16 साल की उम्र में शुरू किया अपना स्टार्टअप 'टायरलेसली', पर्यावरण को बचाने की दिशा में बड़ा काम
पर्यावरण की रक्षा में मददगार “टायरलेसली”....
टायरों का सुरक्षित ढंग से करते हैं निपटारा....
स्टार्टअप के इस दौर में आज बड़े क्या, बच्चे भी अपना नाम रौशन कर रहे हैं। अनुभव वाधवा ऐसे ही एक होनहार लड़का है। जिस उम्र में बच्चे अपने करियर के बारे में भी नहीं सोच पाते उस उम्र में उसने अपना स्टार्टअप शुरू कर दिया है। 16 साल के अनुभव पाथवे वर्ल्ड स्कूल आरावली, गुड़गांव की क्लास 11वीं के छात्र हैं। अनुभव ने अपने काम की शुरूआत 2012 में ‘टेकऐप्टो’ के साथ की और इसके बाद दिसम्बर 2015 में उन्होने ‘टायरलेसली’ की नींव रखी और जनवरी 2016 में अनुभव ने इसे लॉंच कर दिया।
इस कम्पनी को शुरू करने के बारे में अनुभव ने योरस्टोरी को बताया,
जब एक दिन मैं स्कूल से घर वापस आ रहा था तो उन्होने सड़क पर पुराने टायरों को बिखरे हुए और जलते हुए देखा तो मुझे बुरा लगा, क्योंकि इससे वातावरण में सल्फर डाइऑक्साइड बढ़ रहा था जिससे हवा प्रदूषित हो रही थी। इस घटना के बाद जब मैं घर लौटा तो सबसे पहले गूगल में सर्च किया कि पुराने टायरों को कैसे नष्ट किया जा सकता है लेकिन मुझे तब निराशा हाथ लगी जब मैंने पाया की देश में ऐसा कोई कारगर तरीका नहीं है। इसी समय मैंने तय किया किया कि इस इस क्षेत्र में कुछ काम करना ज़रूरी है।
टायरलेसली पुराने टायरों को इकट्ठा करती है और सुरक्षित रूप से उनका निपटारा करती है। टायरलैसली के दो मुख्य उद्देश्य हैं मैटेरियल रिकवरी और एनर्जी रिकवरी। टायरलेसली को अगर आप पुराने टायर देना चाहते हैं तो कोई भी इनकी वेबसाइट पर जाकर अपना मैसेज छोड़ सकता है। जिसके बाद आपकी बताई जगह से ये पुराने टायरों को उठाने का काम करते हैं। यह सेवा वो फिलहाल दिल्ली और एनसीआर में दे रहे हैं, जल्द ही अपनी से सेवा का विस्तार देश के 12 अन्य प्रमुख शहरों में करने वाले हैं।
पुराने टायरों को इकट्ठा करने के लिए उन्होने गुड़गांव में एक गोदाम लिया हुआ है, और उनके पास एक वैन है जो अलग अलग जगहों से टायरों को इकट्ठा करने का काम करती है। टायरलेसली 5 लोगों के समूह में काम कर रही है, जल्द ही ये इसका भी विस्तार करेगें। अनुभव का कहना है कि वो जब लोगों से पुराने टायर लेते हैं तो उसके बदले कोई भुगतान तो नहीं करते लेकिन टायर लाने ले जाने की सुविधाएं मुफ्त में देते हैं। खास बात ये है कि ये 1 टायर हो या 100 टायर ये हर जगह अपनी सेवा देते हैं।
अब तक पुराने टायरों का इस्तेमाल चीनी उद्योग और इसी तरह के कई दूसरे उद्योगों में काफी इस्तेमाल होता है। जिससे वायु प्रदुषण होता है, टायरलेसली हवा को प्रदूषित किये बिना टायरों को डिसपोज कर उनसे तेल, ग्रीस और दूसरे उत्पाद बिना प्रदूषण किये निकालती है। कम्पनी में प्रारम्भिक निवेश अनुभव ने अपने पुराने वेंचर के निवेशकों से मिली राशि को लगाकर किया है, कम्पनी की आय के बारे में बात करते हुए अनुभव कहते है कि वेबसाइट में आने वाले विज्ञापन उनकी आय का मुख्य स्रोत होंगे।
ग्यारवीं क्लास में पढ़ने वाले अनुभव से जब योर स्टोरी ने पूछा कि कैसे वो पढ़ाई के साथ इस काम के लिए वक्त निकाल लेते हैं तो उनका जवाब था कि
“मैंने दैनिक कामों के लिए अपना वक्त निर्धारित किया है. इसलिए मैं पढ़ाई के साथ टायरलैसली के लिए भी वक्त निकाल लेता हूं।”
उनका कहना है कि वो दिन भर पढ़ाई करने के बाद ज्यादातर शाम के वक्त अपने इस वेंचर पर ध्यान देते हैं। इस तरह ना पढ़ाई छूटती है और ना ही उनके इस काम में असर पड़ता है। उनके इस काम में सबसे ज्यादा मदद उनके माता पिता करते हैं जो नियमित तौर पर अपने काम को लेकर उनका मनोबल ऊंचा बनाये रखते हैं। अनुभव के मुताबिक उनकी कोशिश रहती है कि वो विभिन्न समुदायों की मदद से लोगों को टायर के जलने से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करें। हाल ही में शुरू किये गये अपने इस वेंचर को लेकर अनुभव का कहना है कि वो फरवरी के अंत तक कम से कम एक हजार बेकार टायर इकट्ठा करना चाहते हैं और उनकी योजना अपने इस कारोबार को देशभर में फैलाने की है।
स्टार्टअप से जुड़ी ऐसी ही कहानियों के लिए जाएं फेसबुक पेज पर शेयर करें
आप स्टार्टअप हैं? ऐसे करें निवेशक की तलाश, इन बातों का रखें ख्याल...
स्टार्टअप उद्यमी ध्यान से पढ़िए, आप के लिए सेल्स से संबंधित महत्वपूर्ण सलाह
'स्टैंड अप इंडिया' के तहत नौकरी ढूंढने वाले अब नौकरी देने वाले बन सकेंगे-मोदी