पेट्रोल पंप डीलरों ने एक दिन के लिए आखिर क्यों रोकी पेट्रोल-डीजल की खरीद
हालांकि इससे ग्राहकों को किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई क्योंकि फ्यूल की बिक्री जारी रही. एक अनुमान के मुताबिक, देशभर में करीब 70 हजार पेट्रोल पंप ने कंपनियों से तेल नहीं खरीदा.
मंगलवार को देश के 22 राज्यों में विभिन्न पेट्रोल पंप डीलरों ने एक दिन के लिए पेट्रोल-डीजल की खरीद नहीं की. ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (Petroleum Marketing Companies) द्वारा पेट्रोल पंप डीलर्स के कमीशन में बढ़ोतरी नहीं किए जाने के विरोध में ऐसा किया गया. हालांकि इससे ग्राहकों को किसी तरह की तकलीफ नहीं हुई क्योंकि फ्यूल की बिक्री जारी रही. एक अनुमान के मुताबिक, देशभर में करीब 70 हजार पेट्रोल पंप ने कंपनियों से तेल नहीं खरीदा.
जहां तक बात पेट्रोल पंप डीलर्स के कमीशन की है तो पेट्रोलियम कंपनियों और डीलर संघों के बीच समझौता हुआ था कि डीलरों के मार्जिन में प्रत्येक छह माह में संशोधन किया जाएगा. इसके लिए डीलर संघ और कंपनियों के प्रतिनिधि मिलेंगे और कमीशन में बढ़ोतरी पर सहमति बनाएंगे. लेकिन 2017 से ऐसी कोई मीटिंग नहीं हुई, लिहाजा पेट्रोल पंप डीलर्स के कमीशन में कोई बढ़ोतरी भी नहीं हुई. यह अभी भी उसी लेवल पर है, जिस लेवल पर साल 2017 में था, जबकि साल 2017 से ईंधन के दाम दोगुना हो गए हैं.
अभी कितना है कमीशन
दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट अनुराग नारायण ने YourStory Hindi को बताया कि इस वक्त पेट्रोल पंप डीलर्स के लिए पेट्रोल पर कमीशन 2.90 रुपये प्रति लीटर है, जबकि डीजल पर यह 1.85 रुपये प्रति लीटर है. अगर साल 2017 से बढ़ोतरी होती रहती तो आज यह पेट्रोल और डीजल दोनों ही मामलों में 1 रुपये बढ़ गया होता. डीलर्स की यही मांग है कि अब उनके कमीशन में बढ़ोतरी की जाए.
क्यों कमीशन लेते हैं पेट्रोल पंप डीलर
पेट्रोल पंप डीलर, ऑयल कंपनियों से फ्यूल ग्राहक तक पहुंचाने का एक माध्यम मात्र होते हैं. ग्राहक फ्यूल खरीदता है और उसका पेमेंट करता है, यह पेमेंट तेल कंपनियों तक जाता है और टैक्स सरकार के खजाने में जाता है. इसमें पेट्रोल पंप डीलर्स का कुछ नहीं होता. माध्यम के रूप में डीलर्स जो सेवा देते हैं, उसके एवज में ऑयल मार्केटिंग कंपनियां उन्हें कमीशन देती हैं. डीलर्स का कहना है कि पिछले 5 साल में महंगाई इतना बढ़ चुकी है, कर्मचारियों का वेतन 30-40 फीसदी तक बढ़ चुका है, बिजली बिल बढ़ चुका है, तमाम तरह के इनपुट कॉस्ट बढ़ चुके हैं. ऐसे में कंपनियों को कमीशन बढ़ाना चाहिए.
क्या आगे भी चलेगी फ्यूल खरीद पर यह रोक
अनुराग नारायण का कहना है कि पेट्रोल पंप डीलर्स की ओर से फ्यूल खरीद पर यह रोक केवल एक दिन के लिए थी. यह और दिनों के लिए आगे नहीं बढ़ोगी. यह डीलर्स का अपनी मांग सामने रखने का एक तरीका था. इससे ग्राहकों या तेल कंपनियों का कोई नुकसान नहीं हुआ है. पेट्रोल पंपों को अपनी रोजाना की जरूर को पूरा करने के लिए प्रतिदिन ईंधन लेने की जरूरत नहीं होती. उसके स्टोरेज टैंक में इतना भंडार होता है, जो कुछ दिन तक चल सकता है.
क्या रही तेल कंपनियों की प्रतिक्रिया
अनुराग नारायण का कहना है कि हमारे इस एक दिनी विरोध पर कंपनियों की प्रतिक्रिया नकारात्मक है. उनकी ओर से अभी भी डीलर कमीशन बढ़ाने को लेकर कोई आश्वासन नहीं आया है. उल्टा उन्होंने एक दिन पहले शाम को अपने तेल डिपो जल्दी बंद कर दिए और मंगलवार को पेट्रोल पंपों पर जबरन फ्यूल की डिलीवरी भेज दी. चूंकि कंपनियों की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं है, इसलिए अब डीलर्स पेट्रोलियम मंत्रालय के साथ इस बारे में बैठक करेंगे. हालांकि यह बैठक कब होगी, इसकी तारीख अभी तय नहीं हुई है.