वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
एक्टर शारिब हाशमी के स्ट्रगल और सफलता की कहानी
YourStoryके साथ हुई एक बातचीत में, हिट वेब सीरीज़ द फैमिली मैन में जेके तलपड़े की भूमिका निभाने वाले अभिनेता शारिब हाशमी ने यश चोपड़ा के साथ काम करने के साथ ही अपनी फिल्म यात्रा के बारे में बात करते हुए बताया है कि शुरुआत करना क्यों जरूरी है।
ओटीटी प्लेटफॉर्म अमेज़न प्राइम की सीरीज़ द फैमिली मैन के जेके तलपड़े या 'जस्ट जेके' के रूप में शारिब हाशमी अब हर घर तक पहुंच चुके हैं। जासूसी थ्रिलर के दूसरे सीज़न का प्रीमियर जून में हुआ था और इस दौरान यह पूरे भारत में विभिन्न सूचियों में शीर्ष पर रहा है। यह ओटीटी प्लेटफॉर्म पर सबसे ज्यादा देखी जाने वाली वेब सीरीज में से एक है और यहां तक कि एक पोल में एक आईएमडीबी रिकॉर्ड भी बनाया जिससे पता चलता है कि यह शो दुनिया भर में चौथा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो है। शारिब के लिए द फैमिली मैन के दो हिट सीज़न उनके लिए कई चीजों को बदलने वाले रहे हैं।
शारिब ने YourStory के साथ बातचीत में कहा, “मैंने कुछ समय पहले फिल्मिस्तान को समाप्त किया था और कुछ प्रोजेक्ट्स भी थे, लेकिन एक बड़ी खामोशी थी। फिल्म उद्योग में, यदि आपके पास प्रोजेक्ट नहीं हैं, तो यह मुश्किल हो जाता है। जब मुझे क्रिएटर्स राज एंड डीके द्वारा द फैमिली मैन के ऑडिशन के लिए बुलाया गया, तो मैं वास्तव में प्रार्थना कर रहा था और उम्मीद कर रहा था कि मैं सफल हो जाऊं।”
यह मानते हुए कि रिजेक्शन इस फील्ड में खेल का एक हिस्सा है, शारिब कहते हैं, "आप केवल रिजेक्शन से अपने आत्मविश्वास को प्रभावित नहीं होने दे सकते। कई मामलों में, यह केवल अपने आप में आपके विश्वास को तोड़ देता है, लेकिन कहीं न कहीं आपको यह समझने की आवश्यकता है कि रिजेक्शन आपके या आपके क्राफ्ट के लिए नहीं, बल्कि कैरेक्टर के लिए है। और ऑडिशन का हिस्सा बनना किसी भी अभिनेता के लिए एक ट्रेनिंग ग्राउंड की तरह होता है,जहां आपको एक में कई भूमिकाएँ निभाने को मिलती हैं।”
सड़कों पर झाड़ू लगाने वाली आशा बनीं RAS अधिकारी
जोधपुर की सड़कों पर कभी झाड़ू लगाने वाली आशा ने हाल ही में राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2018 की परीक्षा को पास किया।
आशा कंडारा एक ऐसी मजबूत शख्सियत हैं, जिन्होने अपनी लगन के जरिये सभी मुश्किलों को बौना साबित कर दिया है। आशा ने अपनी मेहनत के बल पर राजस्थान प्रशासनिक सेवा (आरएएस) की परीक्षा को पास करते हुए राज्य में अधिकारी पद हासिल किया है।
इसके पहले आशा नगर निगम में बतौर सफाई कर्मी काम कर रही थीं, जहां उनका काम सड़कों पर झाड़ू लगाना और सफाई करना होता था। आशा इस दौरान अपने दो बच्चों की परवरिश करने के साथ ही अपनी पढ़ाई पर भी मेहनत कर रही थीं। जोधपुर की सड़कों पर कभी झाड़ू लगाने वाली आशा ने हाल ही में राजस्थान प्रशासनिक सेवा 2018 की परीक्षा को पास किया।
आशा का शुरुआती जीवन काफी कठिनाइयों से भरा हुआ रहा है। साल 1997 में आशा की शादी हुई थी, लेकिन 5 साल बाद उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया और इसके बाद आशा ने अपने दम पर ही खड़े होने की ठान ली थी।
