जानिए कैसे की जाती है ड्रैगन फ्रूट की खेती, बस एक बार लगाएं पैसे और 25 साल तक कमाएं मुनाफा
ड्रैगन फ्रूट की खेती से किसान तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं. इसमें बस एक बार पैसे लगाने की जरूरत होती है. एक बार खेती करने के बाद इसके पौधे करीब 25 साल तक फल देते रहते हैं.
अगर आप भी ऐसा सोचते हैं कि आपके पास कम खेत है इसलिए आप मोटी कमाई नहीं कर पा रहे हैं तो आपको ड्रैगन फ्रूट की खेती (How to do Dragon Fruit farming) करनी चाहिए. गुजरात के कच्छ में कई किसान इसकी वजह से आत्मनिर्भर तक हो गए हैं. वहां के लोग ड्रैगन फ्रूट की खेती से सिर्फ 1 बीघा जमीन से भी 1 लाख रुपये तक कमा रहे हैं. गुजरात, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, ओडिशा समेत कई राज्यों में ड्रैगन फ्रूट की खेती (Dragon Fruit farming) होती है. इससे वहां के किसान तगड़ी कमाई कर रहे हैं.
गुजरात में ड्रैगन फ्रूट को कमलम भी कहा जाता है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें कमल के जैसे स्पाइक्स और उसी के जैसी पंखुड़ियां भी होती हैं. बता दें कि ड्रैगन फ्रूट का वैज्ञानिक नाम ‘हाइलोसेरेसुंडाटस’ होता है. गुजरात के किसान खूब ड्रैगन फ्रूट उगा रहे हैं. इसकी केती से एक एकड़ से करीब 2.5 लाख रुपये तक की कमाई की जा सकती है. ड्रैगन फ्रूट का पौधा नागफनी जैसा कांटेदार होता है और इसका फल बाजार में करीब 600-800 रुपये किलो तक बिकता है.
कैसे की जाती है ड्रैगन फ्रूट की खेती?
इसकी खेती पौधे और बीज दोनों से ही हो सकती है. हालांकि, अगर आप बीज से खेती करेंगे तो फल आने में 4-5 साल लग सकते हैं. जबकि कलम से बनाए गए पौधे से खेती करने पर आपको 2 साल में ही फल मिलने शुरू हो जाते हैं. इसकी खेती कम पानी में भी हो सकती है, इसे ज्यादा सिंचाई की जरूरत नहीं होती. सर्दियों में 15 दिन में एक बार और गर्मियों में 8-10 दिन में एक बार सिंचाई की जा सकती है. इसकी खेती से पहले खेत में पर्याप्त मात्रा में गोबर की खाद जरूर डालें, ताकि पौधे को न्यूट्रिशन की कोई कमी ना हो.
इस खेती के बारे में कृषि वैज्ञानिक कहते हैं कि इसमें बस एक बार पैसे लगाकर आप करीब 25 साल तक लगातार फल लेते रह सकते हैं. इसके पौधों को सहारा देने के लिए आपको खेत में कुछ स्ट्रक्चर भी बनाना होगा. 10-10 फुट पर खंभों के सहारे पौधे लगाए जाते हैं. एक एकड़ में करीब 1700 पौधे लगते हैं. ध्यान रखें कि जिस खेत में इसे लगाएं, वहां पानी निकलने की उचित व्यवस्था हो. यह नम और गर्म जलवायु का पौदा है, जो 10 डिग्री से 40 डिग्री तापमान तक आसानी से झेल सकता है. जहां बर्फ पड़ती है, वहां पर इसकी खेती नहीं हो सकती है.
भारत में कहां-कहां उगाया जाता है ड्रैगन फ्रूट
वैसे तो ड्रैगन फ्रूट मलेशिया, थाईलैंड, फिलीपींस, संयुक्त राज्य अमेरिका और वियतनाम जैसे देशों में उगाया जाता है, लेकिन 90 के दशक से इसकी खेती भारत में भी लोकप्रिय हो गई है. इसकी मुख्य रूप से 3 प्रजातियां होती हैं. पहला है लाल गूदा और गुलाबी फल. दूसरी है सफेद गूदा और पीला फल. तीसरी है सफेद गूदा और गुलाबी फल. भारत में कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, महाराष्ट्र, गुजरात, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, आंध्र प्रदेश और अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में इसकी खेती की जाती है.
किस काम आता है ड्रैगनफ्रूट?
ड्रैगन फ्रूट की कमल जैसी कांटेदार कैक्टस प्रजाति लोगों के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदे वाली होती है. च्युइंग गम और जड़ी बूटियों में इसका खूब इस्तेमाल होता है. ड्रैगन फ्रूट में फाइबर, विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं. ड्रैगन फ्रूट से पाचन तंत्र सुधारता है और तनाव से जिन कोशिकाओं को नुकसान पहुंचता है उनकी मरम्मत होती है.