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सेना की पहल सुपर-30 की मदद से कश्मीर के गरीब छात्रों ने पास किया IIT-JEE एग्जाम

सेना की पहल सुपर-30 की मदद से कश्मीर के गरीब छात्रों ने पास किया IIT-JEE एग्जाम

Thursday June 14, 2018 , 5 min Read

 राज्य के कमजोर वर्गों से आनेवाले और सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल करनेवाले ये बच्चे जम्मू- कश्मीर के अन्य बच्चों को एक नई राह दिखा रहे हैं। इस बार आईआईटी की जेईई-मेन्स और एडवांस परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले बच्चों को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने सम्मानित किया।

सुपर--30 के छात्रों के साथ मंत्री जितेंद्र प्रसाद

सुपर--30 के छात्रों के साथ मंत्री जितेंद्र प्रसाद


इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य राज्‍य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रतिभाशाली छात्रों को सहायता उपलब्‍ध कराना है, ताकि वे शैक्षणिक सफलता हासिल कर सकें। इसके लिए छात्रों को इंजीनियरिंग परीक्षा के लिए कोचिंग की सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है।

भारतीय सेना न केवल देश के दुश्मनों से हमारी रक्षा करती है बल्कि युवाओं का भविष्य भी संवारती है। इसकी मिसाल जम्मू और कश्मीर में देखी जा सकती है जहां सेना की पहल पर बिहार के सुपर-30 की ही तरह श्रीनगर में कश्मीर के बच्चों के लिए कश्मीर सुपर-30 की स्थापना की जा रही है। इसमें उन बच्चों का चयन किया जाता है जो सामाजिक और आर्थिक रूप से विपन्न होते हैं। राज्य के कमजोर वर्गों से आनेवाले और सरकारी स्कूलों में शिक्षा हासिल करनेवाले ये बच्चे जम्मू- कश्मीर के अन्य बच्चों को एक नई राह दिखा रहे हैं। इस बार आईआईटी की जेईई-मेन्स और एडवांस परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले बच्चों को केंद्रीय मंत्री जितेंद्र प्रसाद ने सम्मानित किया।

ये छात्र भारतीय सेना के 'कश्‍मीर सुपर 30' पहल से जुड़े हुए हैं। पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) और सेन्‍टर फॉर सोशल रिस्‍पोंस्‍बिलिटी एंड लीडरशिप (सीएसआरएल) इस पहल के प्रशिक्षण सहयोगी हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य राज्‍य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रतिभाशाली छात्रों को सहायता उपलब्‍ध कराना है, ताकि वे शैक्षणिक सफलता हासिल कर सकें। इसके लिए छात्रों को इंजीनियरिंग परीक्षा के लिए कोचिंग की सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है। इस वर्ष इस योजना में 50 छात्रों का चयन किया गया था। इनमें से 32 छात्रों ने जेईई मुख्‍य परीक्षा 2017-18 में सफलता प्राप्‍त की। इन सफल छात्रों में से 7 छात्रों ने जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता हासिल की। अब ये छात्र प्रतिष्ठित आईआईटी संस्‍थानों में शिक्षा प्राप्‍त करेंगे।

डॉ. जितेन्‍द्र सिंह ने छात्रों को उनकी उपलब्धियों के लिए बधाई दी। मंत्री से बातचीत के क्रम में छात्रों ने अपने अनुभव साझा किए। छात्रों ने भारतीय सेना, पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड (पीएलएल) और सेन्‍टर फॉर सोशल रिस्‍पोंस्‍बिलिटी एंड लीडरशिप (सीएसआरएल) को उनके सहयोग के लिए धन्‍यवाद दिया। छात्रों को संबोधित करते हुए जितेन्‍द्र सिंह ने कहा कि इन छात्रों ने एक उदाहरण प्रस्‍तुत किया है, जिसका अनुसरण दूसरे छात्र कर सकते हैं। उन्‍होंने भारतीय सेना, पीएलएल और सीएसआरएल के प्रयासों की सराहना की। उन्‍होंने कहा कि राज्‍य की सर्वश्रेष्‍ठ प्रतिभाओं में से कुछ हमारे साथ हैं। मंत्री ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में युवाओं के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं, जैसे स्‍टार्ट-अप इंडिया, स्‍टैंड-अप इंडिया आदि। देश के युवा इन योजनाओं से लाभ प्राप्‍त कर रहे हैं।

मंत्री ने कहा कि सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को पहले संसाधनों व अध्‍ययन सामग्री की कमी का सामना करना पड़ता था, परंतु बदलते समय के साथ तथा आधुनिक तकनीक की उपलब्‍धता से जानकारियां आसानी से उपलब्‍ध हो जाती हैं। अध्‍ययन सामग्री की भी कोई कमी नहीं हैं। इससे सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों को अपने जीवन का लक्ष्‍य प्राप्‍त करने में सहायता मिली है। उन्होंने आयोजकों से इस पहल का विस्‍तार दूसरे क्षेत्रों में करने का आग्रह किया। उन्‍होंने कहा कि यह समाज के वंचित तबकों के लिए एक बड़ी मदद होगी। उन्‍होंने आयोजकों को सुदूर क्षेत्रों में रहने वाले छात्रों के लिए टेली-शिक्षा जैसी आधुनिक प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की सलाह दी।

इन छात्रों में कोई मज़दूर का बेटा है, तो किसी के पिताजी किसान हैं। दरअसल ये बच्चे जम्मू- कश्मीर के हैं, जिन्होंने इस साल जी मेन्स और आईआईटी में प्रवेश के लिए होनेवाले ज़ी एडवांस्ड की परीक्षा में राज्य का परचम लहराया है। ये छात्र भारतीय सेना के 'कश्‍मीर सुपर 30' पहल से जुड़े हुए हैं। । इस कार्यक्रम का उद्देश्‍य राज्‍य के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के प्रतिभाशाली छात्रों को सहायता उपलब्‍ध कराना है, ताकि वे शैक्षणिक सफलता हासिल कर सकें। इसके लिए छात्रों को इंजीनियरिंग परीक्षा के लिए कोचिंग की सुविधा उपलब्‍ध कराई जाती है। पेट्रोनेट एलएनजी लिमिटेड और सीएसआरएल इस पहल के प्रशिक्षण सहयोगी हैं।

सुपर 30 में पहले 30 बच्चों का चयन कर उन्हें परीक्षा के लिए तैयार किया जाता था, लेकिन राज्य में भारी मांग को देखते हुए अब 50 बच्चों को आईआईटी जी के लिए तैयार किया जाता है। पिछले साल इस योजना में 50 छात्रों का चयन किया गया था। इनमें से 32 छात्रों ने जेईई मुख्‍य परीक्षा 2017-18 में सफलता प्राप्‍त की। इन सफल छात्रों में से 7 छात्रों ने जेईई एडवांस परीक्षा में सफलता हासिल की। अब ये छात्र प्रतिष्ठित आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्‍थानों में शिक्षा हासिल करेंगे। कश्मीर सुपर 30 जम्मू- कश्मीर में सेना के सद्भावना अभियानों का एक तरह से चेहरा बन गया है तो ये राज्य के बच्चों की उच्च शिक्षा को लेकर बढती आकांक्षा और राज्य के बदलते आबोहवा का भी परिचायक बन गया है।

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