...ताकि एयरपोर्ट्स न लगे बोरिंग
एयरपोर्ट पर वेटिंग को बनाया खुशनुमा
Wednesday July 08, 2015 , 6 min Read
क्या आप कभी एयरपोर्ट पर फ्लाइट डिले या लंबे स्टॉप की वजह से फंसे और बोर हुए हैं? हां, ये एक कॉमन एक्सप्रिएंस हैं और इसका सामना करना ही पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर एयरपोर्ट बेहद बोरिंग जगह होते हैं। इसी समस्या ने ट्रेवल ऐप ट्रिपची को लॉन्च करने के लिए प्रेरित किया। “यात्रा से प्यार है मगर एयरपोर्ट्स से नफरत। हमें भी है और हम इसे बदलना चाहते हैं।” यही है ट्रेवल ऐप ट्रिपचि का मूल मंत्र जो उन यात्रियों की मदद करता है जिन्हे अपना ज्यादातर समय एयरपोर्ट पर गुजारना पड़ता है।
ट्रिपचि आपकी पर्सनॉलिटी, रूचियों और फ्लाइट इंफो के मुताबिक चीजें रिकमेंड करती है। ये ऐप आपको फूड, ड्रिंक और शॉपिंग अपोर्च्यूनिटिज से जुड़े एक्सक्लुसिव डील्स ऑफर करती है और आपको एयरपोर्ट पर दूसरे यात्रियों से जुड़ने में मदद करती है।
काम शुरू करने के लिए ट्रिपचि ने क्राउडफंडिंग के रास्ते को अपनाने का फैसला किया है और दिसंबर 2018 तक 10 हजार अमेरिकी डॉलर इकट्ठा करने के लिए Indiegogo में रजिस्ट्रेशन भी करा लिया है। इकट्ठी हुई राशि से कम से कम तीन एयरपोर्ट्स को कवर किया जाएगा जिनके लिए क्राउंड-इनवेस्टर्स वोट करेंगे। क्राउडफंडिंग उम्मीद से भी बेहतर रही है और दिसंबर 2014 तक ही 9,266 डॉलर इकट्ठा किया जा चुका था। हमने हाल ही में ट्रिपचि के सीईओ चंद्रा जैकब से बातचीत कर उनके इस इंट्रेस्टिंग वेंचर के बारे में और जानने की कोशिश की।
ट्रिपचि के लिए मॉनेटाइजेशन का मॉडल क्या है?
ट्रिपचि ट्रेवलर्स के लिए फ्री है और इसके लिए रेवेन्यू हमारे पार्टनर्स (एयरपोर्ट्स, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट कंपनियों और वेंडर्स) से टारगेटेड ऐड्स, टारगेटेड एयरपोर्ट मार्केटिंग प्लेटफॉर्म के लिए सब्सक्रिप्शन के जरिये आता है।
आपकी मार्केट साइज और टारगेट सेगमेंट क्या है?
40 करोड़ के करीब फ्रिक्वेंट ट्रेवलर्स हैं जो एयरपोर्ट्स पर सालाना 2.6 अरब डॉलर खर्च करते हैं। ये ट्रेवलर्स एयरपोर्ट पर लंबे इंतजार रूपी यातना को कम करना चाहते हैं। इसके अलावा करीब 5 करोड़ जेन-वाई बिजनेस ट्रेवलर्स हैं जो सालाना 34 करोड़ डॉलर खर्च करते हैं। वो एयरपोर्ट्स पर अच्छा समय व्यतीत करने के लिए खुशी-खुशी पे करने को तैयार हैं। फर्क पर ध्यान दीजिए- यातना को कम करना बनाम इंज्वॉयमेंट में वृद्धि------हम इन दोनों कैटेगरिज में अलग-अलग मार्केट करेंगे।
अगर वेंडर की बात करें तो सिर्फ बोस्टन लोगान में ही कंसेशन सेल्स 3.9 करोड़ डॉलर का है और वर्ल्डवाइड कंसेसन्स मार्केट करीब 39 अरब डॉलर का है। अगर हम ट्रेवलर्स से 14 से 20 डॉलर इकट्ठा करते हैं तो हम सालाना करीब एक अरब डॉलर का कंसेसन सेल्स करेंगे।
आपको स्टार्टअप के लिए किस चीज ने प्रेरित किया? आपने कंपनी का नाम किस तरह से रखा?
हमारी टीम 4 लोगों से बनी है जो तीन चीजों के लेकर बहुत ही जुनूनी हैं- ट्रेवलिंग, लाइफ को इजी बनाने के लिए टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल और हमारे प्रोडक्ट्स को पर्सनलाइज करने के लिए एनेलिटिक्स करना। हममें से बहुत सारे लोग जार्ज क्लूनी की ‘अप इन द एयर’ लाइफस्टाइल जीचे हैं और ऐसा महसूस करते हैं कि हम अपने घरों की अपेक्षा एयरपोर्ट्स और सड़कों पर ज्यादा समय व्यतीत करते हैं। हम ना सिर्फ ट्रेवलिंग लाइफ को कम थकाऊ बनाने के तरीके चाहते हैं बल्कि इसे और बेहतर बनाना चाहते हैं।
हम इस कंपनी में करीब एक साल से एक साथ काम कर रहे हैं। मैं और मेरे को-फाउंडर के पास एक और कंपनी भी है जो टीम के कमिटमेंट को दिखाता है। हम काफी भाग्यशाली भी हैं कि हमारे बोर्ड में स्काईमाल के को-फाउंडर भी हैं और एक बड़े सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कंपनी के सीईओ भी हैं।
आपके कुछ शॉर्ट टर्म टारगेट क्या हैं?
