क्या स्वच्छ ऊर्जा के नए रास्ता खोलेगा न्यूक्लियर फ्यूजन का हालिया रिसर्च?
कैलिफ़ोर्निया में नेशनल इग्निशन फैसिलिटी (एनआईएफ) के शोधकर्ताओं ने हाइड्रोजन ईंधन से भरे एक कैप्सूल में दुनिया के सबसे बड़े लेजर को दागा, जिससे वह फट गया और संलयन प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं जैसा सूर्य में होता है.
परमाणु संलयन (Nuclear Fusion), प्रचूर मात्रा में स्वच्छ ऊर्जा के स्रोत के रूप में बहुत बड़ी क्षमता रखता है जो दुनिया की ऊर्जा की जरूरत को पूरा कर सकता है.
अब, अमेरिका में एक राष्ट्रीय प्रयोगशाला में संलयन शोधकर्ताओं ने कुछ ऐसा हासिल किया है, जिसके लिए भौतिक विज्ञानी दशकों से काम कर रहे हैं, इस प्रक्रिया को ‘‘इग्निशन’’ कहा जाता है. इस कदम में लेजर द्वारा जितनी ऊर्जा लगाई जाती है, संलयन प्रतिक्रियाओं से उससे अधिक ऊर्जा प्राप्त करना शामिल है.
हम फ्यूजन से ऊर्जा पैदा करने के कितने करीब?
जबकि ‘‘इग्निशन’’ केवल सिद्धांत का प्रमाण है और एक बहुत लंबी प्रक्रिया में पहला कदम है, अन्य विकास भी काम कर रहे हैं और साथ में वे फ्यूजन को एक व्यावहारिक वास्तविकता बनाने के लिए नए सिरे से उत्साह जगा सकते हैं. सबसे पहले यह पहचानना महत्वपूर्ण है कि नवीनतम परिणाम वास्तव में एक मील का पत्थर है.
कैलिफ़ोर्निया में नेशनल इग्निशन फैसिलिटी (एनआईएफ) के शोधकर्ताओं ने हाइड्रोजन ईंधन से भरे एक कैप्सूल में दुनिया के सबसे बड़े लेजर को दागा, जिससे वह फट गया और संलयन प्रतिक्रियाएं शुरू हो गईं जैसा सूर्य में होता है.
विस्फोट द्वारा छोड़ी गई संलयन ऊर्जा लेजर द्वारा डाली गई ऊर्जा से अधिक थी, यह देखते हुए इसे एक बड़ी उपलब्धि कहा जा सकता है कि, कुछ ही साल पहले, एनआईएफ लेजर उसमें डाली गई ऊर्जा का लगभग एक हजारवाँ भाग ही निकाल सका था.
हालांकि, प्रकाश ऊर्जा में उत्पन्न होने वाली ऊर्जा की तुलना में लगभग 10,000 गुना अधिक ऊर्जा को लेजर में डालना पड़ा. इसे दिन में एक बार ही चलाया जा सकता है. और प्रत्येक लक्ष्य को इतने उत्कृष्ट रूप से डिजाइन किया गया है कि प्रत्येक की कीमत हजारों डॉलर है.
एक कार्यशील पावर स्टेशन के लिए एक रिएक्टर का निर्माण करने में, आपको एक लेज़र की आवश्यकता होती है, जो बहुत अधिक दक्षता पर प्रकाश ऊर्जा का उत्पादन करे और लक्ष्य को प्रति सेकंड दस बार सफलतापूर्वक शूट करे, प्रत्येक लक्ष्य की लागत कुछ पेंस या उसके आसपास हो. इसके अलावा, प्रत्येक लेज़र शॉट को उसमें डाली गई ऊर्जा से कई गुना – शायद 100 गुना -ज्यादा उत्पादन करने की आवश्यकता होगी.
फ्यूजन ‘‘रिएक्टर्स’’ पर वास्तव में बहुत कम शोध किया गया है, जहां प्रतिक्रियाओं से न्यूट्रॉन बिजली पैदा करने के लिए भाप टरबाइन को चलाने में मदद करेंगे. लेकिन आशा के अन्य कारण भी हैं.
