WHO की चेतावनी- कोविड महामारी के कारण ‘खसरा’ वैश्विक खतरा बना हुआ है
विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization - WHO) ने विश्व के विभिन्न भागों में खसरा फैलने की चेतावनी जारी की है. कोविड-19 के दौर में खसरे के टीकाकरण और इसके प्रसार पर निगरानी में कमी के कारण यह खतरा बढ़ा है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा अमरीका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केन्द्र से कल जारी संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार कोविड महामारी के चलते पिछले साल चार करोड़ से अधिक बच्चों को खसरे का टीका नहीं लग पाया.
WHO में खसरे की रोकथाम से जुड़े प्रमुख अधिकारी पैट्रिक ओ’ कॉनर ने कहा कि यह रोकथाम के उपाय करने का समय है. कॉनर ने कहा कि अगले 12 से 24 महीने काफी चुनौतीपूर्ण हैं. उन्होंने कहा कि इस वर्ष की शुरूआत से ही खसरे का फैलाव बढ़ा है और वे अफ्रीका के उपसहारा क्षेत्र को लेकर विशेष चिंतित हैं.
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2021 में 22 देशों में खसरे से 90 लाख लोगों के ग्रस्त होने और एक लाख 28 हजार की मौत होने का अनुमान है. टीकाकरण से खसरे की पूरी तरह रोकथाम संभव है. इसका फैलाव रोकने के लिए 95 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण जरूरी है.
वहीं, भारत सरकार ने खसरा रोग के बढ़ते मामलों को देखते हुए रांची, अहमदाबाद और मल्लापुरम भेजने के लिए विशेष दल गठित किए है. ये दल स्थिति का आकलन करेंगे और खसरे के प्रसार को रोकने के लिए राज्य के स्वास्थ्य अधिकारियों का सहयोग करेंगे तथा उन्हें आवश्यक कदम उठाने में भी सहायता करेंगे.
कोविड-19 महामारी की शुरुआत के बाद से टीकाकरण अभियान ठप पड़ जाने के कारण इस साल अमेरिका, ब्रिटेन और मोजाम्बिक जैसे देशों में पोलियो के नए मामले सामने आए हैं. लंदन के एक हिस्से में गंदे पानी में और कुछ महीने पहले न्यू यॉर्क में पोलियो का वायरस पाया गया. मोजाम्बिक में मई और इस साल फरवरी में मलावी में जंगली पोलियो वायरस का मामला सामने आया था.
बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन की पोलियो टीम में टेक्नोलॉजी, रिसर्च और एनालिटिक्स के उप निदेशक डॉ. आनंद शंकर बंद्योपाध्याय ने कहा कि पोलियो वायरस का पता चलना यह भी याद दिलाता है कि अगर यह दुनिया में कहीं भी मौजूद है तो यह सभी के लिए खतरा बना हुआ है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक एजेंसी वैश्विक पोलियो उन्मूलन पहल (GPEI) की वेबसाइट के अनुसार, जंगली पोलियो वायरस का आखिरी मामला अमेरिका और ब्रिटेन में क्रमश: 1979 और 1982 में आया था जबकि मलावी और मोजाम्बिक में यह आखिरी बार 1992 में सामने आया था. अमेरिका और ब्रिटेन के प्रशासन द्वारा पोलियो बीमारी की लड़ाई में बंद्योपाध्याय ने बताया कि वहां प्राधिकारी उचित तरीके से निपट रहे हैं. उन्होंने जोखिम की श्रेणी में आने वाले लोगों के लिए तत्काल टीकाकरण अभियान शुरू किया है और बीमारी पर नजर रखने की व्यवस्था को गति दी है. बंद्योपाध्याय ने कहा, "पोलियो मुक्त देश, इस बीमारी के वैश्विक उन्मूलन तक पोलियो जोखिम मुक्त नहीं हैं."
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