तेजाब हमले की शिकार लक्ष्मी की बेटी पीहू अपनी माँ का चेहरा देखकर मुस्कुरा उठी
लक्ष्मी तेजाब हमले की एक पीडि़ता और उत्तरजीवी हैं। उनके बारे में इससे भी महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि वे एक टेलीविजन प्रस्तोता और स्टाॅप एसिड अटैक के जरिये एक जानीमानी प्रचारक के रूप में भी विभिन्न अभियानों का सफल संचालन कर रही हैं। वर्ष 2005 में मात्र 16 वर्ष की आयु में एक 32 वर्षीय व्यक्ति ने उनपर तेजाब से उस समय हमला कर दिया था जब उन्होंने उसके द्वारा पेश किये गए प्रेेम के प्रस्ताव को ठुकरा दिया था।
इस हमले के बाद लक्ष्मी को एक सामाजिक कार्यकर्ता आलोक दीक्षित के साथ प्रेम हो गया। इन दोनों ने समाज को चुनौती देने के उद्देश्य से शादी न करने का फैसला करते हुए लिव-इन रिलेशनशिप में एक दूसरे के साथ रहने का फैसला किया। लक्ष्मी अब माँ बन चुकी हैं। सात महीने पहले उन्होंने एक बेटी पीहू को जन्म दिया। दैनिक भास्कर को दिये गए एक साक्षात्कार की याद ताजा करते हुए आलोक बताते हैं कि लक्ष्मी गर्भावस्था के दौरान इस बात को लेकर काफी चिंतित थीं कि उनका होने वाला बच्चा अपनी माँ को देखकर कहीं डर तो नहीं जाएगा लेकिन अब पीहू जब भी अपनी माँ को देखती है तो वह डरने की बजाय मुस्कुराती है।
लक्ष्मी इससे पहले भी तेजाब हमलों पर अंकुश लगाने के लिये युद्धस्तर पर विभिन्न अभियानों का संचालन करती रही हैं। उन्होंने देशभर में तेजाब की बिक्री पर रोक लगवाने की वकालत करते हुए 27 हजार लोगों के हस्ताक्षर युक्त एक याचिका भी तैयार की थी जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और सभी राज्य सरकारों को तेजाब की बिक्री को विनियमित करने का आदेश दिया था। इसके बाद ही संसद ने तेजाब हमलों से संबंधित मुकदमों की पैरवी को तेज करने की दिशा में अपने कदम बढ़ाए थे। वर्ष 2014 में लक्ष्मी को अमेरिका की प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने इंटरनेश्नल वोमेन आॅफ करेज पुरस्कार से नवाजा। इसके अलावा लक्ष्मी को एनडीटीवी इंडियन आॅफ द इयर भी चुना जा चुका है।
लक्ष्मी फिलहाल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अगले महीने शुरू होने वाले अपने शिरोज़ कैफे की तैयारियों में व्यस्त हैं। पीहू का अधिकतर समय स्टाॅप एसिड अटैक अभियान के स्वयंसेवकों के साथ गुजरता है जिनमें से अधिकतर स्वयं तेजाब हमलों की पीडि़ता हैं। उसकी माँ जहां भी जाती है वह उसके साथ ही जाती है और शायद उसे मन में यह पता होगा कि उसके माता-पिता उसके जीवन में आने वाले सबसे खूबसूरत इंसान हैं।