गायत्री वासुदेवन के इन 10 टिप्स को फॉलो कर महिलाएं कर सकती हैं अपना टाइम मैनेज
जब दिन में केवल 24 ही घंटे होते हैं तो सवाल ये उठता है कि उस टाइम को मैनेज कैसे किया जाए? इसी को लेकर लेबरनेट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सह-संस्थापक और सीईओ गायत्री वासुदेवन ने अपने कार्य और जीवन में संतुलन बनाए रखने को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं।
भले ही एक महिला के अंदर पुरुषों के समान काम करने की काबिलियत हो लेकिन, उससे उम्मीदें यही की जाती हैं कि वो एक अच्छी मां, एक अच्छी पत्नी और एक अच्छी गृहणी बनें। इसलिए, टाइम मैनेजमेंट महिलाओं के लिए एक जरूरी और महत्वपूर्ण बन जाता है।
लेबर नेट की सह-संस्थापक और सीईओ गायत्री वासुदेवन ने महिलाओं के लिए टाइम मैनेजमेंट को काफी महत्वपूर्ण बताते हुए कुछ सुझाव दिए हैं जिन्हें अपनाकर आप अपना टाइम मैनेज कर सकते हैं और अपने काम को अधिक कुशलता के साथ कर सकते हैं। ऑलराउंडर्स होने के बावजूद भारतीय महिलाएं अभी भी अपने करियर और परिवार के बीच सही संतुलन बिठाने में काफी दिक्कतों का सामना करती हैं। ज्यादातर भारतीय पुरुष आमतौर पर पारंपरिक स्टीरियोटाइप के चलते यही समझते हैं कि महिलाएं अभी भी केवल देखभाल करने के लिए हैं। भले ही एक महिला के अंदर पुरुषों के समान काम करने की काबिलियत हो लेकिन, उससे उम्मीदें यही की जाती हैं कि वो एक अच्छी मां, एक अच्छी पत्नी और एक अच्छी गृहणी बनें। इसलिए, टाइम मैनेजमेंट महिलाओं के लिए एक जरूरी और महत्वपूर्ण बन जाता है।
अब जब दिन में केवल 24 ही घंटे होते हैं तो सवाल ये उठता है कि उस टाइम को मैनेज कैसे किया जाए? इसी को लेकर लेबरनेट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड की सह-संस्थापक और सीईओ गायत्री वासुदेवन ने अपने कार्य और जीवन में संतुलन बनाए रखने को लेकर कुछ सुझाव दिए हैं।
1- एक ऐसी प्रायोरिटी लिस्ट बनाएं जिसे कम से कम एक महीने, एक सप्ताह या एक दिन में खत्म करने का लक्ष्य हो। अपनी हर उस भूमिका के बारे में ध्यान रखें जो आप रोज निभाते हैं, चाहें वह एक मां, पत्नी या एक कर्मचारी हो या इसके अलावा अपने शौक और जुनून को आगे बढ़ाना चाहते हैं तो, उसके लिए भी समय निर्धारित करें।
2. अपनी प्रायोरिटीज को पूरा करने के लिए सबसे पहले आप अपने आप के साथ नेगोशिएट करें इसके बाद अपने महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर्स के साथ बातचीत करें। हालांकि ये काफी मुश्किल हो सकता है क्योंकि कुछ महिलाएं अपनी इन प्रायोरिटीज में से किसी एक को आसानी से छोड़ सकती हैं - क्योंकि हम महिलाएं हमारे शौक और फैशन पर परिवार को प्राथमिकता देने के लिए बनी हैं।
3. अपने आप को इस बात के लिए माफ करें कि आप अपने द्वारा तय की गईं टास्क को कुछ दिनों या हफ्तों से फॉलो नहीं किया है। हमेशा अपनी प्रायोरिटीज लिस्ट को फिर से तय करते रहें और जब तक खुद को संतुष्टि न मिले तब तक उसमें आवश्यक परिवर्तन करते रहें।
4. जो भी महत्वपूर्ण हो उस काम के लिए एक प्रतिनिधि (Delegate) बनाएं। हर भूमिका जो आप निभाते हैं उसे सर्वोपरि रखें। याद रहे कि दिन में केवल 24 घंटे ही होते हैं। इसलिए अपने सर्कल में ऐसे लोगों को चुनें जिनको आप अपनी प्रायोरिटी लिस्ट के कुछ काम सौंप सकें।
5. उन लोगों को सशक्त बनाएं जिनको आपने अपना काम सौंपा है और हां, उनके द्वारा किए गए काम से भले ही आप संतुष्ट न हों लेकिन फिर भी आप उनकी ज्यादा आलोचना न करें।
6. खुद की और उनकी जिनको आपने टास्क सौंपी है, दोनों की सेहत का ध्यान रखें। जवाबदेह होना महत्वपूर्ण है लेकिन रिजल्ट पाने की कोशिश में ज्यादा सख्ती न दिखाएं।
7. काम और शौक के बीच, पर्सनल और प्रोफेशनल के बीच बहुत अधिक आर्टीफीशियल बाउंड्रीज न बनाएं। क्योंकि आर्टीफीशियल बाउंड्रीज दबाव पैदा करती हैं और इससे तनाव और दुःख बढ़ता है।
8. एक टाइट शेड्यूल और टास्क लिस्ट बनाने के बजाय खुद को उत्तरदायी और जिम्मेदार बनाएं।
9. हर साल एक ब्रेक लें और अपनी प्रायोरिटीज लिस्ट, टास्क, जिम्मेदारियों और जवाबदेही को कुछ समय के लिए भूल जाएं। क्योंकि ब्रेक आपको फिर से सक्रिय करेगा और आपको फुल एनर्जी के साथ वापस आने में मदद करेगा।
10. समय काफी कीमती है और इसलिए समय को अच्छी तरह से हैंडल करें ताकि सेल्फ-अटेंशन और देखभाल के लिए पर्याप्त समय बचा रहे।
महिलाओं के लिए टाइम मैनेजमेंट महत्वपूर्ण है, लेकिन अपने काम को इतना बोझ नहीं बनाना चाहिए कि उससे आप अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का आनंद ही न ले पाएं।
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