हादसे में तीन अंग गंवाने के बावजूद पूजा अग्रवाल बनीं वर्ल्ड क्लास पैराशूटर
साल 2012 में अपने शरीर के तीन अंग खोने के बावजूद, पूजा अग्रवाल ने हिम्मत नहीं हारी और अदम्य साहस और हौसले का परिचय देते हुए वह 2016 में पैरा-शूटर बनीं। पिछले पांच वर्षों में, उन्होंने भारत के लिए कई पुरस्कार जीते हैं।
दिसंबर 2012 की सर्दियों में पूजा अग्रवाल की जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई। वह नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर अपने पति को विदा करने गई थी, तभी भीड़ ने उन्हें प्लेटफॉर्म से रेलवे ट्रैक पर धक्का दे दिया।
वह एक ट्रेन की चपेट में आ गई, और जीवन जैसा कि वह जानती थी, हमेशा के लिए बदल गया।
पूजा ने त्रिपक्षीय विच्छेदन (trilateral amputation) में तीन अंग खो दिए और केवल उनका दाहिना हाथ बचा था। तब तक, 27 वर्षीय पूजा अपनी खुशहाल जिंदगी जी रही थी, कॉलेज लेक्चरर के रूप में अपने काम का आनंद ले रही थी और एक रोमांचक भविष्य की आशा कर रही थी।
YourStory से बात करते हुए वह कहती है, "यह विनाशकारी था, और मैंने खुद से लगातार पूछा, "अब क्या होगा"।
पूजा अब एक प्रशंसित पैरा-शूटर हैं, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तरों पर देश के लिए पदक जीते हैं। उनका लक्ष्य एक पैरा-शूटर के रूप में और अधिक जीत हासिल करना और इंडियन बैंक और देश के लिए सम्मान लाना है।
जब भी आप उनसे पूछेंगे कि क्या चल रहा है, तो वह इसके जवाब में एक लोकप्रिय हिंदी फिल्म का डायलॉग पेश करती है: "हम गिरते भी हैं, हम रुकते भी हैं, हम रोते भी हैं, हम ठहरते भी हैं, पर हम चलना नहीं छोड़ते।"
स्विट्ज़रलैंड की फ्लाइट टिकट से भी सस्ता है इस ऐप के जरिये स्विस गोल्ड में निवेश करना
Glidedआज लोगों को डिजिटल सोने में आसानी से और सुरक्षित तरीके से निवेश करने का माध्यम उपलब्ध करा रहा है, जहां लोग आमतौर पर सस्ता सोना खरीद पाने में सक्षम हो रहे हैं। भारतीय सोने की तुलना में यूजर्स को मिल रहा है अधिक फायदा।
अमेरिका के आयोवा में पले-बढ़े अशरफ रिज़वी ने अपने जीवन के शुरुआती दिनों में ही सोने में निवेश के महत्व और मूल्य के बारे में जानना शुरू कर दिया था। जैसे-जैसे वे बड़े हुए हुए उन्होने अपने पैसों को निवेश करना शुरू किया, उन्होने यह महसूस किया कि दरअसल सोना खरीदने, उसे सहेज कर रखने और फिर उसे बेचने की प्रक्रिया कितनी कठिन थी। विभिन्न देशों में सोने की कीमतों में भिन्नता भी उनके सामने एक समस्या थी। भारतीय सोना दुनिया के अन्य हिस्सों में उपलब्ध सोने की तुलना में अधिक महंगा था और इसके साथ तमाम मुश्किलें भी जुड़ी थीं।
YourStory से बात करते हुए अशरफ कहते हैं, “सोना खरीदने की पूरी प्रक्रिया आपका पूरा एक दिन बर्बाद कर देती थी, जबकि मैं इसे खेल खेलने या कुछ और करने में बेहतर ढंग से खर्च करना चाहता था। इसी के साथ मुझे पता चल गया था कि मैं दुनिया भर के लोगों को एक आसान और सरल तरीके से सोने जैसी संपत्ति में निवेश करने की स्वतंत्रता देना चाहता था।”
