विश्व हिन्दी दिवस: जानिए क्या फर्क है ‘विश्व हिन्दी दिवस’ और ‘राष्ट्रीय हिन्दी दिवस’ में
हर साल 10 जनवरी को, ‘विश्व हिंदी दिवस’ के रूप में महाराष्ट्र के नागपुर में 1975 में हुए पहले ’विश्व हिंदी सम्मेलन’ की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है. भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इस सम्मेलन का उद्घाटन किया था.
दुनिया भर के लाखों लोग आज, 10 जनवरी को ‘विश्व हिन्दी दिवस’ (World Hindi Day) के रूप में मना रहे हैं. इस दिन को मनाने का मूल उद्देश्य दुनिया भर में हिन्दी भाषा को बढ़ावा देना है. 2011 की जनगणना के अनुसार भारत के 43.63 प्रतिशत लोग हिन्दी बोलते हैं.
वहीं हर साल 14 सितंबर को ‘राष्ट्रीय हिन्दी दिवस’ मनाया जाता है. इन दोनों ही दिनों को मनाने का अपना अलग-अलग उद्देश्य और महत्व है.
अंग्रेजी और मंदारिन के बाद दुनिया की बोली जाने वाली भाषाओं में से एक, हिन्दी में इतिहास का भार है और यह भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग है.
स्वतंत्र भारत की राष्ट्रभाषा के रूप में हिन्दी भाषा को भारतीय संविधान के भाग 17 के अध्याय की अनुच्छेद 343 (1) में इस प्रकार वर्णित किया गया है:
संघ की राष्ट्रभाषा हिन्दी और लिपि देवनागरी होगी. संघ के राजकीय प्रयोजनों के लिए प्रयोग होने वाले अंकों का रूप अंतर्राष्ट्रीय रूप होगा.
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा विश्व हिन्दी सम्मेलन के उद्घाटन के बाद से, भारत, संयुक्त राज्य अमेरिका (USA), यूनाइटेड किंगडम (UK), त्रिनिदाद और टोबैगो और मॉरीशस जैसे विभिन्न देशों में हिन्दी के महत्व को चिह्नित करने और इसे वैश्विक भाषा के रूप में बढ़ावा देने के लिए ‘विश्व हिन्दी दिवस’ आयोजित किया गया है.
‘विश्व हिन्दी दिवस’ का इतिहास
विश्व हिन्दी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है. साल 1975 में, जब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पहले विश्व हिन्दी सम्मेलन का उद्घाटन किया था. सम्मेलन में 30 देशों के 122 प्रतिनिधियों के साथ मुख्य अतिथि के रूप में मॉरीशस के प्रधानमंत्री सीवसागुर रामगुलाम (Seewoosagur Ramgoolam) ने भाग लिया. तब से, भारत, मॉरीशस, यूनाइटेड किंगडम, त्रिनिदाद और टोबैगो, और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे विभिन्न देशों में विश्व हिन्दी सम्मेलन का आयोजन किया गया है.
यहां इस बात पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए कि पहला ‘विश्व हिन्दी दिवस’ पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा 2006 में 10 जनवरी को मनाया गया था. इससे पहले इसे विश्व हिन्दी सम्मेलन के रूप में मनाया जाता था.
‘विश्व हिन्दी दिवस’ और ‘राष्ट्रीय हिन्दी दिवस’ में अंतर
‘राष्ट्रीय हिन्दी दिवस’ और ‘विश्व हिन्दी दिवस’ दोनों एक-दूसरे से अलग हैं और अलग-अलग महत्व रखते हैं. प्रथम हिन्दी सम्मेलन को चिह्नित करने के लिए विश्व हिन्दी दिवस मनाया जाता है, लेकिन राष्ट्रीय हिन्दी दिवस उस दिन को मनाने के लिए मनाया जाता है, जब 14 सितम्बर 1949 को निर्वाचक विधानसभा ने हिन्दी को, देवनागरी लिपि में, संघ की आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया. विश्व हिन्दी दिवस हर साल 10 जनवरी को मनाया जाता है, जबकि राष्ट्रीय हिन्दी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है.
आपको बता दें कि हिंदी शब्द का नाम फ़ारसी शब्द हिंद से पड़ा है जिसका अर्थ है 'सिंधु नदी की भूमि'. हिन्दी भाषा संस्कृत से ली गई है और देवनागरी लिपि में लिखी गई है.
भारत के अलावा, हिन्दी भाषा नेपाल, बांग्लादेश, फिजी, मॉरीशस, सूरीनाम, गुयाना, त्रिनिदाद और टोबैगो सहित विभिन्न देशों में बोली जाती है.