13 साल की लड़की ने किकबॉक्सिंग में गाड़े झंडे, जीत ली विश्व चैंपियनशिप
हाल ही में कश्मीर की एक 13 साल की लड़की ने विश्व किकबॉक्सिंग चैम्पियनशिप जीत कर देश का नाम दुनिया भर में रोशन कर दिया है। कश्मीर के बांदीपुरा की रहने वाली तजमुल इस्लाम बीते कई सालों से तमाम किकबॉक्सिंग प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेती रही हैं और उनमें से अधिकतर में जीत भी हासिल की है।
आर्मी स्कूल से पढ़ाई कर रहीं तजमुल ने पहली बार किकबॉक्सिंग के खेल को टीवी पर देखा था और उसके ठीक बाद उन्होने इसमें हाथ आजमाने की ठान ली। इस दौरान तजमुल को उनके भाई-बहनों से भी काफी मदद मिली जो पहले ही खेलों में हिस्सा ले रहे थे।
परिजनों से मिला समर्थन
अपने एक इंटरव्यू में तजमुल ने बताया है कि जब उन्होने अपने माता-पिता के सामने किकबॉक्सिंग में हिस्सा लेने की बात रखी तो पहले तो उन्हें यह समझाया गया कि उनकी उम्र काफी कम है और ऐसे में उन्हें चोट लगने का भी खतरा अधिक है। हालांकि तजमुल अपनी जिद पर अड़ी रहीं और आखिर में उन्हें उनके माता-पिता से भी इसके लिए हामी मिल गई। तजमुल के अनुसार इस खेल को लेकर आज उनके पिता हर कदम पर उनके साथ खड़े रहते हैं।
तजमुल किकबॉक्सिंग को लेकर अपनी तैयारी को और भी पुख्ता कर सकें इसके लिए उनके पिता ने उनके लिए एक कोच को भी खोजा जिनकी मदद से तजमुल ने अपनी स्किल को और भी निखारने का काम किया।
7 साल की उम्र में जीती पहली ट्रॉफी
विश्व किकबॉक्सिंग चैंपियनशिप का आयोजन इस साल मिस्त्र में किया गया था, जहां भारत की तरफ से अलग-अलग वर्ग में 30 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया था। तजमुल इस्लाम ने अपने फाइनल मैच में अर्जेंटीना की खिलाड़ी को मात दी थी। इसके पहले तजमुल ने साल 2016 में अंडर-8 वर्ग में हिस्सा लेते हुए इटली में हुई विश्व किकबॉक्सिंग चैम्पियनशिप में भी गोल्ड मेडल हासिल किया था।
तजमुल ने अपनी पहली ट्रॉफी जम्मू में आयोजित हुए एक किकबॉक्सिंग इवेंट में जीती थी और तब उनकी उम्र महज 7 साल थी। यह कप जीतने के बाद ठीक उसी साल तजमुल ने राष्ट्रीय खेलों में भी हिस्सा लिया था।
तजमुल ने साल 2018 में हैदर स्पोर्ट्स एकेडमी की भी शुरुआत की थी और आज यहाँ वे सात सौ से अधिक बच्चों को ट्रेनिंग देने का काम कर रही हैं। गौरतलब है कि तजमुल से किकबॉक्सिंग सीखने वाले बच्चों में उनकी छोटी बहन भी शामिल हैं। मालूम हो कि तजमुल कश्मीर में ‘बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ’ अभियान की ब्रांड एम्बेस्डर भी हैं।
सिखा रही हैं लड़कियों को सेल्फ-डिफेंस
मीडिया से बात करते हुए तजमुल ने बताया है कि उनके इलाके में लड़कियों को सेल्फ-डिफेंस की ट्रेनिंग लेना काफी जरूरी है और वे इसमें उन लड़कियों की मदद करने का काम कर रही हैं। किकबॉक्सिंग में झंडे गाड़ रहीं तजमुल अपने खेल को जारी रखते हुए अब आगे चलकर डॉक्टर भी बनना चाहती हैं।
तजमुल के अनुसार वे चाहती हैं कि जरूरतमंद लोगों को समय पर सही इलाज मिल सके और पैसे की कमी के चलते किसी का इलाज न रुके, इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए वे आगे चलकर एमबीबीएस की पढ़ाई करना चाहती हैं।
Edited by Ranjana Tripathi