Brands
Discover
Events
Newsletter
More

Follow Us

twitterfacebookinstagramyoutube
Yourstory

Brands

Resources

Stories

General

In-Depth

Announcement

Reports

News

Funding

Startup Sectors

Women in tech

Sportstech

Agritech

E-Commerce

Education

Lifestyle

Entertainment

Art & Culture

Travel & Leisure

Curtain Raiser

Wine and Food

YSTV

ADVERTISEMENT
Advertise with us

Wipro अपने स्टाफ को देगी तीसरी तिमाही में 87% ‘वेरिएबल पे’, क्या हैं इसके मायने?

किसी भी कर्मचारी की सैलरी में 2 अहम भाग होते हैं. एक होता है 'फिक्स्ड पे' और दूसरा होता है 'वेरिएबल पे'. अब इन दोनों में क्या फर्क होता है; यहां समझिए...

Wipro अपने स्टाफ को देगी तीसरी तिमाही में 87% ‘वेरिएबल पे’, क्या हैं इसके मायने?

Thursday February 16, 2023 , 4 min Read

सॉफ्टवेयर सेक्टर की दिग्गज कंपनी विप्रो (Wipro Ltd) ने अपने 80% से अधिक कर्मचारियों को तीसरी तिमाही में 87% 'वेरिएबल पे' देने की योजना बनाई है. कंपनी के स्टाफ को भेजे गए एक ईमेल में इसकी जानकारी दी गई है

भुगतान तीसरी तिमाही के लिए ए से बी3 तक के बैंड के लिए होगा, जिसका अर्थ है फ्रेशर्स और टीम लीडर स्तरों के लिए. ईटी ने कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल की कॉपी देखी है.

ईमेल के अनुसार भुगतान बाकी कर्मचारियों के लिए संबंधित यूनिट द्वारा टागरेट पूरा करने की उपलब्धि पर आधारित होगा. कंपनी ने पिछली तिमाही में समान कॉहोर्ट के लिए 100% 'वेरिएबल पे' दिया था.

हालांकि, विप्रो ने इस पर कोई जवाब नहीं दिया है.

ईमेल में लिखा गया है, "हमारे सामान्य लक्ष्यों को पूरा करने के लिए, हमारा बिजनेस-लिंक्ड वैरिएबल पे रेवेन्यू, बुकिंग और ऑपरेटिंग मार्जिन के मुकाबले तिमाही के प्रदर्शन पर आधारित है."

बेंगलुरु स्थित आईटी सर्विस फर्म ने क्रमवार रेवेन्यू में 0.6% की वृद्धि, बुकिंग में 23.7% क्रमिक वृद्धि और 16.3% के ऑपरेटिंग मार्जिन में सुधार हासिल किया है, जो "अभी भी (विप्रो के) नियोजित लक्ष्य से कम है".

ईमेल में यह भी कहा गया है कि 'वेरिएबल पे' फरवरी महीने की सैलरी के साथ दिया जाएगा, और भुगतान के लिए पात्र होने के लिए बिल योग्य और डीओपी (डिजिटल संचालन और प्लेटफॉर्म) कर्मचारियों के लिए 50% का न्यूनतम उपयोग स्तर आवश्यक है.

इससे पहले, बीते साल जनवरी में विप्रो ने कथित तौर पर खराब प्रदर्शन के कारण 452 फ्रेशर्स को नौकरी से निकाल दिया था.

कंपनी के बड़े प्रतिद्वंद्वी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने पिछले महीने 31 दिसंबर को समाप्त तीसरी तिमाही के लिए अपने 70% कर्मचारियों के लिए 100% 'वेरिएबल पे' शुरू किया.

क्या होता है 'वेरिएबल पे'?

