पिता की तिजोरी में रखा केमिकल फार्मूला निकाल इस महिला ने 50 की उम्र में शुरू किया स्टार्टअप
ब्रांडिंग और मार्केटिंग करने से केमिकल मैन्युफैक्चरिंग में जाना वास्तव में एक बड़ी छलांग है। दुकान के फर्श पर होने से लेकर उत्पादन की देखरेख करने तक आप शायद ही किसी 50 साल की महिला की कप्लना करेंगे। लेकिन सच है। बेंगलुरू बेस्ड सुनीता श्रीनिवासन ने खुद पर विश्वास किया और उन्होंने 2016 में EIBS क्लीनिंग सॉल्यूशंस शुरू करने के लिए अपनी कॉर्पोरेट नौकरी छोड़ दी। उनका स्टार्टअप फर्श और टेबल टॉप को साफ करने के लिए इंडस्ट्रियल ग्रेड केमिकल बनाता है।
सफलता का केमिकल फार्मूला
एक प्रॉफिटेबल आइडिया को भुनाने की कहानी का सबसे अच्छा उदाहरण हैं सुनीता जिसे उन्होंने एक रिटेल स्टार्टअप में शामिल होने के लिए छोड़ दिया था। दरअसल यह काफी दिलचस्प है, 30 साल पहले, ये महिला उद्यमी एक बड़ी कंपनी के लिए काम कर रहीं थीं जो इंडस्ट्रियल फ्लोरिंग का निर्माण करती थी और इटैलियन मार्बल फ्लोरिंग स्लैब का आयात करती थी। उन्होंने दक्षिण भारत के लिए अपने संचालन का नेतृत्व किया, और इसकी उत्पाद श्रृंखला भी स्थापित की थी।
उनके प्रोडक्ट्स ने तालमेल के साथ काम किया - इंडस्ट्रियल फ्लोरिंग का उपयोग दुकान के फर्श के लिए किया गया था, जबकि मार्बल का उपयोग कस्टमर फेसिंग वाले एरियाज और सीनियर मैनेजेंट के आवासों के लिए किया गया था।
हालाँकि, जैसे-जैसे इटैलियन मार्बल की बिक्री बढ़ने लगी, उन्हें ग्राहकों से फीडबैक मिलना शुरू हो गया, कि इस मार्बल को बनाए रखना बेहद मुश्किल था, क्योंकि यह सबसे नरम प्राकृतिक पत्थरों में से एक है और बेहद छिद्रपूर्ण है। परिणामस्वरूप, उस समय उपलब्ध अधिकांश क्लीनर सफाई प्रक्रिया में फर्श को नुकसान पहुंचा रहे थे।
इस समस्या को एड्रेस करने के लिए, उनकी पिछली कंपनी के सीनियर मैनेजमेंट ने एक केमिकल इंजीनियर की सलाह मांगी, जिसने एक अत्यंत प्रभावी क्लीनिंग प्रोडक्ट के लिए फार्मूला डेवलप किया। यह मार्बल और अन्य सभी फ्लोरिंग सब्सटेंस पर काफी जेंटल था। यह यूजर्स के लिए भी सुरक्षित था। चूंकि प्रोडक्ट किफायती था, और चिकनाई और जमी हुई कठोर पर्त को हटाने के लिए बहुत कुशल था, इसलिए मेरे इंडस्ट्रियल फ्लोरिंग के ग्राहकों के साथ एक बाजार भी मिला।
बिक्री में तेजी थी और समय अच्छा था। नब्बे के दशक की शुरुआत में, Cchemist जिसने यह फार्मूला डेवलप किया था, और लगातार इसका मैन्युफैक्चर कर रहा था उसने इसे खरीदने और इसके मैन्युफैक्चर राइट्स प्राप्त करने के लिए सुनीता से संपर्क किया।
सुनीता याद करते हुए बताती हैं,
"अगर इस बात को छोड़ दें कि उनके द्वारा बताई कई कीमत मेरे द्वारा वहन किए जाने की तुलना में अधिक थी, तो यह एक सुनहरा अवसर था। यहां पर ये भी नहीं भूलना चाहिए कि ये उन दिनों की बात है जब कोई इन्वेस्टर या क्राउड फंडिंग नहीं थे! यहां तक कि बैंक ऋण मिलना भी मुश्किल था!"
