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2030 तक 10 करोड़ बाल विवाह का खतरा, लड़कियों की उच्च शिक्षा से 80% रोकने में मिलेगी मदद

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि लड़कियों को स्कूल में रखना यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनकी शादी कम उम्र में न हो. इसमें कहा कि माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक स्कूली शिक्षा की तुलना में बाल विवाह के खिलाफ अधिक मजबूत और अधिक सुसंगत सुरक्षा है.

2030 तक 10 करोड़ बाल विवाह का खतरा, लड़कियों की उच्च शिक्षा से 80% रोकने में मिलेगी मदद

Thursday September 29, 2022 , 3 min Read

दुनिया में हर तीन में से दो बाल विवाह तभी रुकेंगे जब सभी लड़कियां माध्यमिक शिक्षा (सेकेंडरी एजुकेशन) तक की पढ़ाई पूरा कर सकेंगी. यूनिसेफ की एक नई रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है. रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि यदि सभी लड़कियां हाईअर एजुकेशन जारी रखती हैं तो यह संख्या 80 फीसदी तक गिर जाएगी.

रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि लड़कियों को स्कूल में रखना यह सुनिश्चित करने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनकी शादी कम उम्र में न हो. इसमें कहा कि माध्यमिक शिक्षा, प्राथमिक स्कूली शिक्षा की तुलना में बाल विवाह के खिलाफ अधिक मजबूत और अधिक सुसंगत सुरक्षा है.

यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस कुप्रथा को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कदम नहीं उठाए गए तो साल 2030 तक 10 करोड़ से अधिक और बच्चियों को बाल विवाह के बंधन में बांध दिया जाएगा.

यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व स्तर पर बाल विवाह का प्रचलन कम हो रहा है. पिछले एक दशक में सबसे अधिक प्रगति दक्षिण एशिया में देखी गई, जहां एक लड़की की बचपन में शादी करने का जोखिम एक तिहाई से भी कम होकर 30 प्रतिशत से भी कम हो गया.

इसके बावजूद, बचपन में ही विवाहित होने वाली लड़कियों की कुल संख्या 1.2 करोड़ प्रति वर्ष है. यह मानवाधिकारों का उल्लंघन है जो लड़कियों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने से रोकता है. यह हानिकारक प्रथा शिक्षा, स्वास्थ्य, संसाधनों तक पहुंच और सशक्तिकरण में अभाव से जुड़ी हुई है.

संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य साल 2030 तक इस मानवाधिकार उल्लंघन को समाप्त करने के लिए वैश्विक कार्रवाई का आह्वान करता है. बाल विवाह के सबसे अधिक मामले पश्चिमी और मध्य अफ्रीका में सामने आए जहां 10 में 4 लड़कियों की शादी 18 साल से कम उम्र से पहले कर दी गई. वहीं, बाल विवाह के सबसे कम मामले दक्षिणी अफ्रीका (32 फीसदी), दक्षिणी एशिया (28 फीसदी) और लातिन अमेरिका एवं कैरिबियन (21 फीसदी) में पाए गए.

यूनिसेफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इस कुप्रथा को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर कदम नहीं उठाए गए तो साल 2030 तक 10 करोड़ से अधिक और बच्चियों को बाल विवाह के बंधन में बांध दिया जाएगा.

साल 2016 में संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या फंड के साथ यूनिसेफ ने बांग्लादेश, बुर्किना फासो, इथियोपिया, घाना, भारत, मोजांबिक, नेपाल, निगर, सिएरा लियोन, यूगांडा, यमन और जांबिया जैसे सबसे अधिक संख्या में बाल विवाह वाले 12 देशों में बाल विवाह को रोकने के लिए एक वैश्विक कार्यक्रम की शुरुआत की थी.

सतत विकास लक्ष्य (SDG) 5.3 (बाल विवाह का खात्मा) का प्रोग्रेस अन्य क्षेत्रों खासकर शिक्षा, रोजगार और गरीबी उन्मूलन पर निर्भर करता है. वैश्विक लक्ष्य 2030 तक बाल विवाह प्रथा को खत्म करना है. लेकिन इस लक्ष्य तक पहुंचने के लिए समन्वित कार्रवाई और अतिरिक्त निवेश की आवश्यकता होगी. 2030 तक बाल विवाह को समाप्त करने के लिए पिछले दशक की प्रगति की तुलना में प्रगति 17 गुना तेज होनी चाहिए.


Edited by Vishal Jaiswal