शेयर बाजार से हुई कमाई पर कितना लगता है इनकम टैक्स, स्टॉक्स में पैसे लगाने से पहले ये जानना है जरूरी
अगर आप भी शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं तो आपको इसका टैक्स सिस्टम पता होना चाहिए. शेयर बाजार में लोग कई तरह से कमाई करते हैं और अलग-अलग तरीकों से हुई कमाई पर टैक्स भी अलग-अलग तरीके से लगता है.
कोरोना काल में पहले तो शेयर बाजार (Share Market) बुरी तरह टूटा, लेकिन फिर उसमें तगड़ी तेजी भी देखने को मिली. इस तेजी की एक वजह यह भी रही कि पहले की तुलना में अधिक लोगों ने शेयर बाजार में पैसा लगाना शुरू कर दिया. कुछ साल पहले की तुलना में अब बहुत सारे लोग शेयर मार्केट में पैसे लगाते हैं. बीएसई से पहले 5 करोड़ इन्वेस्टर करीब 12 सालों में जुड़े, जबकि महज दो सालों में ही 5 करोड़ और इन्वेस्टर जुड़ गए. यानी अब शेयर बाजार में पैसे लगाने वाले बहुत अधिक बढ़ चुके हैं. ऐसे में ये जानना भी बहुत जरूरी है कि शेयर बाजार से जो कमाई होती है, उस पर कितना इनकम टैक्स (Taxation on Share Market Earning) लगता है.
सबसे पहले बात इंट्रा-डे की
कोरोना काल में ऐसे बहुत सारे लोग शेयर बाजार से जुड़े, जिनका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि ट्रेडिंग करना था. बता दें जब लोग शेयर बाजार में कम समय के लिए पैसे लगाते हैं और मुनाफा मिलते ही उन्हें बेच देते हैं, उसे ट्रेडिंग कहते हैं. यह ट्रेडिंग एक दिन से लेकर कुछ दिनों, हफ्तों या महीनों तक के लिए भी की जाती है. अगर कोई शख्स एक ही दिन में शेयर को खरीदकर उसे बेच भी देता है, तो इसे इंट्रा-डे ट्रेडिंग कहते हैं. अगर आप इंट्रा-डे ट्रेडिंग करते हैं तो आपको अपने टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होगा. यानी अगर आपकी कुल कमाई 2.5 लाख रुपये से भी कम है तो आप पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि इससे ऊपर की कमाई पर आपको स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना पड़ेगा.
फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग पर कैसे लगता है टैक्स
अगर आप फ्यूचर या ऑप्शन ट्रेडिंग करते हैं तो भी आप पर इंट्रा डे की तरह ही टैक्स लगेगा. यानी फ्यूचर या ऑप्शन ट्रेडिंग से आपको जो मुनाफा होगा, उस पर आपको खुद पर लगने वाले टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स चुकाना होगा. बता दें कि फ्यूचर-ऑप्शन ट्रेडिंग के तहत आप बाद की यानी आने वाले दिनों की किसी तारीख के लिए डील फाइनल करते हैं. फ्यूचर के तहत अगर आप कोई स्टॉक लेते हैं तो आपको उस डील में फायदा हो या नुकसान, आप समय से पहले उससे बाहर नहीं निकल सकते. वहीं ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको अगर नुकसान होने लगता है तो आप डील छोड़ सकते हैं. इनका इस्तेमाल सबसे ज्यादा हेजिंग के लिए होता है, लेकिन बहुत से ट्रेडर इसे मुनाफा कमाने के लिए भी इस्तेमाल करते हैं.
शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर कैसे लगता है टैक्स?
अगर आप किसी शेयर को अपने पोर्टफोलियो में कम से कम 1 दिन या अधिक से अधिक 364 दिन मतलिब 1 साल से कम तक रखते हैं तो उसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स कहा जाता है. इस पर आपको फ्लैट 15 फीसदी का टैक्स देना होता है. हालांकि, अगर आपकी कमाई 2.5 लाख रुपये से कम है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा, लेकिन कमाई उससे ऊपर बढ़ते ही फ्लैट 15 फीसदी टैक्स लगेगा, भले ही आप किसी भी स्लैब के दायरे में आते हों.
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन हुआ तो कैसे लगेगा टैक्स?
ऐसे भी बहुत सारे लोग हैं जो शेयर बाजार में 1 साल से अधिक की अवधि के लिए शेयर खरीदते हैं. इसे ही निवेश कहा जाता है. बड़े-बड़े दिग्गज निवेशक हर किसी को निवेश की सलाह ही देते हैं. अगर आपको कैपिटल गेन होता है तो उस पर आपको 1 लाख रुपये तक पर कोई टैक्स नहीं चुकाना होगा. वहीं अगर आपकी कमाई इससे अधिक होती है तो उस पर फ्लैट 10 फीसदी टैक्स चुकाना होगा. इसमें भी इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस टैक्स स्लैब में आते हैं. हालांकि, अगर आपकी कमाई 2.5 रुपये तक ही है तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा.
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