गूगल ने डूडल के जरिए किया दुनिया की पहली महिला इंजीनियर को याद
एलाइसा का जन्म 10 नवंबर, 1887 को रोमानिया के गलाती प्रांत में हुआ था। उनके पिता एक करियर ऑफिसर थे तो वहीं मां एक फ्रेंच इंजीनियर की बेटी थीं।
ऐसा कहा जाता है कि वह दुनिया की पहली महिला इंजीनियर थीं। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक आयरिश इंजीनियर एलिस पेरी 6 साल पहले 1906 में ही इंजीनियरिंग कर चुकी थीं।
सर्च इंजन गूगल अपने सर्च बॉक्स को डूडल में परिवर्तित करके दुनियाभर की महान हस्तियों को याद करता रहता है। आज गूगल ने दुनिया की पहली महिला इंजीनियरों में से एक एलाइसा लेओनिडा जमफिरेसको को उनके 131वें जन्मदिन के मौके पर याद किया है। एलाइसा का जन्म 10 नवंबर, 1887 को रोमानिया के गलाती प्रांत में हुआ था। उनके पिता एक करियर ऑफिसर थे तो वहीं मां एक फ्रेंच इंजीनियर की बेटी थीं। उन्होंने रोमानिया के प्राकृतिक संसाधनों का अध्ययन किया और पुरुषों के दबदबे वाले क्षेत्र में अपना मुकाम बनाया। एलाइसा का भाई भी इंजीनियर था।
एलाइसा बुचारेस्ट स्थित सेंट्रल स्कूल ऑफ गर्ल्स से अच्छे नंबरों के साथ हाई स्कूल की परीक्षा पास की थी। उन्हें अपनी पढ़ाई के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। उस दौर में महिलाओं को पुरुषों से कमतर देखा जाता था और इसी वजह से एलाइसा को स्कूल ऑफ ब्रिजेज ऐंड रोड्स में दाखिला नहीं मिला था। लेकिन 1909 में उन्हें बर्लिन के रॉयल अकैडमी ऑफ टेक्नॉलजी में दाखिला मिला और 1912 में वह वहां से इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट होकर निकलीं। हालांकि बर्लिन में भी उनके साथ भेदभाव हुआ। इंस्टीट्यूट के हेड ने उनसे कहा था, 'बेहतर होता कि आप चर्च, बच्चे और रसोई पर फोकस करतीं।'
ऐसा कहा जाता है कि वह दुनिया की पहली महिला इंजीनियर थीं। लेकिन कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक आयरिश इंजीनियर एलिस पेरी 6 साल पहले 1906 में ही इंजीनियरिंग कर चुकी थीं। एलाइसा जनरल एसोसिएशन ऑफ रोमानियन इंजीनियर्स (AGIR) की पहली महिला सदस्य थीं और जियोलॉजिकल इंस्टिट्यूट ऑफ रोमानिया की कई लैब्स का नेतृत्व भी किया। ग्रैजुएशन के बाद उन्होंने बुचारेस्ट स्थित जिअलॉजिकल इंस्टिट्यूट जॉइन किया जहां उन्होंने प्रयोगशाला का नेतृत्व किया। पहले विश्व युद्ध के दौरान उनकी मुलाकात कॉन्सटैंटिन जमिफरसको से हुई और यह मुलाकात प्यार में बदल गई। बाद में दोनों ने शादी कर ली और उनको दो बेटियां हुईं।
उन्होंने पीटर मॉस स्कूल ऑफ गर्ल्स के साथ-साथ स्कूल ऑफ इलेक्ट्रिशंस और मकैनिक्स, बुचारेस्ट में फिजिक्स और केमिस्ट्री भी पढ़ाई। अपने लैब के प्रमुख के तौर पर उन्होंने मिनरल्स और अन्य चीजों पर रिसर्च के लिए नए तरीके एवं तकनीक का सहारा लिया। उनको ऐसे समर्पित इंजिनियर के तौर पर जाना जाता है जो सुबह से लेकर शाम तक काम करती थीं। 1963 में एलाइसा 75 वर्ष की उम्र में रिटायर हो गईं। 25 नवंबर 1973 को 86 वर्ष की उम्र में उनका देहांत हो गया।
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