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पढ़ाई में अव्वल 15 वर्षीय ज़ीशान लड़ रहे हैं ब्लड कैंसर की लड़ाई, अखबार बेचने वाले पिता के लिए लॉकडाउन में बंद हुए आमदनी के सारे रास्ते

पढ़ाई में अव्वल 15 वर्षीय ज़ीशान लड़ रहे हैं ब्लड कैंसर की लड़ाई, अखबार बेचने वाले पिता के लिए लॉकडाउन में बंद हुए आमदनी के सारे रास्ते

Tuesday June 02, 2020 , 3 min Read

"इस कठिन समय में भी अपने घरों में आराम से बैठे हुए हम देश के भविष्य को इस तरह अंधकार में कभी नहीं डालना चाहेंगे। याद रहे आपका हर छोटे से छोटा योगदान भी ज़ीशान के लिए वरदान साबित होगा।"

जीशान पढ़ाई में अव्वल होने के साथ ही एक गर्मजोशी से भरे हुए इंसान भी हैं

पढ़ाई में अव्वल होने के साथ-साथ 15 वर्षीय ज़ीशान गर्मजोशी से भरा हुआ बच्चा है।



कोरोना वायरस महामारी ने सभी को किसी न किसी रूप में प्रभावित किया है। स्वास्थ्य सेवाओं पर भी इस महामारी का बुरा असर पड़ा है, लेकिन इन सब के बीच निचले तबके के लिए ऐसे समय में जब उनके पास रोजगार का कोई साधन मौजूद नहीं है, तो इन स्वास्थ सेवाओं तक पहुँच पाना और भी मुश्किल हो गया है।


रोजगार न होने के चलते बेहद कठिनाई से जीवन जीने को मजबूर इन दिहाड़ी मजदूरों के सिर जब कोई गंभीर स्वास्थ्य समस्या आकर धावा बोलती है, ऐसे में इनके पास असहाय होकर भगवान से आस लगाने के सिवा कोई अन्य विकल्प नहीं बचता है, लेकिन समृद्ध और विशेषाधिकार प्राप्त नागरिक होने के नाते ये हमारा कर्तव्य बन जाता है कि ऐसे कठिन समय में हम ऐसे जरूरतमंद लोगों का सहयोग कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर सकें।


ऐसा ही एक मामला कश्मीर घाटी से सामने आया है, जहां रोजाना अखबार बेंचने वाले एक शख्स का 15 साल का बेटा ज़ीशान ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) नाम की एक घातक बीमारी से पीड़ित है। ज़ीशान पढ़ाई में अव्वल होने के साथ ही एक गर्मजोशी से भरा हुआ बच्चा है, लेकिन अब उसकी जान बचाने के लिए पिता के सामने कोई विकल्प ही बाकी नहीं रह गया।


ज़ीशान के पिता सुबह अखबार बांटने का काम करते हैं और दिन में मजदूरी करते हैं। अपने बेटे के जीवन को बचाने के लिए इनके पिता ने इस दौरान रात में एटीएम गार्ड की नौकरी भी शुरू की थी, लेकिन कोरोना वायरस के चलते शुरू हुए लॉकडाउन ने उनकी आय के सभी श्रोत उनसे छीन लिए।


अपनी जिंदगी को लेकर सकारात्मक्ता से भरे हुए ज़ीशान की मदद के लिए कुछ हाथ आगे बढ़ रहे हैं, लेकिन उन्हे अभी और सहयोग की आवश्यकता है। ज़ीशान को अपने इलाज के लिए 6 लाख रुपयों की जरूरत है और इसमें आपका छोटा सा योगदान एक बड़ी भूमिका निभाते हुए ज़ीशान की जिंदगी जीने की उम्मीद को पर लगा सकता है।


ज़ीशान के लिए आप अपना योगदान इस लिंक पर क्लिक करके दे सकते हैं। आप इसके लिए बैंक ट्रांसफर, पेटीएम या यूपीआई जैसा कोई भी विकल्प चुन सकते हैं।


इस कठिन समय में भी अपने घरों में आराम से बैठे हुए हम देश के भविष्य को इस तरह अंधकार में कभी नहीं डालना चाहेंगे। याद रहे आपका हर छोटे से छोटा योगदान भी ज़ीशान के लिए वरदान साबित होगा।