कूकाबुरा ने गुलाबी गेंद की सीम का रंग हरे और सफेद से बदलकर काले रंग का कर दिया है और ऐसा आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ की सलाह पर किया गया, जिन्होंने गुलाबी गेंद से हुए एकमात्र टेस्ट में अपनी टीम को तीन दिन के अंदर ही जीत दिलायी थी। कूकाबुरा ग्रुप के प्रबंध निदेशक ब्रेट इलियट यहांँ भारत के पहले दिन-रात्रि क्रिकेट मैच को देखने यहां आये हुए हैं। उन्होंने कहा कि काली सीम से देखने में काफी मदद मिलेगी।
इलियट ने कहा, ‘‘हमने एडिलेड टेस्ट के बाद सीम के रंग में बदलाव किया है। एडिलेड टेस्ट में गेंद में हरी और सफेद सीम थी, हमने आस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ से बात की तो उन्होंने कहा कि वह ऐसी सीम चाहते हैं जो अच्छी तरह दिखायी दे। इसलिये हमने काली सीम बनायी। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘दूधिया रोशनी में यह बहुत साफ दिखती है। हमने स्पिनरों की मदद के लिये भी यह सीम डिजाइन की है। ’’
भारत के पहले ‘गुलाबी गेंद’ के मैच का हिस्सा होंगे शमी, रिद्धिमान
मोहम्मद शमी और रिद्धिमान साहा उन भारतीय खिलाड़ियों में से शामिल हैं जो स्थानीय क्लब मोहन बागान और भवानीपुर क्लब के बीच कल से शुरू होने वाले बंगाल क्रिकेट संघ के बंगाल सुपर लीग फाइनल में गुलाबी गेंद से होने वाले दिन-रात्रि क्रिकेट का अनुभव हासिल करेंगे।
पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली द्वारा शुरू की गयी इस लीग का चार दिवसीय फाइनल ऐतिहासिक होगा क्योंकि यह गुलाबी कूकाबूरा गेंद से खेला जायेगा जिससे दूधिया रोशनी में उप महाद्वीप के हालात की झलक मिलेगी।अगर यह प्रयोग सफल रहता है तो कैब के पास भारत में गुलाबी गेंद के पहले टेस्ट की मेजबानी का अच्छा मौका होगा जिसके आयोजन की बीसीसीआई योजना बना रहा है।
इसमें सभी की निगाहें भारत के तेज गेंदबाज और मोहन बागान के शमी पर लगी होंगी जो अक्तूबर में न्यूजीलैंड के खिलाफ प्रस्तावित पहले दिन-रात्रि टेस्ट से पहले टीम में गुलाबी गेंद का अनुभव हासिल करने वाले पहले गेंदबाज होंगे।रिद्धिमान के सामने भी दूधिया रोशनी में गुलाबी गेंद के खिलाफ अपना विकेट संभाले रखकर बल्लेबाजी करने की चुनौती होगी। (पीटीआई)