टाटा - उबर में समझौते से 20 हज़ार टैक्सी ड्राइवर बनेंगे अपनी कार के मालिक
टाटा और उबर ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किये, जिसके अनुसार देश में उबर के साथ काम करने वाले 20 हज़ार टैक्सी ड्राइवरों को कारें दी जाएँगी और वे किस्त अदाएगी के बाद अपनी कारों के मालिक बनेंगे।
आईटी विभाग, तेलंगाना के प्रधान सचिव जयेश रंजन की उपस्थिति में आज टाटा सन्स के ग्रूप एक्जिकेटिव कौन्सिल सदस्य तथा व्यापार विकास व सार्वजनिक मामलों के प्रमुख मधु कन्नन एवं उबर एशिया के बिजनेस डेवलपमेंट हेड एरिक एलेक्जेंडर ने टाटा और उबर के बीच समझौते की घोषणा की। मधु कन्नन ने बताया कि टाटा नये उद्यमों को प्रोत्साहित करने के लिए हमेशा आगे रहा है। इस समझौते में भी देश भर में 20 हज़ार टैक्सी ड्राइवरों को कारें दी जाएँगी। उन्होंने कहा कि आम तौर पर ऋण पर कार खरीदने के लिए ग़रीब युवाओं को बैंकों के चक्कर काटने पड़ते हैं, कई सारी झंझटों से गुज़रना पड़ता है। इसे देखते हुए टाटा ने उबर के प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए एकल खिड़की द्वारा सारी प्रक्रिया पूरी करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि इस तरह उद्यम विकास को गति दी जा सकेगी।
हैदराबाद से यह अभियान शुरू करने के बारे में कन्नन ने कहा कि हैदराबाद और तेलंगाना में टाटा की उपस्थिति काफी मज़बूत है। यही कारण है कि इस योजना के प्रारंभ के लिए हैदराबाद को चुना गया।
एप आधारित टैक्सी सेवा मुहैया कराने वाली कंपनी उबर के एरिक एलेक्जेंडर ने कहा कि उबर उद्यम एवं आर्थिक विकास के क्रम में स्थानीय भागीदारों के साथ काम करने को प्राथमिकता देता है। इसी लिए इस नयी योजना में टाटा के साथ समझौता किया गया है। उन्होंने कहा कि देश भर में टैक्सी ड्राइवर उबर के साथ खुश हैं और इस नयी योजना में वित्त, बीमा और रखरखाव तीनों सेवाएँ एक ही मंच पर उपलब्ध होंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि हैदराबाद में बीते एक सप्ताह में इस के ट्रायल रन में 300 ड्राइवरों ने उत्साह दिखाया है।
एक प्रश्न के उत्तर में एलक्ज़ेंडर ने बताया कि वे उत्तम टेक्नोलोजी और इकोसिस्टम के द्वारा ड्राइवर, ग्राहक तथा कंपनी को बेहतर लाभ के तरीकों पर काम कर रहे हैं। यही कारण है कि टैक्सी ड्राइवरों को काम के समय में लचीली पद्धति अपनायी गयी है। उन्होंने बताया कि उबर वर्तमान में देश के 27 शहरों में है और शीघ्र ही 50 शहरों में अपनी सेवाएँ विस्तारित करने की योजना है।
एलेक्ज़ेंडर ने बताया कि उबर सेना से सेवानिवृत्त होने वाले सैनिकों के साथ काम करने की योजना बना रहा है। यह प्रयोग अमेरिका में काफी सफल सिद्ध हुआ है। यहाँ भी सेना से सेवानिवृत्त होने का बाद सैनिकों के पास रोज़गार की समस्या बनी रहती है। इस समस्या को दूर करने के लिए उबर नयी योजना पर काम कर रहा है।
तेलंगाना सरकार के सचिव जयेश रंजन ने बताया कि वे युवा जो आईटी एवं कार्पोरेट कंपनी में काम करने की शैक्षणिक योग्यता नहीं रखते, उनके लिए टाटा और उबर की यह योजना काफी आकर्षक है। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में 9 ग्रामीण जिलें हैं, जहाँ के युवा इससे लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि टाटा और उबर दोनों कंपनियों की उपस्थिति हैदराबाद में काफी मज़बूत है, बल्कि टी हब के उद्घाटन में सरकार ने रतन टाटा को आमंत्रित किया था। उन्होंने बताया कि जमशीदपुर के बाद यदि टाटा के सर्वाधिक कर्मचारी कहीं हैं तो वे हैदराबाद में हैं। इस योजना के अंतर्गत जहाँ टाटा मोटर्स कारें उपलब्ध करवाएगा, टाटा कैपिटल तथा टाटा मोटर्स फिनैन्स वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराएगा।
उबर का विचार भारत में अपना भुगतान वॉलेट शुरू करने का है। मौजूदा समय में उबर का पेटीएम के साथ समझौता है जिससे उसके ग्राहक डिजिटल तौर पर भुगतान करते हैं। उबर एशिया के कारोबारी प्रमुख एरिक एलेक्जेंडर ने कहा कि स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर काम करने की उबर की रणनीति ही उसकी सफलता का हिस्सा है। उन्होंने हाल ही में पेटीएम के साथ साझेदारी की घोषणा की है। वह इसे जारी रखना चाहेंगे लेकिन इसका यह मतलब बिल्कुल भी नहीं है कि उन्होंने उस विचार :स्वयं का भुगतान वॉलेट: को त्याग दिया है। वह अपने विकल्प हमेशा खुले रखते हैं।
इसके अलावा सर्ज प्राइसिंग (व्यस्त समय में बढ़ते किराये की व्यवस्था) पर उन्होंने कहा कि यह विशुद्ध रूप से उस समय की मांग-आपूर्ति पर निर्भर करता है और उस समय किराया कंप्यूटर द्वारा तय किया जाता है।