ओडिशा सरकार का एलान- महिलाओं को हर महीने मिलेगी एक दिन की पीरियड लीव
कटक में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद, ओडिशा की उपमुख्यमंत्री, प्रवती परिदा, जो महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी भी हैं, ने यह घोषणा की.
ओडिशा की उपमुख्यमंत्री, प्रवती परिदा ने गुरुवार, 15 अगस्त को घोषणा की कि राज्य सरकार और प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को एक दिन का सवेतन मासिक धर्म अवकाश मिलेगा. हालांकि, यह अवकाश वैकल्पिक होगा.
कटक में स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद, परिदा, जो महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रभारी भी हैं, ने यह घोषणा की.
घोषणा के अनुसार, मासिक धर्म चक्र के पहले या दूसरे दिन, महिला कर्मचारी छुट्टी लेने के लिए पात्र हैं. प्रवती परिदा ने कहा, "यह वैकल्पिक होगा."
उल्लेखनीय है कि केन्या के नैरोबी में संयुक्त राष्ट्र नागरिक समाज सम्मेलन 2024 में, एक ओडिया लड़की ने मासिक धर्म के दौरान सवेतन छुट्टी के लिए अपनी आवाज़ उठाई थी. ओडिशा कार्यकर्ता रंजीता प्रियदर्शिनी द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में उपस्थित सभी लोगों के ध्यान में मासिक धर्म के दौरान महिलाओं के लिए सवेतन छुट्टी का मुद्दा लाया गया. उन्होंने तर्क दिया कि मासिक धर्म से जुड़ी शारीरिक परेशानी दुनिया भर में महिलाओं के लिए पीड़ा का कारण है.
इस समय केवल केरल और बिहार ही ऐसे भारतीय राज्य हैं, जहाँ मासिक धर्म अवकाश नियम लागू हैं. 1992 में, बिहार ने एक कार्यक्रम लागू किया, जिसके तहत महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान हर महीने दो दिन का सवेतन अवकाश दिया जाता था, जबकि केरल ने अठारह वर्ष से अधिक आयु की छात्राओं के लिए मातृत्व अवकाश को बढ़ाकर साठ दिन कर दिया, और 2023 में विश्वविद्यालयों और अन्य संस्थानों में सभी छात्राओं को मासिक धर्म अवकाश दिया जाएगा.
सिक्किम हाईकोर्ट ने भी रजिस्ट्री में काम करने वाली सभी महिला कर्मचारियों को पीरियड लीव देने का फैसला लिया है. हाईकोर्ट की रजिस्ट्री में काम करने वालीं महिलाएं हर महीने दो से तीन दिन की छुट्टी ले सकती हैं.
मासिक धर्म अवकाश नीतियों को कुछ प्राइवेट भारतीय कंपनियों जैसे कि Zomato द्वारा भी लागू किया गया है, जो 2020 से हर साल 10 दिनों का सवेतन मासिक धर्म अवकाश प्रदान कर रही है. जोमैटो के बाद और भी कई स्टार्टअप ने ऐसी छुट्टियां देनी शुरू कर दी थीं.