खोजी महिलाएं : ऐना कोनेली का आविष्कार आग लगने पर लोगों की जान बचाता था
ऐना कोनेली को 1887 में इस आविष्कार का पेटेंट मिला, जो पहला आउटडोर फायर इस्केप सिस्टम था.
आग. मनुष्य की सबसे जरूरी, जीवनदायी खोज, लेकिन बिगड़ जाए तो जिंदगी ले भी सकती है. मानव इतिहास में आग से सैकड़ों जिंदगियों के तबाह हो जाने की अनगिनत घटनाएं हैं. यह खासतौर पर तब होना शुरू हुआ, जब किसी एक सीमित भौगोलिक स्पेस में ढेर सारे लोग एक साथ रह रहे थे और उनके पास जान बचाकर भागने और निकलने की कोई जगह नहीं थी. जब बड़ी-बड़ी इमारतें बनना शुरू हुईं.
1860 में न्यूयॉर्क शहर की ऐसी ही एक इमारत में भीषण आग लगी. इमारत के ग्राउंड फ्लोर में एक बेकरी और कमर्शियल दुकानें थीं. ऊपर की मंजिलों पर फ्लैट थे, जिसमें सैकड़ों लोग रहते थे. आग ग्राउंड फ्लोर स्थित एक बेकरी में लगी थी. जब आग लगी तो अधिकांश लोग घरों में ही थे.
बचाव दल ने लोगों को घरों से बाहर निकालने के लिए जो सीढि़यां लगाई थीं, वो चौथी मंजिल तक ही पहुंच पा रही थी. बहुत सारे लोगों को उन सीढि़यों के जरिए नीचे उतारा गया. लेकिन ऊपर की मंजिलों में खिड़की पर जमा लोग बड़ी उम्मीद और हसरत से अपनी जान बचाए जाने का इंतजार करते रहे. कुछ लोग डर और घबराहट पर कूद गए. कितने सारे लोग कहीं बचकर भाग नहीं पाए और जलकर खत्म हो गए.
फायर सेफ्टी एक बड़ी चिंता का सवाल बन गया था. अगले साल न्यूयॉर्क शहर के कानून निर्माताओं ने एक लॉ पास किया, जिसके तहत नई बनने वाली इमारतों में फायर सेफ्टी के इंतजाम किए जाने की बात कही गई. उसमें कहा गया कि हर मंजिल पर एक फायर प्रूफ बालकनी बनाई जाए और एक सीढ़ी, जिसके जरिए संकट की स्थिति में लोग नीचे उतर सकें.
बिल्डर्स ने इस कानून का विरोध किया. वह अतिरिक्त सीढि़यां और फायर प्रूफ बालकनी बनाने के लिए तैयार नहीं थे. इसकी दो वजहें थीं. एक तो यह काम काफी खर्चीला था और दूसरे इससे बिल्डिंग की ब्यूटी खराब होती थी. आलीशान होटलों को अपनी बिल्डिंग में इस तरह के फायर सेफ्टी डिवाइस लगाने पर खासतौर पर ऐतराज था.
दो साल बाद इस कानून में काफी ढील दे दी गई और इतना ही कहा गया कि हर इमारत में इस चीज का इंतजाम होना जरूरी है कि आग लगने की स्थिति में लोग बाहर कैसे निकलेंगे.
इस नए कानून के बाद तरह-तरह के नए आविष्कारों का पेटेंट हुआ. एक व्यक्ति ने तो पर्सनल पैराशूट बना डाला, जिसे सिर में लगाकर लोग खिड़की से दूर सकते थे. इस उम्मीद में कि किसी सुरक्षित जगह पर जाकर गिरेंगे.
इसी सिलसिले में एक महत्वपूर्ण आविष्कार किया ऐना कोनेली ने. एक ऐसे ब्रिज का आविष्कार, जो वजन में हल्का, लेकिन मजबूत था. आपातकालीन स्थिति में इस ब्रिज को छत या बालकनी के जरिए दूसरी इमारत के साथ जोड़कर लोग दूसरी इमारत तक पहुंच सकते थे.
ऐना कोनेली को 1887 में इस आविष्कार का पेटेंट मिला.
आज यह सुनने में शायद वैसा न लगे, जितना उपयोग और जरूरी यह उस वक्त था. उस दौर में आग की अधिकांश घटनाओं में आग अकसर नीचे के फ्लोर पर बने कमर्शियल हिस्से में लगती थी. नीचे आग होने की स्थिति में ऊपर से लोग भागकर निकल भी नहीं सकते थे. ऐसे में ऐना का ब्रिज एक ऐसा आविष्कार था, जो लोगों को ऊपर ही ऊपर इस्केप करने में मददगार था.
हर फ्लोर की बालकनी में और छत पर इस ब्रिज को इंस्टॉल किया जा सकता था, जिसे आपातकाल में खोलकर दूसरी इमारत के साथ कनेक्ट कर एक इस्केप रूट बन जाता था.
ऐना ने अपनी पेटेंट एप्लीकेशन में लिखा, “मेरा आविष्कार फायर सेफ्टी में सुधार से जुड़ा हुआ है. यह दोनों ओर रेलिंग से घिरा हुआ एक पुल है, जिसके सिरे खुले हुए हैं. यह पुल हल्का, लेकिन मजबूत है. इस पुल को आसपास कह इमारतों की छत पर फिट किया जा सकता है. इससे एक छत से दूसरी छत पर आसानी से जाया जा सकता है.”
इस आविष्कार के पेटेंट के बाद न्यूयॉर्क शहर की अनेक इमारतों में इसे लगाया गया. इतना ही नहीं, ऐना के आविष्कार की मदद से फायर फाइटर्स के लिए भी दुर्घटनाग्रस्त इमारत के किसी खास हिस्से तक पहुंचना और आग को बुझाना आसान हो गया.
ऐना के जीवन के बारे में और ज्यादा जानकारियां नहीं मिलतीं. बल्कि न्यूयॉर्क शहर के सरकारी पेटेंट दफ्तर के कागजों के रिकॉर्ड में लिखा है कि 1887 में ऐना कोनेली नाम की महिला ने एक फायर सेफ्टी ब्रिज बनाया था.
वैसे यहां यह जानना भी काफी रोचक है कि फायर सेफ्टी से जुड़े ज्यादातर उपकरणों के आविष्कार महिलाओं ने ही किए. 1877 से लेकर 1895 तक तकरीबन 33 महिलाओं ने आपातकालीन आग से बचने के लिए अलग-अलग तरह के उपकरणों का आविष्कार किया.