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नरेंद्र मोदी 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' की ऑनलाइन वोटिंग में सबसे आगे

दूसरे नंबर पर बराक ओबामा, ट्रंप व असांजे को सात-सात फीसदी मत मिले, साथ ही हिलेरी क्लिंटन को चार और मार्क ज़ुकरबर्ग को दो फीसदी मत मिले।

नरेंद्र मोदी 'टाइम पर्सन ऑफ द ईयर' की ऑनलाइन वोटिंग में सबसे आगे

Monday December 05, 2016 , 3 min Read

अमेरिका की प्रसिद्ध पत्रिका 'टाइम' द्वारा हर साल दिए जाने वाले 'पर्सन ऑफ द ईयर' खिताब के लिए हुई ऑनलाइन वोटिंग में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुनियाभर के अलग-अलग क्षेत्रों के सभी जाने-माने दिग्गजों को पछाड़ दिया है। 'टाइम' के मुताबिक, रविवार मध्यरात्रि को वोटिंग बंद हो जाने के बाद नरेंद्र मोदी डाले गए कुल वोटों का 18 फीसदी लेकर सबसे आगे थे, जबकि अमेरिका के मौजूदा राष्ट्रपति बराक ओबामा, अमेरिका के ही नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप तथा विकीलीक्स के विवादास्पद संस्थापक जूलियान असांजे संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहे और तीनों को सात-सात फीसदी 'हां' वाले वोट हासिल हुए।

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ऑनलाइन डाले गए वोटों में 18 फीसदी मतों के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शीर्ष पर रहे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘टाइम पर्सन ऑफ दी ईयर, 2016’ के लिए ऑनलाइन रीडर्स सर्वेक्षण जीत लिया है। इसमें उन्होंने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और रूसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन को पीछे छोड़ दिया। सर्वे कल रात 4 दिसंबर को पूरा हुआ और 18 फीसदी मतों के साथ मोदी इसमें विजेता के तौर पर उभरे। मोदी को मिले मत उनके करीबी प्रतिद्वंद्वी ओबामा, ट्रंप और विकीलीक्स के संस्थापक जुलियन असांजे को मिले सात फीसदी मतों के मुकाबले उल्लेखनीय रूप से अधिक हैं।

टाइम के मुताबिक मोदी इस साल की प्रख्यात शख्सियतों मसलन फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग (दो फीसदी) और अमेरिकी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटन (चार फीसदी) से कहीं आगे रहे। पर्सन ऑफ दी ईयर के नाम पर अंतिम फैसला टाइम के संपादक इस हफ्ते के अंत तक लेंगे हालांकि सर्वे के नजीते यह बताते हैं कि दुनिया इन शख्सियतों को किस तरह देखती है।

ऑनलाइन सर्वे के मुताबिक मोदी वर्ष 2016 के सबसे प्रभावशाली व्यक्तित्व के तौर पर उभर कर आए हैं।

टाइम ने कहा कि रीडर सर्वे एक महत्वपूर्ण झरोखा है, जो बताता है कि वर्ष 2016 में छाए रहने वाले व्यक्ति उनके मुताबिक कौन हैं।

मोदी ने यह सर्वे दूसरी बार जीता हैै। इससे पहले वर्ष 2014 में उन्हें पचास लाख मतों में से 16 फीसदी से ज्यादा मत हासिल हुए थे। 

'टाइम' पत्रिका हर साल उस शख्स को इस खिताब से नवाज़ती है, जिसने उनके हिसाब से पिछले साल में ख़बरों तथा दुनिया को सबसे ज़्यादा प्रभावित किया, भले ही वह अच्छे के लिए हो या बुरे के लिए। पिछले साल यह खिताब जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल को दिया गया था। लगातार चौथे साल नरेंद्र मोदी ‘पर्सन ऑफ दी ईयर’ की दौड़ में शामिल हुए हैं। यह सम्मान हर साल उस व्यक्ति को दिया जाता है जिसने ‘अच्छी या बुरी वजह से साल भर दुनिया भर को प्रभावित किया हो और खबरों में छाया रहा हो।’

पिछले साल यह सम्मान जर्मन चांसलर एंजेला मार्केल को मिला था।

टाइम ने सेप्टेंबर प्यू पोल के हवाले कहा कि हाल के महीनों में मोदी को पसंद करने वाले भारतीयों की उच्च रेटिंग देखने को मिली है। ध्यान देने बाली बात यह है, कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले महीने अचानक 500 तथा 1,000 रुपये के करेंसी नोटों को बंद कर देने की अपनी घोषणा के चलते सुर्खियों में टल रहे हैं। एक ओर जहां समूचा विपक्ष एकजुट होकर उनके इस कदम को गलत ठहरा रहा है, वहीं जनता भी देशभर में बैंकों और एटीएम के बाहर लगी लंबी-लंबी कतारों के कारण परेशान है और नकदी के संकट से जूझ रही है।

विमुद्रीकरण या नोटबंदी के इस कदम को लेकर एक तरफ काले धन से लड़ने की मंशा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ हो रही है, तो दूसरी तरफ जनता को हो रही परेशानियों से चलते उनकी आलोचनाएं भी थम नहीं रही हैं, लेकिन इन सबके बीच भी नंबर वन बने रहना एक और उपलब्धि है।