नौसेना में अब महिला अधिकारियों को मिलेगा स्थायी कमीशन, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया ऐतिहासिक फैसला
भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन के संबंध में उच्चतम न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है।
भारतीय नौसेना में महिला अधिकारियों के स्थायी कमीशन के संबंध में उच्चतम न्यायालय ने ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार अब नौसेना में महिला अधिकारियों को भी स्थायी कमीशन दिया जाएगा।
अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘महिला और पुरुष अधिकारियों के बीच किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए।’ यह आदेश जारी होने के साथ ही अब नौसेना में महिला अधिकारियों को भी पुरुष अधिकारियों के समान ही लाभ मिल सकेंगे।
सुप्रीम कोर्ट ने इसके पहले केंद्र सरकार को भी इस संबंध में फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक और मानसिक कारणों का हवाला देकर महिला अधिकारियों के बरते जाने वाले रवैये को भेदभाव पूर्ण बताया है। इसी के साथ में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस तरह के रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का केंद्र सरकार ने स्वागत किया है और रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाईक ने भी इस संबंध में कहा है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेगी।
अभी तक महिला अधिकारी शॉर्ट सर्विस के तहत ही अपनी सेवाएँ दे सकती थीं, जिसकी अवधि 10 साल ही होती है, लेकिन स्थायी कमीशन के बाद वे रिटायरमेंट तक अपनी सेवा दे सकेंगी, जिसके बाद वे पेंशन की भी हकदार होंगी।
साल 1950 में बने आर्मी एक्ट में महिलाओं को स्थायी कमीशन के लिए अयोग्य ठहराया गया था, हालांकि 1992 में सरकार ने पाँच ब्रांच में महिला अधिकारियों के लिए रास्ते खोल दिये थे।