने वाली वह न सिर्फ भारत, बल्कि पूरी दुनिया की पहली महिला थीं. 1946 से 1968 तक उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया था.
संयुक्त राष्ट्र महासभा में अब तक हुई हैं चार महिला अध्यक्ष
विजयलक्ष्मी पंडित की यह उपलब्धि इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि यूएन की शुरुआत से लेकर अब तक यूएन में सिर्फ चार महिला अध्यक्ष ही हुई हैं, जिसमें से पहली महिला अध्यक्ष एक भारतीय महिला थीं.
विजयलक्ष्मी के अलावा इक्वाडोर की मरिया फरनेन्डा एस्पिनोसा, बहरीन की हया राशेद अल खलीफा और लाइबेरिया की एंगी एलिजाबेथ ब्रूक्स संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष रह चुकी हैं.
आइए आज आपको बताते हैं इन चार महिलाओं के बारे में.
संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली अध्यक्ष विजयलक्ष्मी पंडित
1953 में संयुक्त राष्ट्र महासभा के 8वें सत्र के लिए अध्यक्ष चुनी गई विजयलक्ष्मी पंडित इस पद पर बैठने वाली पहली महिला थीं. उनके जीवन की अन्य उपलब्धियों में यह भी शामिल है कि वह कैबिनेट मंत्री बनने वाली भारत की पहली महिला थीं. 1937 में वह संयुक्त प्रांत की प्रांतीय विधानसभा के लिए निर्वाचित हुईं थीं और स्थानीय स्वशासन और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री के पद पर नियुक्त की गईं.
1946-50 तक वह भारतीय संविधान सभा की सदस्य रहीं. वह आपातकाल के समय इंदिरा गांधी के खिलाफ आवाज उठाने और विरोध में जनता दल पार्टी ज्वाइन करने वाली कांग्रेस परिवार की इकलौती महिला थीं.
विजयलक्ष्मी का जन्म 18 अगस्त, 1900 को इलाहाबाद के एक प्रसिद्ध परिवार में हुआ. पिता मोतीलाल नेहरू वकील थे. विजयलक्ष्मी तीसरी संतान थीं. विजयलक्ष्मी देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की छोटी बहन थीं.
18 अगस्त 1990 को देहरादून में उनका निधन हुआ.
एंगी एलिजाबेथ ब्रूक्स, लाइबेरिया (दूसरी महिला अध्यक्ष)
लाइबेरिया की रहने वाली एंगी एलिजाबेथ ब्रूक्स संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली दूसरी महिला हैं. उन्हें 1969 में अध्यक्ष चुना गया. उनका चयन संयुक्त राष्ट्र महासभा के 24वें सत्र के लिए किया गया था. वह इस पद तक पहुंचने वाली अफ्रीकी मूल की एकमात्र महिला हैं.
एंगी ब्रूक्स का जन्म 24 अगस्त, 1928 को लाइबेरिया के वर्जीनिया में हुआ था. 1954 में उन्हें लाइबेरिया की तरफ से यूनाइटेड नेशंस का स्थायी सदस्य बनाया गया. वह 1977 तक इस पद पर रहीं. संयुक्त राष्ट्र की दुनिया के बहुत सारे देशों को औपनिवेशिक गुलामी से आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका रही है. इस काम में एंगी ब्रूक्स ने भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है.
4 मई,1977 को वह लाइबेरिया के सुप्रीम कोर्ट की एसोसिएट जज बनीं. यूएन की प्रेसिडेंट से लेकर सुप्रीम कोर्ट की जज बनने वाली वह देश की पहली महिला थीं. 9 सितंबर, 2007 को 79 वर्ष की आयु में अमेरिका में उनका निधन हुआ. उनके दो बच्चे थे. लेकिन इन दो संतानों के अलावा उन्होंने अपने जीवन काल में 47 लाइबेरियाई बच्चों को फॉस्टर किया था.
उनकी मृत्यु के बाद उनकी याद में लाइबेरिया की राजधानी मोनरोविआ में एक एंगी ब्रूक्स इंटरनेशनल सेंटर बनाया गया. यह केंद्र महिला सशक्तिकरण के लिए काम करता है.
हया राशेद अल खलीफा, बहरीन (तीसरी महिला अध्यक्ष)
बहरीन की रहने वाली 70 वर्षीय हया राशेद अल खलीफा संयुक्त राष्ट्र महासभा की तीसरी महिला अध्यक्ष हैं, जिन्हें वर्ष 2006 में महासभा के 61वें सत्र के लिए अध्यक्ष चुना गया था.
पेशे से वकील और डिप्लोमैट हया राशेद बहरीन की पहली और इकलौती महिला राजदूत हैं, जो वर्ष 1999 से लेकर 2004 तक फ्रांस में बहरीन की राजदूत थीं. वह अपने देश में कानून की प्रैक्टिस करने वाली भी पहली महिला हैं. साथ ही संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली बहरीन की पहली और इकलौती महिला हैं.
हया राशेद का जन्म 18 अक्टूबर, 1952 को हुआ था. उन्होंने कुवैत यूनिवर्सिटी से कानून की पढ़ाई की है. इसके अलावा उन्होंने मिस्र की अलेक्जेंड्रिया यूनिवर्सिटी से सिविल राइट्स लॉ में डिप्लोमा भी किया है. 1979 में उन्होंने बहरीन में वकालत शुरू की और हया राशेद अल खलीफा लॉ फर्म नाम से अपनी खुद की लॉ फर्म बनाई.
मरिया फरनेन्डा एस्पिनोसा, इक्वेडोर (चौथी महिला अध्यक्ष)
7 सितंबर, 1964 को इक्वेडोर में जन्मी 58 वर्षीय मरिया फरनेन्डा एस्पिनोसा संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनने वाली चौथी महिला हैं. 2018 में महासभा के 73वें सत्र के लिए उन्हें अध्यक्ष चुना गया था. इस पद का कार्यभार संभालने वाली वह अपने देश की पहली और अब तक इकलौती महिला हैं.
मरिया फरनेन्डा ने सोशल साइंस और अमेजोनिक स्टडीज में मास्टर्स किया है. इसके अलावा उन्होंने एंथ्रोपोलॉजी और पॉलिटिकल साइंस भी में पोस्टग्रेजुएशन किया है. 1994 और 1997 के बीच उन्होंने अमेरिका की रटगर्स यूनिवर्सिटी से भूगोल में डॉक्टरेट की पढ़ाई की, लेकिन अपनी पीएचडी थीसिस पूरी नहीं की. 28 नवंबर, 2012 से 23 सितंबर 2014 तक मरिया फरनेन्डा इक्वाडोर की नेशनल डिफेंस मिनिस्टर रह चुकी हैं. इसके अलावा वह इक्वेडोर की पूर्व विदेश मंत्री भी रह चुकी हैं.
बहुत कम लोग जानते हैं कि मरिया फरनेन्डा कवि भी हैं. 1990 में उन्होंने इक्वाडोर का पहला राष्ट्रीय कविता पुरस्कार जीता था.
Edited by Manisha Pandey