फेस्टिव सीजन में गोल्ड में लगाना है पैसा, ये तरीके हैं मौजूद
आज का भारतीय केवल गोल्ड ज्वैलरी पहनकर इतराता नहीं है, बल्कि वह सोने को अच्छे रिटर्न वाले निवेश इंस्ट्रूमेंट के तौर पर भी देखता है.
देश में त्योहारों (Festive Season) की धूम शुरू हो गई है...दशहरा, करवाचौथ, ईद, धनतेरस, दिवाली, भाईदूज, छठ...पूरा अक्टूबर महीना त्योहारों से भरा हुआ है और इसके गुजरने के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा. फेस्टिव सीजन और शादियों के सीजन में शॉपिंग अपने जोरों पर रहती है. फिर चाहे वह कपड़ों की शॉपिंग हो, घर के सामान की, गिफ्ट्स की या फिर गोल्ड आइटम्स की. सोने (Gold) की चीजों, खासकर गहनों के साथ तो भारतीयों का लगाव तो जगजाहिर है. लेकिन आज का भारतीय केवल गोल्ड ज्वैलरी पहनकर इतराता नहीं है, बल्कि वह सोने को अच्छे रिटर्न वाले निवेश इंस्ट्रूमेंट के तौर पर भी देखता है. त्योहारों और शादियों के सीजन में तो सोने की बिक्री पीक पर होती है. आइए जानते हैं इन त्योहारी सीजन में आप गोल्ड में कैसे निवेश कर सकते हैं...
फिजिकल गोल्ड
भारत में फिजिकल गोल्ड की खरीद सबसे ज्यादा पॉपुलर है. त्योहारों के दौरान सबसे ज्यादा फिजिकल गोल्ड ही बिकता है. फिजिकल गोल्ड यानी गोल्ड ज्वैलरी, गोल्ड बार या सिक्के. कई लोग इसे सोने में इन्वेस्टमेंट का सबसे आसान और सुविधाजनक तरीका मानते हैं. लेकिन याद रहे कि फिजिकल गोल्ड की खरीद पर 3% GST है. अगर आप गोल्ड ज्वैलरी के माध्यम से सोने में निवेश करना चाहते हैं तो BIS हॉलमार्क वाली गोल्ड ज्वैलरी ही खरीदें. यह सोने की शुद्धता को प्रमाणित करता है.
डिजिटल गोल्ड
सोने में निवेश के लिए डिजिटल गोल्ड का विकल्प भी है और यह तेजी से पॉपुलर हो रहा है. कई बैंक, मोबाइल वॉलेट और ब्रोकरेज कंपनियों ने MMTC-PAMP या सेफगोल्ड के साथ साझेदारी की हुई है. इसी की मदद से वे डिजिटल गोल्ड खरीदने की सुविधा देते हैं. डिजिटल गोल्ड में छोटे-छोटे अमाउंट में सोने में पैसा लगा सकते हैं, 1 रुपये में भी सोना खरीदा जा सकता है. डिजिटल तरीके से 24 कैरेट यानी 99.99 फीसदी शुद्ध सोना डिजिटली सुरक्षित रखा जा सकता है, जब चाहे इसे बेचा जा सकता है और चाहें तो फिजिकल फॉर्म में यानी बिस्किट, कॉइन या ज्वेलरी के रूप में डिलीवरी भी पाई जा सकती है. Paytm, Google Pay और PhonePe यूजर्स को डिजिटल गोल्ड की खरीद-बिक्री की सुविधा दे रहे हैं.
गोल्ड ETF
आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं, हालांकि भारत में ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं. गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) आपकी कैपिटल को फिजिकल गोल्ड में निवेश करता है और यह सोने की कीमत के हिसाब से घटता-बढ़ता रहता है. गोल्ड ETF के तौर पर मिनिमम 1 ग्राम सोने में भी निवेश किया जा सकता है, निवेश की कोई अपर लिमिट नहीं है. गोल्ड ETF में कोई लॉक इन पीरियड नहीं होता है.
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स भी सोने में निवेश का एक तरीका है. यह गोल्ड ETF में निवेश करता है. म्यूचुअल फंड की तरह गोल्ड म्यूचुअल फंड्स में भी SIP शुरू कर सकते हैं. इससे 500 रुपये की छोटी रकम से भी सोने में लॉन्ग टर्म के लिए निवेश कर सकते हैं. SIP की रकम अपने आप बैंक खाते से कट जाती है. गोल्ड SIP में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड
सोने में निवेश का एक माध्यम सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड भी हैं. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) गवर्मेंट सिक्योरिटीज हैं, जिन्हें केंद्रीय बैंक RBI, सरकार की ओर से जारी करता है. लेकिन इनमें कभी भी निवेश नहीं किया जा सकता है. सरकार समय-समय पर विभिन्न चरणों में सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की बिक्री के लिए विंडो ओपन करती है. एक वित्त वर्ष में कितनी विंडो ओपन की जाएंगी, यह पहले से तय होता है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेशकों को हर साल 2.5% का ब्याज हासिल होता है. आमतौर पर SGB का लॉक इन पीरियड 5 साल है और मैच्योरिटी पीरियड 8 साल है.
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, पेपर फॉर्म में होता है. निवेशक को कम से कम एक ग्राम सोने के लिए निवेश करना होगा. कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम 4 किलो मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है. ट्रस्ट और समान संस्थाओं के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किलो है. सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), नामित डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंजों (Stock Exchanges), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज लिमिटेड (BSE) के माध्यम से बेचे जाते हैं.
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