23 साल के 'करोड़पति' त्रिशनीत सीबीआई और पुलिस को देते हैं साइबर सिक्योरिटी की ट्रेनिंग
18 साल की उम्र में ही खुद की कंपनी बनाने वाले त्रिशनीत...
त्रिशनीत ने घर पर रहकर ही यूट्यूब और इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर हैकिंग और साइबर सिक्योरिटी की बारीकियां सीखीं। इसके बाद उन्होंने यूके के आईएडीएल इंस्टीट्यूट का एथिकल हैकिंग सर्टिफिकेट टेस्ट क्लियर किया...
त्रिशनीत ने 18 साल की उम्र में ही अपनी कंपनी स्टार्ट की। त्रिशनित अब रिलायंस, सीबीआई, पंजाब पुलिस और कई विदेशी कंपनियों को साइबर सिक्योरिटी उपलब्ध करा रहे हैं।
त्रिशनीत कहते हैं कि शिक्षा का मतलब ज्ञान होता है, आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या कुछ बनना चाहते हैं, आपको उस क्षेत्र की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
आज के समय में जहां पढ़ाई की अपनी अहमियत है वहां क्या कोई सोच भी सकता है कि बिना स्कूली पढ़ाई पूरी किए कोई करोड़पति बन सकता है। आप यही कहेंगे कि रहा होगा कोई ऐसा दौर जब लोग बिना पढ़े सिर्फ अपनी मेहनत की बदौलत पैसा और रुतबा कमा लेते थे, लेकिन अब ऐसा संभव नहीं है। लेकिन हम आपको मिलवाने जा रहे हैं एक ऐसे युवा शख्स से जिसने 8वीं तक स्कूल की पढ़ाई की उसके बाद फेल हो गया। लेकिन आज उसकी कंपनी दुनिया भर में साइबर सिक्योरिटी प्रोवाइड कराती है और इसका टर्नओवर करोड़ों में है। हम बात कर रहे हैं सिर्फ 24 साल के युवा त्रिशनीत अरोड़ा की।
त्रिशनीत लुधियाना के दुगरी इलाके में पले-बढ़े। बचपन से ही उन्हें कंप्यूटर चलाने का शौक था। इस शौक के पीछे वह इतने पागल थे कि उनके घरवालों को कंप्यूटर में लॉक लगाकर रखना पड़ता था ताकि वे पढ़ाई पर भी ध्यान लगा सकें, लेकिन त्रिशनीत का मन तो सिर्फ कंप्यूटर पर ही लगा रहता था। इसका नतीजा ये रहा कि 8वीं कक्षा में ही वह फेल हो गए। इसके बाद उनके घरवाले नाराज हुए और उनके पिता ने उनसे पूछ ही लिया कि आखिर वो करना क्या चाहता है। त्रिशनीत ने सीधे बोल दिया कि कंप्यूटर में ही उनका मन लगता है और वह कंप्यूटर से जुड़ा हुआ काम ही करना चाहते हैं।
उनके पिता इस बात के लिए राजी हो गए और उन्हें नया कंप्यूटर लाकर दिया गया। त्रिशनीत ने घर पर रहकर ही यूट्यूब और इंटरनेट के माध्यम से कंप्यूटर हैकिंग और साइबर सिक्यॉरिटी की बारीकियां सीखीं। इसके बाद उन्होंने यूके के आईएडीएल इंस्टीट्यूट का एथिकल हैकिंग सर्टिफिकेट टेस्ट क्लियर किया। हालांकि उन्होंने स्कूल जाना बंद कर दिया था, लेकिन डिस्टेंस के जरिए वे अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे थे। गुरुनानक इंटरनेशनल स्कूल से बारहवीं पास करने के बाद उन्होंने एक मलेशियन यूनिवर्सिटी से डिस्टेंस लर्निग प्रोग्रैम के जरिए बीसीए किया।
