कौन हैं ग्रेग ऐबल, जो होंगे 761 बिलियन डॉलर के वॉरेन बफे एंपायर के उत्तराधिकारी
बर्कशायर हैथवे एनर्जी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले लोगों में ग्रेग तीसरे नंबर पर हैं.
लंबे समय से इस बात को लेकर कयास लगाए जा रहे थे कि वॉरेन बफे के बाद बर्कशायर हैथवे में उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, लेकिन 2021 वॉरेन एक घोषणा करके इन सारी अटकलों पर विराम लगा दिया था. उन्होंने घोषणा की कि दो दशक से ज्यादा समय से बर्कशायर से जुड़े 60 साल के ग्रेग एबेल उनके बाद कंपनी की कमान संभालेंगे. हालांकि उस घोषणा को भी काफी समय हो गया है. उस घोषणा के बाद ‘द इकोनॉमिस्ट’ ने एक स्टोरी की, जिसकी हेडलाइन थी- ‘वॉरेन बफे शुड स्टेप एसाइड फॉर हिज चूजेन सक्सेसर.’ (वॉरेन बफे को अपने चुने हुए उत्तराधिकारी के लिए कुर्सी छोड़ देनी चाहिए.)
फिलहाल बाजार में यह अटकलें गर्म हैं कि जल्द ही ग्रेग वॉरेन की कुर्सी संभाल सकते हैं. ग्रेगोरी एबेल, जिन्हें सब संक्षेप में ग्रेग कहकर बुलाते हैं, की सफलता की कहानी भी कम रोचक नहीं है. 1 जून, 1962 को कनाडा के अल्बर्टा में जन्मे ग्रेग बहुत साधारण परिवार से आते हैं. आज बिजनेस की दुनिया में उन्होंने जो मुकाम बनाया है, वह सिर्फ अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर है. अभी वह अमेरिका के आयोवा में स्थित 761 बिलियन डॉलर की कंपनी में वाइस चेयरमैन हैं. वॉरेन बफे के रिटायरमेंट के बाद वह कंपनी के नए चेयरमैन और सीईओ होंगे.
कौन हैं ग्रेग एबेल
ग्रेग एबेल का जन्म कनाडा के एक निम्न-मध्यवर्गीय परिवार में हुआ. उनके पिता सेल्समैन का काम करते थे और मां हाउस वाइफ थीं. स्कूल और कॉलेज के दिनों में वे हॉकी और फुटबॉल खेला करते थे. कॉलेज के समय से ही उन्होंने पैसे कमाने और अपनी एजूकेशन को सपोर्ट करने के लिए छोटे-मोटे काम करने शुरू कर दिए थे. उन्होंने कुछ समय तक फ्लायर्स बांटने का काम भी किया.
उन्होंने अल्बर्टा यूनिवर्सिटी से 1984 में ग्रेजुएशन किया. ग्रेग AICPA सर्टिफाइड पब्लिक एकाउंटेंट भी हैं. डिग्री पूरी करने के बाद नौकरी की शुरुआत ग्रेग ने एडमॉन्टन स्थित कंपनी प्राइसवॉटरहाउस कूपर्स (PricewaterhouseCoopers) से की, जहां उन्होंने बतौर अकाउंटेंट काम करना शुरू किया. ग्रेग एबेल ने एक इंटरव्यू में कहा था, “मेरे माता-पिता आर्थिक रूप से मजबूत और सक्षम नहीं थे, लेकिन एजूकेशन पर उनका बहुत जोर रहता था. अगर आपका परिवार और प्रियजन आपके साथ हों, उनका समर्थन और सहयोग हो तो इंसान बड़े से बड़ा सपना देखने का साहस कर सकता है.”
15 साल तक ग्रेग ने अलग-अलग कंपनियों में काम किया. कुछ साल बाद उन्होंने CallEnergy नाम की कंपनी ज्वाइन की. यह वही कंपनी थी, जिसका बाद में मिडअमेरिकन एनर्जी ने अधिग्रहण कर लिया था. मिडअमेरिकन एनर्जी के हाथों में भी कंपनी ज्यादा समय तक नहीं रही. 1999 में बर्कशायर हैथवे ने मिडअमेरिकन एनर्जी में 75 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली. बाद में कंपनी का नाम बदलकर बर्कशायर हैथवे एनर्जी कर दिया गया.
जब बर्कशायर ने कंपनी का अधिग्रहण किया, उस वक्त ग्रेग कंपनी के प्रेसिडेंट थे. बाद में वे एक के बाद एक सफलता की सीढि़यां चढ़ते गए. अभी ग्रेग बर्कशायर हैथवे के एनर्जी बिजनेस का काम संभालते हैं. वह बर्कशायर हैथवे एनर्जी के सीईओ हैं.
वॉरेन बफे ग्रेग को निजी तौर पर पसंद करते हैं. वे उनकी काबिलियत और प्रोफेशनलिज्म के मुरीद हैं. ग्रेग एबल के बारे में वॉरेन बफे लिखते हैं, “ग्रेग से बात करना मेरे लिए भी सीखने का मौका होता है. वो जब भी फोन करते हैं, मैं बात करने का वक्त निकाल ही लेता हूं. उसका सोचने का तरीका और नए-नए आइडियाज मुझे बहुत पसंद आते हैं.”
2008 में ग्रेग को कंपनी के बोर्ड मेंबर्स का हिस्सा बनाया गया. इस वक्त कंपनी में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी रखने वाले लोगों में ग्रेग तीसरे नंबर पर हैं. 2008 में उन्होंने बर्कशायर हैथवे एनर्जी में अपनी 1 फीसदी हिस्सेदार 87 करोड़ डॉलर में बेची थी.
Edited by Manisha Pandey