वीकली रिकैप: पढ़ें इस हफ्ते की टॉप स्टोरीज़!
यहाँ आप इस हफ्ते प्रकाशित हुई कुछ बेहतरीन स्टोरीज़ को संक्षेप में पढ़ सकते हैं।
इस हफ्ते हमने कई प्रेरक और रोचक कहानियाँ प्रकाशित की हैं, उनमें से कुछ को हम यहाँ आपके सामने संक्षेप में प्रस्तुत कर रहे हैं, जिनके साथ दिये गए लिंक पर क्लिक कर आप उन्हें विस्तार से भी पढ़ सकते हैं।
ऋचा चड्ढा की सकारात्मक कहानियां दिखाने की खास पहल
अभिनेत्री ऋचा चड्ढा और उनके दोस्त कृष्णा जगोटा की एक पहल, The KiNDRY, रोजमर्रा के उन नायकों की सराहना करती है जो आम लोग हैं और बड़े पैमाने पर समुदाय के लिए असाधारण काम कर रहे हैं।
दयालुता और करुणा की कई कहानियां हैं जिन पर अभिनेत्री ऋचा चड्ढा, अपने दोस्त कृष्णा जगोटा के साथ, इंस्टाग्राम पर अपनी ऑनलाइन पहल, THE KINDRY के माध्यम से ध्यान केंद्रित करना चाहती हैं।
जो कभी COVID नायकों को सराहने के लिए एक प्लेटफॉर्म के रूप में जो शुरू हुआ था, वह अब बड़े पैमाने पर समुदाय के लिए कुछ करने वाले लाखों पुरुषों और महिलाओं को सराहने के लिए विस्तारित हो गया है।
ऋचा YourStory को बताती हैं, "मेरा मानना है कि हम कम से कम यह तो कर ही सकते हैं। हालांकि यह एक बहुत ही नया आइडिया नहीं है और मैं इस पर दावा नहीं कर सकती, लेकिन मेरा मानना है कि अच्छी कहानियों को पर्याप्त रूप से विस्तारित नहीं किया जाता है।”
वह कहती हैं, "आइडिया मूल रूप से समाचार देखने से आया था और इस कहानी ने मुझे चकित कर दिया कि करुणा का ये भाव कम से कम अपेक्षित व्यक्ति से आया था; आप एक चोर से इस तरह की ईमानदारी की उम्मीद नहीं कर सकते।”
ऋचा ने जोर देकर कहा कि द काइंडरी का उद्देश्य उन खबरों से अच्छी कहानियों का मिश्रण तैयार करना है जो संकट के समय में उम्मीद जगाएं।
‘स्पाइस गर्ल्स ऑफ इंडिया’ की कहानी
जोधपुर की इस महिला ने सभी चुनौतियों को हराकर अपनी बेटियों के साथ खड़ा किया बड़ा मसाला व्यापार, ‘स्पाइस गर्ल्स ऑफ इंडिया’ के नाम से हैं मशहूर
जोधपुर के चहल-पहल वाले सरदार मार्केट में आज ‘स्पाइस गर्ल्स ऑफ इंडिया’ अपने एमवी स्पाइसेस स्टोर पर अपनी ट्रेडमार्क मसाला-सुगंधित चाय पेश करती हुईं दुनिया भर के पर्यटकों का स्वागत करती हैं। आज दुनिया भर से शहर आने वाले पर्यटकों के बीच यह एक प्रसिद्ध और लोकप्रिय ब्रांड है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय ट्रैवल कंपनियों और ब्लॉगर्स द्वारा चर्चा भी की जा चुकी है।
एमवी स्पाइसेस की कहानी वास्तव में न केवल अपने लिए बल्कि अपनी सात बेटियों के लिए उनकी समानता और उनके सम्मान के लिए एक माँ की लड़ाई की कहानी है।
आज, सात बेटियां- उषा, पूनम, नीलम, निक्की, कविता, रितु और प्रिया जोधपुर शहर में चार स्टोर के साथ एमवी स्पाइसेस चला रही हैं। वे पिसे हुए और बिना पिसे मसाले, चाय और चाय के मसाले, करी के लिए मसालों के साथ ही क्रिसमस गिफ्ट पैक की एक विस्तृत श्रृंखला पेश करती हैं।
अपने खुदरा स्टोर के अलावा यह 250 ग्राम मसालों के लिए 3 डॉलर से 20 डॉलर की कीमत सीमा के साथ अपनी वेबसाइट के माध्यम से विदेशी ग्राहकों को भी मसाले बेंच रही हैं। इन वर्षों में स्टोर पर आने वाले कई पर्यटक अपने देश से ऑनलाइन ऑर्डर देने वाले ग्राहक बन गए हैं। प्रति माह लगभग 30 ऑर्डर के साथ आज परिवार के अलावा बाहर 12 लोगों की एक टीम है।
चीन से टक्कर लेकर इस शख्स ने खड़ा किया भारत का सबसे बड़ा सोलर कारोबार
साल 1989 में हितेश दोशी ने 5 हज़ार रुपये की पूंजी उधार लेकर एक थर्मल उपकरण व्यवसाय शुरू किया था। तब उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि वह चीन से कड़ी प्रतिस्पर्धा के बीच भारत के सबसे बड़े सोलर पीवी मॉड्यूल निर्माण व्यवसाय- ‘वारी एनर्जी’ के निर्माण की दिशा में अपनी यात्रा शुरू करने वाले हैं।