किसी भी कर्मचारी की सैलरी में 2 अहम भाग होते हैं. एक होता है फिक्स्ड (Fixed) और दूसरा परिवर्तित हो सकने वाला (Variable). इन दोनों में कई तरह के अलाउंस, इन्सेन्टिव शामिल हो सकते हैं. वेरिएबल्स और इन्सेन्टिव कब दिए जाएंगे, यह कंपनी की पॉलिसी पर निर्भर करता है. कुछ कंपनियां हर महीने तो कुछ तिमाही पर और कुछ कंपनियां वार्षिक आधार पर देती हैं.

‘वेरिएबल पे’ में सैलरी और प्रति घंटा वेजेज से हटकर कई तरह के कंपोनेंट शामिल होते हैं, जैसे कि सेल पर कमीशन, हर सेल पर फिक्स्ड अमाउंट, या फिर बिजनेस की पूरी कमाई पर कुछ प्रतिशत हिस्सा.

‘वेरिएबल पे’ मुख्यत: आपके और आपकी कंपनी के प्रदर्शन पर निर्भर करता है. ‘वेरिएबल पे’ किसी भी कंपनी में कर्मचारियों को दिए जाने वाले कुल पुरस्कार के पांच मुख्य घटकों में से एक है. आमतौर पर यह निश्चित वेतन का एक प्रतिशत होता है.

नियोक्ता कर्मचारी को उसकी या उसकी टीम या कंपनी के प्रदर्शन के आधार पर ‘वेरिएबल पे’ देता है. कई नियोक्ता अपने कर्मचारियों को कैश, स्टॉक या छुट्टी के रूप में ‘वेरिएबल पे’ देते हैं.

जूनियर स्तर पर, वेरिएबल पे निश्चित वेतन का 10% से 15% तक होता है. हालांकि, बिक्री विभाग में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए वेरिएबल पे और सेल्स इंसेंटिव 30 % से 40 % तक हो सकते हैं. सेल्स इंसेंटिव को वेरिएबल पे के रूप में परिभाषित नहीं किया जाता है, क्योंकि वे कमीशन के रूप में दिए जाते हैं. मध्य स्तर पर, यह 15 % से 30 % तक होता है, और वरिष्ठ स्तर पर यह आमतौर पर 30% से 50 % के बीच होता है.

फिक्स्ड पे और वेरिएबल पे में क्या अंतर है?

फिक्स्ड पे: इसमें कर्मचारी के ऑफर लेटर में जितनी सैलरी का उल्लेख होता है, उतनी ही उसे दी जाती है.

आपका पैकेज = फिक्स्ड पे (कुल पैकेज का एक्स %) + वेरिएबल पे (कुल पैकेज का 100 – X %).

इस प्रकार वेरिएबल पे आपके सैलरी पैकेज का एक हिस्सा होता है. एक वेतनभोगी कर्मचारी के रूप में आपको हर महीने के अंत में निश्चित वेतन मिलेगा, लेकिन हर तीन महीने, 6 महीने या साल में एक बार आपको वेरिएबल पे दिया जाएगा. हालाँकि यह समय सीमा अलग – अलग कंपनियों में भिन्न हो सकती है.

हम इसे एक उदाहरण की मदद से भी समझ सकते हैं. मान लिया जाए कि एक कंपनी हर तीन महीने में वेरिएबल पे का भुगतान कर रही है. इस स्थिति में अगर आपका कुल मासिक वेतन 30,000 रुपये है, जिसमें से आपको 25,000 रुपये फिक्स्ड पे के रूप में और 5,000 रुपये वेरिएबल पे के रूप में मिल रहे हैं. इस प्रकार आपको हर महीने के अंत में हमेशा 25,000 रुपये मिलेंगे.

मान लें कि आपकी कंपनी 80% वेरिएबल निश्चित करती है, ऐसे में आपको वेरिएबल पे का 80% यानी कि 4,000 रु.दिया जाएगा.

इसलिए हर तीन महीने के अंत में आपको प्राप्त होने वाली राशि होगी: 4,000 रु. X 3 = 12,000 रुपये.