सबसे पहले, एनआईएफ को जब ‘‘इग्निशन’’ प्राप्त करने में एक दशक से अधिक का समय लगा, उसी अवधि के दौरान, वैज्ञानिकों ने स्वतंत्र रूप से नए लेसरों का विकास किया. ये लेजर को ऊर्जा स्थानांतरित करने के लिए डायोड नामक इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग करते हैं और बहुत ही कुशल होते हैं, जो ग्रिड से बिजली के बड़े अंश को लेजर प्रकाश में परिवर्तित करते हैं.
ऐसे लेसरों के प्रोटोटाइप संस्करण संलयन में उपयोगी प्रति सेकंड दर से 10 गुना अधिक दर पर काम करने के लिए सिद्ध हुए हैं. ये लेजर अभी तक संलयन के लिए आवश्यक आकार के नहीं हैं, लेकिन तकनीक सिद्ध है, और यूके इस प्रकार के शोध में अग्रणी है.
साथ ही, एनआईएफ में वैज्ञानिकों द्वारा उपयोग किए जाने वाले संलयन के दृष्टिकोण में कुछ प्रसिद्ध, अंतर्निहित अक्षमताएं हैं, और कई अन्य विचार हैं जो अधिक प्रभावी हो सकते हैं. कोई भी पूरी तरह से निश्चित नहीं है कि ये अन्य विचार काम करेंगे, क्योंकि उनकी अपनी अलग समस्याएं हैं, और उन्हें कभी भी बड़े पैमाने पर आजमाया नहीं गया है.
ऐसा करने के लिए उनमें से प्रत्येक के लिए करोड़ों डॉलर के निवेश की आवश्यकता होगी, जिसमें सफलता की कोई गारंटी नहीं होगी (अन्यथा यह शोध नहीं होगा).
निजी क्षेत्र ने शुरू किया निवेश
बहुत दूर की सोच रखने वाले विभिन्न फंडों ने नई स्टार्ट-अप फर्मों में निवेश करना शुरू कर दिया है जो ऊर्जा के व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य स्रोत के रूप में फ्यूजन का प्रचार कर रहे हैं.
यह देखते हुए कि वह निजी उद्योग था, जिसने इलेक्ट्रिक कार बाजार (और रॉकेट उद्योग) में क्रांति ला दी, हो सकता है कि यह क्षेत्र फयूजन को भी वह ‘‘किक’’ दे सके, जिसकी उसे आवश्यकता है. निजी कंपनियां सरकारों की तुलना में बहुत तेजी से काम कर सकती हैं, और आवश्यकता पड़ने पर नए विचारों को अपनाने के लिए तेजी से आगे बढ़ सकती हैं.
प्रत्येक वर्ष तेल और गैस उद्योग द्वारा उत्पादित राजस्व में दो खरब अमेरिकी डॉलर (पाउंड स्टर्लिंग 1.6 खरब) की तुलना में सेक्टर में कुल निजी वित्त पोषण का अनुमान अब दो अरब अमरीकी डालर (पाउंड स्टर्लिंग 1.6 अरब) से अधिक है, जो अपने आप में बहुत कम है.
उच्च जोखिम, उच्च भुगतान वाले खिलाड़ियों के लिए बाजार में अभी भी बहुत जगह है.
नवीनतम परिणाम बताते हैं कि बुनियादी विज्ञान काम करता है: भौतिकी के नियम हमें संलयन से असीमित स्वच्छ ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने से नहीं रोकते.
समस्याएं तकनीकी और आर्थिक हैं. उन्हें एक या दो दशक में दूर कर पाना शायद मुमकिन न हो, लेकिन नवीनतम प्रगति कम से कम मानवता के सामने खड़ी कुछ बड़ी चुनौतियों में से एक को हल करने के उत्साह को जरूर बढ़ाएगी.
Edited by Vishal Jaiswal