स्कूल न जाने के बारे में उनका कहना है कि सफलता के लिए शिक्षा बहुत जरूरी है, लेकिन स्कूल जाना नहीं। वह कहते हैं कि शिक्षा का मतलब ज्ञान होता है, आप कोई बिजनेस शुरू करना चाहते हैं या कुछ बनना चाहते हैं, आपको उस क्षेत्र की पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके लिए आपका स्कूल जाना जरूरी नहीं है। हालांकि वह यह भी कहते हैं कि उनका स्कूल छोड़ना कोई चॉइस नहीं थी बल्कि एक संयोग के चलते ऐसा हुआ और बाद में चीजें अच्छी होती चली गईं। इसलिए वे किसी को स्कूल छोड़ने की सलाह नहीं देना चाहते। त्रिशनीत स्टीव जॉब्स की उस बात को फॉलो करना चाहते हैं कि आप वही काम कीजिए जिसमें आपका दिल लगता हो, फिर आपको वह काम काम नहीं लगेगा।
त्रिशनीत ने सिर्फ 18 साल की उम्र में ही अपनी कंपनी बना ली थी। जब उनके काम के बारे में चर्चा होने लगी तो सबका ध्यान उनकी तरफ गया। फिर पंजाब पुलिस ने जरूरत पड़ने पर उन्हें याद किया और उनकी सेवाएं लीं। इसके बाद तो उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए भी बुलाया जाने लगा। वे सीबीआई जैसी एजेंसी के अधिकारियों को साइबर सिक्योरिटी की ट्रेनिंग दे चुके हैं। उन्होंने उत्तर भारत की पहली साइबर सिक्योरिटी रिस्पॉन्स टीम भी बनाई है।
त्रिशनीत की साइबर सिक्योरिटी कंपनी टीएसी सिक्योरिटी सॉल्यूशन कई सारी बड़ी कंपनियों को नेटवर्क और डेटा चोरी से बचाने की सर्विस प्रदान करते हैं। उनके क्लाइंट्स में रिलायंस, सीबीआई और पंजाब पुलिस शामिल हैं। अभी तक वह वेबसाइट के डेटा को चोरी होने से बचा रहे हैं, लेकिन वे आने वाले समय में साइबर अटैक पर भी काबू पाने पर काम कर रहे हैं। उनकी कंपनी में 50 से ज्यादा लोग काम करते हैं। इसकी क्लाइंट लिस्ट में यूएस, ऑस्ट्रेलिया और कैनेडा की फर्म शामिल हैं। उन्हें माइक्रोसॉफ्ट जैसी कंपनियों से पहचान मिल चुकी है।
इतना ही नहीं त्रिशनीत लेखक भी हैं। वे साइबर सिक्योरिटी के मुद्दे पर लिखा करते हैं। उनकी तीन किताबें भी प्रकाशित हो चुकी हैं। 'हैकिंग टॉक विद त्रिशनित अरोड़ा' 'दि हैकिंग एरा' और 'हैकिंग विद स्मार्ट फोन्स' जैसी किताबें प्रकाशित हो चुकीहैं।
हाल ही में त्रिशनीत की किताब 'वॉइस ऑफ हैकर्स' आ चुकी है जिसे एशियन बुक्स प्राइवेट लि. ने प्रकाशित किया है। इस किताब में एथिकल हैकिंग और सिक्युरिटी के तरीके बताए गए हैं। मोबाइल हैकिंग, हैकिंग के ऑपरेटिंग सिस्टम, बैंक अकाउंट हैकिंग और ईमेल हैकिंग के बारे में जानकारी दी गई है।
त्रिशनीत चाहते हैं कि लोग किताब के जरिए इस चीज के बारे में जानें, ताकि ज्यादा अवेयर रहें। किताब में एडवांस टेक्नॉलॉजी और उसके यूज का सही तरीका बताया गया है। वे कई सारी यूनिवर्सिटी में जाकर आईटी स्टूडेंट्स को लेक्चर भी देते हैं। उनका सालाना टर्नओवर एक करोड़ से ज्यादा है और उनकी कंपनी में 50 से भी ज्यादा लोग काम कर रहे हैं। त्रिशनीत बताते हैं कि टेक्नोलॉजी हर जगह एक सी है, लेकिन उसे इस्तेमाल करने का तरीका अलग है। विदेशों में लोग साइबर सिक्युरिटी को लेकर ज्यादा जागरूक रहते हैं। हम जिस तेजी से सोशल नेटवर्किग साइट्स से जुड़ रहे हैं, उस हिसाब से साइबर सिक्युरिटी पर ध्यान नहीं दे रहे।
यह भी पढ़ें: सबसे कम उम्र में सीएम ऑफिस का जिम्मा संभालने वाली IAS अॉफिसर स्मिता सब्बरवाल