अशरफ जब महज 13 साल के थे तभी उन्होने उद्यमिता की ओर अपना रुझान दिखाना शुरू कर दिया था, तब अशरफ पैसे कमाने के लिए अखबार डिलीवर करने व किराने का सामान पहुंचाने जैसे काम किया करते थे। अशरफ ने अपने कदम इस दिशा में आगे बढ़ाते हुए साल 2019 में गिल्डेड की स्थापना की थी।
पहले डिजिटल स्विस गोल्ड के रूप में पहचाने जाने वाले गिल्डेड ने इस महीने की शुरुआत में ही खुद को रीब्रांड किया गया था। यह एक ऐसी ऐप है जो यूजर्स को स्विस रिफाइनरियों से प्राप्त सोने में आंशिक मात्रा में निवेश करने की अनुमति देती है। यह सोना शुद्ध होता है और लंदन बुलियन मार्केट एसोसिएशन (LBMA) द्वारा प्रमाणित भी है।
ऐप को अब तक लगभग दो लाख से अधिक डाउनलोड और 75,000 से अधिक ग्राहक मिल चुके हैं। ऐप पर आम दिनों में कुछ हज़ार विजिटर आते, जबकि शुभ अवसरों और विशेष प्रमोशन के दौरान इनकी संख्या में बड़ी वृद्धि होती है।
स्लम में रहने वाली ये लड़की मिली हॉलीवुड स्टार से, बदल गई ज़िंदगी
मुंबई के स्लम एरिया में रहने वाली 12 साल की मलीशा खारवा की ज़िंदगी पूरी तरह बदल चुकी है और अब उनके सपनों का आसमान उनकी उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार नज़र आ रहा है।
मुंबई के स्लम एरिया में रहने वाली 12 साल की मलीशा की ज़िंदगी पूरी तरह बदल चुकी है और अब उनके सपनों का आसमान उनकी उड़ान के लिए पूरी तरह तैयार नज़र आ रहा है। दरअसल मलीशा खारवा फैशन मॉडल और डांसर बनना चाहती हैं और अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खुद की पहचान स्थापित करने की दिशा में मलीशा अपना पहला कदम बढ़ा चुकी हैं।
मलीशा को अक्टूबर 2020 में देश की जानी-मानी पीकॉक मैगजीन ने बतौर कवर गर्ल छापा था। मीडिया से बात करते हुए मलीशा ने बताया है कि वह जब पाँच साल की थीं तब उन्होने टीवी पर एक मॉडल को रैम्प पर वॉक करते हुए देखा था और तभी उन्होने यह तय कर लिया था कि वो भी एक दिन ऐसा ही कुछ करें।
मलीशा के लिए सब कुछ तब बदल गया जब साल 2020 में हॉलीवुड के मशहूर अभिनेता रॉबर्ट हॉफ़मन अपने एक म्यूजिक वीडियो के लिए स्लम में रहने वाले कुछ बच्चों के साथ काम करना चाहते थे। रॉबर्ट के अनुसार वह ऐसे बच्चों को अपने म्यूजिक वीडियो में लेना चाहते थे जो वाकई में स्लम में रह रहे हों, हालांकि इस दौरान मलीशा को रॉबर्ट के उस वीडियो में मौका नहीं मिल पाया था।
रॉबर्ट ने तब तय किया कि वो एक चांस लेते हुए मलीशा की मदद करेंगे। रॉबर्ट ने इसके बाद मलीशा के परिवार से बात की और परिवार से उन्हें पूरा समर्थन हासिल हुआ, हालांकि रॉबर्ट ने इस दौरान परिवार को इस करियर की अनिश्चितताओं के बारे में बताया, लेकिन परिवार मलीशा के इस कदम से खुश और संतुष्ट था। मलीशा के पिता की हामी के बाद रॉबर्ट खुद ही मलीशा के मैनेजर बन गए। हॉलीवुड में रॉबर्ट के कनेक्शन का लाभ मलीशा को मिलना ही था और ऐसा हुआ भी। रॉबर्ट ने मलीशा का इंस्टाग्राम पेज और यूट्यूब पेज भी शुरू किया, जिस पर लोगों की जबरदस्त प्रतिक्रिया देखने को मिली और लगातार बढ़ते फॉलोवर्स के साथ मलीशा का यह अकाउंट वैरिफाई भी हो गया।