सौभाग्य से, उनके पिता ने प्रोडक्ट की क्षमता को पहचान लिया, और अपने पिता की मदद से सुनीता ने नब्बे के दशक की शुरुआत में एक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी शुरू की, और उस समय प्रोडक्ट की मांग अपने सबसे ऊंचे स्तर पर थी।
जैसे ही चीजें वास्तव में अच्छी जा रही थीं, तभी 1998 में, सुनीता को देश की पहली रिटेल चैन्स में से एक से उनकी स्टार्ट अप टीम का हिस्सा बनने का प्रस्ताव मिला। यह वास्तव में जिंदगी में एक बार मिलने वाला मौका था, लेकिन फिर भी इसे पकड़ना मुश्किल था। वो इसलिए कि अगर वे इसका पार्ट बनतीं को इसका मतलब होता कि एक अत्यधिक सफल प्रोडक्ट का निर्माण रोकना। यह एक असंभव विकल्प था, लेकिन उनके पिता ने जोर देकर कहा कि वह इस अवसर को स्वीकार करें। उनका तर्क था कि वे सभी मौजूदा कॉन्ट्रैक्ट्स को पूरा करेंगे और चूंकि अब वे उस फॉर्मूले के मालिक थे, इसलिए उन्होंने कहा कि वे किसी भी समय इसको रीस्टार्ट कर सकते हैं।
बायोडिग्रेडेबल और इको-फ्रेंडली
और उस तीन दशक की कॉर्पोरेट लाइफ के बाद, सुनीता ने तिजोरी में सुरक्षित रूप से रखे उस केमिकल फार्मूले के साथ अपनी यात्रा को फिर से शुरू किया और साथ ही IEBS क्लीनिंग सॉल्यूशंस की शुरुआत की।
वे कहती हैं,
"मैं प्रोडक्ट को बायोडिग्रेडेबल बनाने के लिए टेक्नोलॉजी को अपग्रेड करने के बाद तीन साल पहले ही व्यापार को फिर से शुरू किया है, और यह पर्यावरण के अनुकूल है।"
उनकी कंपनी EIBS क्लीनिंग सॉल्यूशंस मार्बल फ्लोर को साफ करने के लिए बायोडिग्रेडेबल प्रोडक्ट बना रही है। वे कहती हैं कि आमतौर पर सफाई उत्पादों में एक एसिड कम्पोनेंट होता है। यह सुनिश्चित करता है कि सतह को अच्छी तरह से साफ किया जाए।
लेकिन, एसिड सतह पर सूक्ष्म छिद्र भी बनाता है-विशेष रूप से सॉफ्ट मटैरियल जैसे कि मार्बल में। इससे फर्श में गंदगी फंस जाती है। फर्श पर गंदगी काले पैच की तरह दिखती है। इसे हटाने के लिए, अधिक एसिड बेस्ड प्रोडक्ट्स का उपयोग किया जाता है, और फिर ऐसा ही होता रहता है।
सुनीता के अनुसार, ईआईबीएस प्रोडक्ट पूरी तरह से नॉन-एसिड बेस्ड हैं। वे सतह या यूजर्स को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं। वे बायोडिग्रेडेबल हैं, और यूजर्स की जरूरत के मुताबिक उन्हें कस्टाइज किया जा सकता है।
बाजार
आज भारतीय बाजार में जितने भी क्लीनिंग प्रोडक्ट्स उपलब्ध हैं, वे विशालकाय हैं। वे कीमत और गुणवत्ता दोनों के संदर्भ में व्यापक रूप से भिन्न हैं। इनका निर्माण मल्टी-नेशनल्स, मीडिया साइज की कंपनियों और बेहद छोटे प्लेयर्स द्वारा किया जाता है। इन्वेस्ट इंडिया के अनुसार भारत में केमिकल मैन्युफैक्चरिंग बिजनेस का साइज 163 बिलियन डॉलर है।
