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राजस्थान की तीन बहनें एक साथ बन गईं हैं प्रसाशनिक अधिकारी, दो बहनें पहले ही बन चुकी हैं अधिकारी

इन तीनों बहनों के नाम अंशु, रीतू और सुमन हैं। दिलचस्प है कि इसके पहले इनकी दो सगी बहनें रोमा और मंजु पहले ही राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा को पास कर बतौर प्रसाशनिक अधिकारी अपनी सेवाएँ दे रही हैं।

राजस्थान की तीन बहनें एक साथ बन गईं हैं प्रसाशनिक अधिकारी, दो बहनें पहले ही बन चुकी हैं अधिकारी

Friday July 16, 2021 , 3 min Read

आज राजस्थान के हनुमानगढ़ की तीन बहनों की चर्चा हर ओर हो रही है, क्योंकि इन तीनों बहनों ने एक साथ राजस्थान की राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा को पास कर अधिकारी बनने के अपने सपने को पूरा कर लिया है।


इन तीनों बहनों के नाम अंशु, रीतू और सुमन हैं। दिलचस्प है कि इसके पहले इनकी दो सगी बहनें रोमा और मंजु पहले ही राज्य प्रशासनिक सेवा की परीक्षा को पास कर बतौर प्रसाशनिक अधिकारी अपनी सेवाएँ दे रही हैं।


बताते चलें कि बीते मंगलवार को राजस्थान लोक सेवा आयोग ने 2018 की राजस्थान प्रसाशनिक सेवा के रिजल्ट घोषित किए हैं।

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5वीं के बाद स्कूल नहीं गईं पांचों बहनें

अब अंशु, रीतू और सुमन के साथ ही पांचों बहनें राजस्थान प्रशासनिक सेवा अधिकारी बन गई हैं। ये बहनें एक गरीब किसान परिवार से ताल्लुक रखती हैं, जहां इनके पिता सहदेव सहारन ने सिर्फ आठवीं तक शिक्षा ग्रहण की है, जबकि माँ लक्ष्मी पूरी तरह अशिक्षित हैं।


रिजल्ट आने के बाद अब तीनों बहनों के लिए अधिकारी बनने का रास्ता साफ हो चुका है। मालूम हो कि ओबीसी कटैगरी के तहत अंशु को 31वीं रैंक हासिल हुई है, जबकि रीतू को 96वीं रैंक और सुमन को 98वीं रैंक हासिल हुई है। रीतू सभी बहनों में सबसे छोटी हैं।


इन पांचों बहनों ने सिर्फ कक्षा 5 तक की पढ़ाई स्कूल से की है, लेकिन इसके बाद इन बहनों ने अपनी प्राइवेट पढ़ाई कर 12वीं, ग्रैजुएशन, नेट जेआरएफ़ और पीएचडी की पढ़ाई की है। मीडिया से बात करते हुए इन बहनों ने बताया है कि पिता सहदेव के ऊपर पाँच बेटियों और एक बेटे के पालन-पोषण का जिम्मा था, जिसके चलते वो सभी की नियमित पढ़ाई नहीं करवा सके। ये सभी बहनें घर पर नोट्स तैयार कर परीक्षाओं के लिए अपनी तैयारी किया करती थीं।

2010 में पहली बहन बनीं अधिकारी

रोमा ने साल 2010 में आरएएस की परीक्षा पास की थी और इसी के साथ वह अपने परिवार की पहली आरएएस अधिकारी बनीं थीं। रोमा वर्तमान में झुंझुनू जिले के सुजानगढ़ में खंड विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। दूसरी बहन मंजू ने साल 2017 में आरएएस परीक्षा पास की थी और अब वो नोहर, हनुमानगढ़ में सहकारिता विभाग में अपनी सेवाएँ दे रही हैं।


इस खबर को 14 जुलाई को सोशल मीडिया के माध्यम से आईएफ़एस अधिकारी प्रवीण कासवान ने शेयर किया था। प्रवीण ने जानकारी शेयर करते हुए लिखा, “इतनी अच्छी खबर है। अंशु, रीतू और सुमन राजस्थान के हनुमानगढ़ की तीन बहनें हैं। आज तीनों एक साथ आरएएस में चयनित हुई हैं। तीनों ने अपने पिता और परिवार को गौरवान्वित करने का काम किया है। ये पांच बहनें हैं। अन्य दो रोमा और मंजू पहले से ही आरएएस अधिकारी थीं। किसान श्री सहदेव सहारन की सभी पांच बेटियां अब आरएएस अधिकारी हैं।”

सीएम गहलोत ने दी बधाई

आरएएस के रिजल्ट घोषित हो जाने के बाद राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी ट्विटर का सहारा लेते हुए परीक्षा के टॉपरों को बधाई दी है। अशोक गहलोत ने लिखा, “झुंझुनू की मुक्ता राव को आरएएस की परीक्षा में टॉप करने, टोंक की मनमोहन शर्मा और जयपुर की शिवाक्षी खंडाल को क्रमशः दूसरा, तीसरा स्थान हासिल करने के लिए और परीक्षा में उत्तीर्ण सभी अभ्यर्थियों को बधाई। यह समर्पण के साथ राज्य की सेवा करने का एक शानदार अवसर है। मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं।“


Edited by रविकांत पारीक