नौकरी करते हुए ये दोस्त मिलकर चला रहे हैं 'इंजीनियर्स ठेला', स्वादिष्ट बिरयानी बेच कर रहे तगड़ी कमाई
‘जहां चाह है, वहाँ राह है’- यह कथन हमने ना जाने कितनी बार सुना होगा लेकिन कोरोना काल के दौरान उड़ीसा के रहने वाले दो दोस्तों ने इसे साबित कर दिखाया है और अब ये दोनों दोस्त इस कठिन समय में भी सारी मुश्किलों को पीछे छोड़ तगड़ी कमाई भी कर रहे हैं।
उड़ीसा के मलकानगिरी के रहने वाले सुमित समल और प्रियम बेबर्ता बतौर प्रोफेशन इंजीनियर हैं लेकिन आज-कल लोग उन्हें उनके खास ठेले की वजह से अधिक जान रहे हैं। ‘इंजीनियर्स ठेला’ नाम से चर्चित इनके फूड कार्ट पर आकर लोग स्वादिष्ट बिरयानी और चिकन टिक्का का लुत्फ उठा रहे हैं।
बचपन के दोस्त हैं दोनों
सुमित और प्रियम बचपन के दोस्त हैं और कोरोना महामारी के चलते दोनों ही इंजीनियर दोस्त अपने गृह नगर में रहते हुए अपने घर से काम कर रहे थे। इसी दौरान दोनों दोस्त ऑफिस का काम खत्म करने के बाद स्थानीय वेंडर्स के पास स्वादिष्ट बिरयानी खाने की चाह लेकर जाया करते थे। हालांकि उन वेंडर्स के काम करने के तरीकों ने सुमित और प्रियम को हैरान कर दिया।
प्रियम के अनुसार खाना बनाने और परोसने की प्रक्रिया को देखना उस समय संदिग्ध लग रहा था क्योंकि वहाँ पर सफाई और हाइजीन का बिल्कुल भी ख्याल नही रखा जा रहा था। एक वेबसाइट से बात करते हुए प्रियम ने बताया है कि हर कोई स्ट्रीट फ़ूड पसंद करता है और बहुत से ऐसे लोग हैं जो कोई बेहतर चीज़ नहीं खरीद सकते, ऐसे में ये ठेलेवाले भोजन का एकमात्र स्रोत हैं।
एक घटना का जिक्र करते हुए प्रियम ने बताया कि एक ऐसी ही एक गाड़ी जहां वे खा रहे थे, वह एक सीवेज ड्रेन के बगल में खड़ी थी। खाने में मांस की गुणवत्ता दिखने से संदिग्ध लग रही थी और वे इस भोजन की गुणवत्ता को लेकर खुश नहीं थे। बस यहीं से दोनों को व्यवसाय का एक मॉडल स्थापित करने की प्रेरणा मिली जहां ग्राहकों को स्वादिष्ट और हाइजीनिक खाना परोसा जा सकता था।
शुरू कर दी अपनी स्ट्रीट कार्ट
दोनों दोस्तों को बिरयानी बनानी नहीं आती थी तो इसके लिए उन्होने दो रसोइयों को नौकरी पर रखने का फैसला किया, जबकि जरूरी समान की खरीद का जिम्मा तब भी दोनों दोस्तों के ही पास रहा। इस वेंचर की शुरुआत करने के लिए दोनों दोस्तों ने अपनी बचत से 50 हज़ार रुपये का निवेश किया था।
अब हर शाम अपने ऑफिस के काम के बाद दोनों दोस्त बिरयानी बेचने के लिए अपनी फूड कार्ट को निर्धारित जगह पर स्थापित करते हैं। मालूम हो कि यहाँ पर चिकन बिरयानी की एक प्लेट 120 रुपये में मिलती है, जबकि हाफ प्लेट की कीमत 70 रुपये है। क्वालिटी और बेहतर स्वाद के चलते आज दोनों दोस्त 100 से अधिक प्लेट बिरयानी बेंच रहे हैं। इसी के साथ यहाँ पर चिकन टिक्का भी उपलब्ध है।
प्रियम के अनुसार इसके लिए उनकी दैनिक लागत करीब एक रुपये के आस-पास पड़ती है जबकि वे हर रोज़ 8 हज़ार रुपये तक की कमाई कर लेते हैं ऐसे में सारे खर्च हटाने के बाद भी वे हर महीने 45 हज़ार रुपये से अधिक की बचत कर पा रहे हैं।
Edited by Ranjana Tripathi