ईआईबीएस प्रोडक्ट्स का उपयोग डेली मॉपिंग, फर्श की स्क्रबिंग, शौचालयों की सफाई, कार्पेट्स और कार की सीट कवर को साफ करने आदि के लिए किया जा सकता है। ब्यूटी और फिटनेस इंडस्ट्री जिम मैट और स्पा बेड की सफाई के लिए उनका उपयोग करते हैं। उनका उपयोग हेवी इंडस्ट्री और हॉस्पिटैलिटी द्वारा स्टेनलेस स्टील और रबर की सफाई के लिए भी किया जाता है।
सुनीता बताती हैं,
"हमारे सबसे दिलचस्प प्रोडक्ट्स में से एक को रिटेल के लिए विकसित किया गया है। यह एक साइन बोर्ड क्लीनर है। रिटेल साइन बोर्ड आमतौर पर नियमित रूप से उपयोग और साफ करने के लिए कठिन होते हैं। हमारे प्रोडक्ट को एक साधारण नर्सरी स्प्रेयर का उपयोग करके उन पर छिड़का जा सकता है, और फिर पानी की बूंदों को पोछ दिया जाता है। यह बिना पेंट, स्याही या फिर बिना नुकसान पहुंचाए सफाई करता है।"
उन्होंने शुरू में 30 लाख रुपये का कारोबार किया। वर्तमान में, ईआईबी 200 से अधिक कंपनियों को सप्लाई करता है और 10 सदस्यों की एक छोटी टीम है। हाालंकि सुनीता ने रिवेन्यू का खुलासा नहीं किया, वह कहती हैं कि उनकी क्षमता और ग्राहकों में 5 गुना वृद्धि करने की योजना है। वह यह भी मानती है कि किसी भी उम्र में स्टार्अप शुरू करना और सफल होने के लिए कोई उम्र नहीं होती है।
वे कहती हैं,
“ईआईबीएस जो भी ऑफर करता है उसके हर पहलू के बारे में बारीकी से सोचा गया है और इसे प्लानेट को बचाने के संदर्भ से भी तैयार किया गया है। उदाहरण के लिए, वे प्रोडक्ट्स को सुपर कॉन्ट्रैक्टेड करके, हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले प्लास्टिक को कम करने की कोशिश करते हैं। इसलिए उनके प्रोडक्ट्स का 5 लीटर 100 लीटर प्रयोग करने योग्य मटेरियल देता है, और इससे हम 20 के बजाय केवल एक पैकिंग का इस्तेमाल सुनिश्चित कर सकते हैं।”
ऐसा अक्सर नहीं होता है कि एक महिला सिंगल-हैंडली मैन्युफैक्चरिंग युनिट स्थापित करती हो, और इसे हाथों-हाथ दृष्टिकोण के साथ मैनेज करती हो। 50 के बाद स्टार्टअप शुरू करने और मैन्युफैक्चरिंग में कुछ हिम्मत चाहिए होती है। सुनीता ने साबित किया है आइडियाज किसी के भी पास हो सकते हैं यदि वे उन्हें सही तरीके से निष्पादित कर सकते हैं। तत्काल भविष्य में, वह प्रोडक्ट को वैश्विक स्तर पर ले जाने की योजना बना रही हैं। यदि स्टार्टअप शुरू करने के लिए उम्र महज एक नंबर हो, तो आकाश की सीमा भी निश्चित रूप से है।