कई मील के पत्थर बेहद करीब हैं-
1. अतिरिक्त प्रोडक्ट डेवलपमेंट कॉस्ट्स के लिए इंडिइगोगो कैंपेन के जरिए 10 से 20 हजार डॉलर जुटाने के करीब
2. पब्लिक बिटा रिलीज: स्प्रिंग 2013---PHX, BOS, SFO, NYC, CLT, DFW एयरपोर्ट्स।
3. स्प्रिंग के अंत तक सेल करना। इसका मतलब है कि या तो हम अपने व्हाइट लेबल ऐप और एयरपोर्ट सोल्यूशन डिलिवर करें या फिर एयरपोर्ट वेंडर्स/प्रॉपर्टी मैनेजमेंट कंपनियों से एफ्लिएट रेवेन्यू/सब्सक्रिप्शन रेवेन्यू हासिल करें।
4. पहले साल के आखिर तक ही करीब 50 परसेंट बिटा एयरपोर्ट्स के साथ पार्टनरशिप स्थापित करने पर फोकस करना।
5. फाल 2014: 500 से 750 हजार डॉलर इकट्ठा करना ताकि ट्रिपचि हर साल करीब 10 और एयरपोर्ट्स के साथ विकास कर सके।
आपने क्राउडफंडिंग का फैसला क्यों किया? इसका अनुभव कैसा रहा है? उन लोगों के लिए कोई सलाह जो क्राउडफंडिंग के बारे में सोच रहे हैं?
हम अपने प्रोडक्ट डेवलपमेंट में एक ऐसे बिंदु पर आए जहां हमें अपने इंटरनल डेवलपमेंट टीम का विकास करने के लिए आउसाइड रिसोर्सेज की जरूरत थी। हमारी टीम में ज्यादातर लोग पार्ट-टाइम हैं। हमारे पास पब्लिक रिलीज नहीं था इसलिए हम फंड नहीं जुटा सकते थे। हमने पहले ही अपने इंटरनल इनवेस्टमेंट मनी को खर्च कर दिया था। उसी समय हम अपने कस्टमर बेस, ब्रांड एवेयरनेस को बढ़ाना चाहते थे। हम अपने कस्टमर्स से सीखना चाहते थे और अपनी मार्केटिंग स्ट्रेट्जी के मैकेनिज्म को जांचना चाहते थे। इस लिहाज से Indiegogo एक परफेक्ट ऑप्शन था।
हमारा लक्ष्य 10 हजार डॉलर जुटाना था जो हमें कम से कम तीन एयरपोर्ट्स को कवर करता। जितना ज्यादा हम फंड कलेक्ट करते उतने ज्यादा एयरपोर्ट्स और स्पेशल फीचर, डील्स, ऑफर्स को हम अपने ऐप में शामिल कर सकते थे।
हम अपने सपोर्टर्स को ऐप बन जाने के बाद सबसे पहले पहुंच देंगे और उन्हें हर स्टेप में इनवाल्व करेंगे चाहे वो हमारा प्रोडक्ट डेवलपमेंट हो या फिर टेस्टिंग प्रॉसेज हो। हम चाहते हैं कि हमारे शुरूआती सपोर्टर हमारी टीम का हिस्सा बने और एयरपोर्ट्स 2.0 को बनाने में मदद करें।
Indieogo बनाम Kickstarter
ये दोनों अलग-अलग हैं। किकस्टार्टर मुख्य तौर पर सीरियस कंपनियों के लिए है। किकस्टार्टर फीजिकल प्रोडक्ट पर फोकस करता है और इसमें पर्क डिजाइन करना काफी कठिन होता है। पर्क्स बहुत ज्यादा समय लेते हैं और लाइनिंग अप वेंडर, निगोसिएटिंग प्राइसेज आदि में सामंजस्य बिठाना वाकई एक सिरदर्द होता है।
जितना जल्दी आप लोगों तक पहुंचते हैं उतना जल्दी आप उन्हें अपने बारे में समझा पाते हैं। इंडिइगोगो पर आपको अपने कैंपेन को सबसे पहले अपने दोस्तों और परिवार से डोनेशन के साथ शुरू करना चाहिए ताकि आप तेजी से आगे बढ़ सकें।
इसमें बहुत सारे फैक्टर शामिल होते हैं- डोनेशंस की संख्या, डोनेशंस की एमाउंट, डोनेशंस कहां से आ रहे हैं, डोनेशंस की गति, सोशल मीडिया शेयर्स, आपके कैंपेन पर कितने कमेंट्स हैं, आपके कैंपेन टीम के कितने सदस्य हैं, आपके कैंपेन गैलरी में कितने आइटम्स हैं और आप कितने अपडेट्स भेजते हैं।
सलाह तो यही है कि जितना जल्दी हो सके शुरुआत कीजिए।
अभी तक ट्रिपचि ने अपने क्राउडफंडिंग कैंपेन के जरिये 11 हजार 300 डॉलर जुटा लिए हैं। हम उन्हें उनके सफर में कामयाबी की दुआ करते हैं। ऑल द बेस्ट।