24 वर्षीय ऑन्त्रेप्रेन्योर ने खोला भारत का पहला समलैंगिक मैरिज ब्यूरो
मैट्रीमोनियल स्टार्टअप ने समलैंगिकों की लड़ाई को दिया एक नया आयाम। यह स्टार्टअप मैट्रीमोनियल साइट के ज़रिए करवा रहा है समलैंगिको की शादी...
कम उम्र से ही ऑन्त्रेप्रेन्योरशिप में रुझान रखने वाली उर्वी ने लंबे समय तक इंटरनेट पर रिसर्च की। वह एक ऐसा काम करना चाहती थीं, जो सामाजिक परिदृश्य को सुधार सके। शोध के दौरान ही उन्होंने एलजीबीटीक्यू समुदाय की समस्याओं के बारे में भी काफी करीब से जाना...
भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत सेक्शुअल माइनॉरिटीज़ के यौन संबंध एक अपराध हैं, लेकिन भारत में समलैंगिकों की शादी के संबंध में कोई कानून नहीं है।
अपने साथी को चुनना, सबका अधिकार है। समलैंगिक भी इस अधिकार के उतने ही हकदार हैं, जितना की समाज का कोई आम इंसान। सिकंदराबाद आधारित एक मैट्रीमोनियल स्टार्टअप ने समलैंगिकों की लड़ाई को एक नया आयाम दिया है। यह स्टार्टअप मैट्रीमोनियल साइट के ज़रिए समलैंगिको की शादी करवा रहा है। 24 वर्षीय उर्वी शाह ने भारत की पहली और एकमात्र मैट्रीमोनियल सर्विस शुरू की है, जो समलैंगिकों की शादी करवाती है। अरेंज़्ड गे मैरिज ब्यूरो नाम की इस सर्विस ने अभी तक कुल 21 समलैंगिक जोड़ों की शादी करवाई है।
उर्वी मूलरूप से अहमदाबाद की रहने वाली हैं और उनका संगठन सिकंदराबाद आधारित है। अरेंज्ड गे मैरिज, परिवारों की काउंसलिंग की सुविधा भी देता है। हर मैट्रिमोनियल साइट की तरह, अरेंज्ड गै मैरिज में भी क्लाइंट्स को अपनी पसंद-नापसंद और अपेक्षाओं के बारे में बताना पड़ता है।
एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद ब्यूरो क्लाइंट्स से फोन, स्काइप और फेसटाइम के ज़रिए जुड़ा रहता है और उपयुक्त साथी की तलाश करता है। ब्यूरो के पास मैचमेकर्स की अपनी टीम है, जो क्लाइंट्स से सीधे संपर्क में रहती है। कम उम्र से ही ऑन्त्रप्रन्योरशिप में रुझान रखने वाली उर्वी ने लंबे समय तक इंटरनेट पर रिसर्च की। वह एक ऐसा काम करना चाहती थीं, जो सामाजिक परिदृश्य को सुधार सके। शोध के दौरान ही उन्होंने एलजीबीटीक्यू समुदाय की समस्याओं के बारे में जाना। उर्वी कहती हैं कि जब उन्होंने इस काम की शुरूआत की थी, तब उन्हें इस समुदाय के बारे में कुछ ख़ास जानकारी नहीं थी।
ऑन्त्रप्रन्योरशिप डिवेलपमेंट इन्स्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया से डिवेलपमेंट स्टडीज़ की ग्रैजुएट उर्वी, ने इस स्टार्टअप की शुरूआत तब की थी, जब वह महज़ 23 साल की थीं। उर्वी के पिता बिज़नेसमैन हैं और प्रिटिंग प्रेस चलाते हैं। उर्वशी का फ़ाइनल इयर प्रोजेक्ट भी एलजीबीटीक्यू राइट्स (लेस्बियन, गे, बायसेक्शुअल और ट्रांसजेंडर क्वीर) पर था। इस प्रोजेक्ट के बाद ही उन्हें अरेंज्ड गे मैरिज स्टार्टअप शुरू करने की प्रेरणा मिली।
योर स्टोरी को दिए इंटरव्यू में उर्वी ने बताया कि उनके प्रेरणास्त्रोत ट्रांसजेंडर राइट्स ऐक्टिविस्ट लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी और भारत के पहले घोषित समलैंगिक प्रिंस मनवेंद्र सिंह गोहिल हैं। 2015 में जब शिकागो में पहली बार गे मैरिज रजिस्टर हुई तो उर्वी ने ठान लिया कि वह भारत में भी इस तरह की मुहिम की शुरूआत करेंगी।
मनवेंद्र सिंह गोहिल ने 2006 में अपनी मुहिम की शुरूआत की थी। उन्होंने एड्स के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य के साथ सार्वजनिक पार्कों में पेड़ों पर कॉन्डोम्स लटकाए थे। मनवेंद्र सिंह की कहानी से उर्वी काफ़ी प्रभावित हुईं। समलैंगिकों के अधिकारों के लिए काम करने वाले लोगों और समुदाय के 300 सदस्यों के साथ लंबे समय तक संपर्क में रहने के बाद उर्वी ने अरेंज्ड मैरिज ब्यूरो की नींव रखने का फ़ैसला लिया। 2015 में शिकागो में पहले गे मैरिज रजिस्ट्रेशन ने भी उर्वी का हौसला बढ़ाया।
यद्यपि भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत सेक्शुअल माइनॉरिटीज़ के यौन संबंध एक अपराध हैं, लेकिन भारत में समलैंगिकों की शादी के संबंध में कोई कानून नहीं है। हालांकि, समलैंगिकों की शादी को कोई मैरिज सर्टिफ़िकेट या अधिकार नहीं मिलते, लेकिन समलैंगिक जोड़ों के लिए इसका अपना महत्व है।
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