30 से अधिक वर्षों की इस यात्रा के दौरान हितेश ने अपने व्यवसाय को वारी एनर्जीज में बदल दिया है, जो एक प्रमुख पीवी मॉड्यूल और 2GW क्षमता के साथ पैनल निर्माण फर्म के रूप में अब आगे बढ़ रही है।
YourStory के साथ एक विशेष साक्षात्कार में उन्होंने कहा, “एमएनआरई के अनुसार, हमारे पास भारत में सौर मॉड्यूल निर्माताओं की सबसे अधिक इंस्टॉलेशन क्षमता है, इसके बाद अदानी, विक्रम, आदि का नंबर है। पिछले साल कोरोना महामारी से प्रभावित बाजार में भी हमने 2,000 करोड़ रुपये का कारोबार दर्ज किया था। अब, हम दिसंबर 2021 तक अपनी क्षमता बढ़ाकर 5GW कर रहे हैं और अपने राजस्व को तीन गुना करने की उम्मीद कर रहे हैं।“
हितेश और उनकी कंपनी वारी चीनी आयात के प्रभुत्व वाले बाजार में आगे बढ़ रहे हैं और उनकी यह यात्रा अब सौर पीवी मॉड्यूल और पैनल के स्थानीय भारतीय निर्माण को चैंपियन बनाने की है।
राजस्थान की तीन बहनें एक साथ बनीं RAS
इन तीनों बहनों के नाम अंशु, रीतू और सुमन हैं। दिलचस्प है कि इसके पहले इनकी दो सगी बहनें रोमा और मंजु पहले ही राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा को पास कर बतौर प्रसाशनिक अधिकारी अपनी सेवाएँ दे रही हैं।
आज राजस्थान के हनुमानगढ़ की तीन बहनों की चर्चा हर ओर हो रही है, क्योंकि इन तीनों बहनों ने एक साथ राजस्थान की राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा को पास कर अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा कर लिया है।
इन तीनों बहनों के नाम अंशु, रीतू और सुमन हैं। दिलचस्प है कि इसके पहले इनकी दो सगी बहनें रोमा और मंजु पहले ही राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा को पास कर बतौर प्रसाशनिक अधिकारी अपनी सेवाएँ दे रही हैं।
बताते चलें कि बीते मंगलवार को राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 2018 की राजस्थान प्रसाशनिक सेवा के रिजल्ट घोषित किए हैं।
रिजल्ट आने के बाद अब तीनों बहनों के लिए अधिकारी बनने का रास्ता साफ हो चुका है। मालूम हो कि ओबीसी कटैगरी के तहत अंशु को 31वीं रैंक हासिल हुई है, जबकि रीतू को 96वीं रैंक और सुमन को 98वीं रैंक हासिल हुई है। रीतू सभी बहनों में सबसे छोटी हैं।
इन पांचों बहनों ने सिर्फ कक्षा 5 तक की पढ़ाई स्कूल से की है, लेकिन इसके बाद इन बहनों ने अपनी प्राइवेट पढ़ाई कर 12वीं, ग्रैजुएशन, नेट जेआरएफ़ और पीएचडी की पढ़ाई की है।
दो भारतीयों द्वारा स्थापित BukuWarung इंडोनेशिया में बदल रहा है SMEs के बहीखाते का तरीका
इंडोनेशिया में एसएमई बाज़ार बदल रहे हैं ये दो भारतीय युवा, अपनी ऐप बुकुवारुंग से व्यापारियों के लिए बहीखाता को बना दिया है डिजिटल।
अभिनय पेड्डीसेट्टी और चिन्मय चौहान के लिए इंडोनेशिया के के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 60 प्रतिशत और इसके घरेलू कार्यबल के 97 प्रतिशत हिस्से वाले लाखों एसएमई (छोटे और मध्यम उद्यमों) के लिए समाधान उपलब्ध करना कोई संयोग नहीं था। उनके अपने माता-पिता के छोटे व्यवसाय हैं और वे इस क्षेत्र में बहीखाता और पैसे से जुड़े संघर्षों को समझते थे।
हालांकि अपने करियर की शुरुआत से तमाम स्टार्टअप के साथ काम करने वाली इस जोड़ी के लिए बुकुवारुंग की स्थापना किसी जल्दबाज़ी में नहीं हुई है। गौरतलब है कि अभिनय और चिन्मय ने बुकुवारुंग की स्थापना 2019 में की थी।
अब तक इंडोनेशिया में लगभग 6 करोड़ छोटे और मध्यम उद्यमों के कारोबारी कागजों पर लिखकर अपना हिसाब-किताब रखते थे और इस कारण हुई मानवीय गलतियों के चलते उन्हें कई बार नुकसान भी उठाना पड़ता था। अभिनय पेड्डीसेट्टी और चिन्मय चौहान द्वारा छोटे व्यापारियों के लिए बनाया गया 'ऑपरेटिंग सिस्टम' बुकुवारुंग (BukuWarung) अब इस इकोसिस्टम को बदल रहा है।