उजास और रैपर सानिया एमक्यू ने रैप सॉन्ग के जरिए फैलाई मासिक धर्म स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता
उजास ने मासिक धर्म स्वास्थ्य से जुड़े रैप सॉन्ग के असर के विस्तार के लिए मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर एक फ्लैश मॉब का आयोजन किया, मासिक धर्म स्वास्थ्य पर संवाद शुरू करने के लिए स्वयंसेवकों को सशक्त बनाया.
अद्वैतेशा बिड़ला के नेतृत्व में मासिक धर्म स्वास्थ्य की बहस को आगे बढ़ाने में अग्रणी संगठन उजास (Ujaas) ने मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के मौके पर "ये लाल रंग - पीरियड्स" नामक एक मार्मिक और ज्ञानवर्धक रैप सॉन्ग का अनावरण करने के लिए युवा रैपर सानिया एमक्यू के साथ सहयोग किया है. इस अभूतपूर्व पहल का उद्देश्य है, स्थापित सामाजिक वर्जनाओं को खत्म करना और मासिक धर्म के बारे में गलत धारणाओं को दूर करना. एकजुटता के जीवंत प्रदर्शन में, सानिया और स्वयंसेवकों की एक टीम ने मुंबई के बांद्रा स्टेशन पर एक फ्लैश मॉब का आयोजन किया, जिससे लोगों का ध्यान आकर्षित हुआ और मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ी.
सानिया एमक्यू और उजास दोनों के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध यह रैप सॉन्ग प्रचलित मिथकों का डटकर सामना करता है, मासिक धर्म स्वास्थ्य पर खुले संवाद और समझ-बूझ वाले दृष्टिकोण की ओर एक प्रगतिशील बदलाव की वकालत करता है. युवाओं को ध्यान में रख कर शुरू किया गया यह प्रयास जागरूकता और समझ को बढ़ावा देने, लोगों को मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में खुली बातचीत में शामिल होने और प्रचलित गलत धारणाओं को चुनौती देने के लिए सशक्त बनाने का प्रयास करता है.
उजास की संस्थापक, अद्वैतेशा बिड़ला ने गलत जानकारी के कारण होने वाली चिंता और भ्रम को रेखांकित करते हुए भारतीय लड़कियों के बीच मासिक धर्म के बारे में जागरूकता बढ़ाने की ज़रूरत पर बल दिया. उन्होंने रेखांकित किया कि सानिया एमक्यू के साथ उजास के सहयोग का उद्देश्य है, रैप म्यूज़िक, प्रेरक पहल और संवाद को बढ़ावा देकर युवाओं को प्रभावी ढंग से इस मुद्दे से जोड़ना.
मासिक धर्म स्वास्थ्य क्षेत्र में बदलाव लाने के लिए सामूहिक प्रयास की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए उन्होंने कहा, “यह सिर्फ महिलाओं और किशोरियों से परे की समस्या है. सामाजिक परिवर्तन को बढ़ावा देने के लिए पुरुषों को भी इस संवाद में शामिल किया जाना चाहिए. व्यापक जागरूकता और शिक्षा के माध्यम से हम एक ऐसा वातावरण बना सकते हैं जहां लड़कियां वास्तव में आत्मविश्वास और सम्मान के साथ अपनी मासिक धर्म स्वास्थ्य यात्रा को अपनाने के लिए सशक्त होंगी. इस वर्ष के मासिक धर्म स्वच्छता दिवस की थीम, 'टुगेदर फॉर ए #पीरियड फ्रेंडली वर्ल्ड' के मद्देनज़र, हम सामूहिक प्रयासों की अनिवार्यता पर जोर देते हैं. उजास पीरियड-अनुकूल परितंत्र विकसित करने, सामाजिक बाधाओं को दूर करने और मज़बूत जागरूकता तथा शिक्षा पहल के माध्यम से मासिक धर्म स्वच्छता के आसपास की धारणाओं को नया आकार देने के लिए प्रतिबद्ध है. आशा है कि यह रैप सॉन्ग युवाओं में जागरूकता लाएगा और मासिक धर्म के प्रति दृष्टिकोण में सकारात्मक बदलाव लाएगा.“
मासिक धर्म स्वास्थ्य के बारे में रैप सॉन्ग तैयार करने वाली युवा महिला रैपर सानिया एमक्यू ने इस पहल पर अपने विचार साझा करते हुए कहा, "मुझे इस शानदार परियोजना में उजास के साथ सहयोग करने की बेहद खुशी है. मासिक धर्म स्वास्थ्य बड़ा मुद्दा है, जो लाखों महिलाओं को प्रभावित करता है, फिर भी यह वर्जना और गलत जानकारी से जूझ रहा है. मैं लोगों को शिक्षित करने वाले अपने इस रैप के माध्यम से युवाओं तक पहुंचने और मासिक धर्म के बारे में खुली, ईमानदार बातचीत शुरू करने की उम्मीद करती हूं. हम इन बाधाओं को तोड़ सकते हैं और एक स्वस्थ, अपेक्षकृत अधिक सोच-समझ वाले समाज को बढ़ावा दे सकते हैं.“
उजास अपनी स्थापना के बाद से, मासिक धर्म स्वास्थ्य क्षेत्र में जागरूकता बढ़ाने में सक्रिय रूप से लगा हुआ है. हमने अब तक, मासिक धर्म स्वास्थ्य से जुड़े 8,516 शैक्षिक सत्रों के माध्यम से 254,654 से अधिक लड़कियों तक पहुंच बनाई है. इसके अलावा, हमने महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में 17 जिलों के 1,228 स्कूलों में लड़कियों को 4,349,652 से अधिक सैनिटरी पैड मुफ्त वितरित किए हैं.
उजास ने इन प्रयासों के अलावा, उजास मासिक धर्म स्वास्थ्य एक्सप्रेस पहल शुरू की है. इस अग्रणी पहल के तहत उजास वैन 25 राज्यों और 107 शहरों में गई और स्थानीय गैर सरकारी संगठनों के साथ साझेदारी में मासिक धर्म स्वास्थ्य कार्यशालाओं का आयोजन किया. इसका उद्देश्य था, मासिक धर्म संबंधी वर्जनाओं को खत्म करना और स्वच्छता को बढ़ावा देना. 250,000 से अधिक मुफ्त पैड स्थानीय समुदायों में वितरित किए गए जहां स्वच्छ उत्पादों तक पहुंच सीमित थी. इसके अलावा, उजास ने एक स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) कार्यक्रम और कपड़े से तैयार वहनीय पैड के लिए एक विनिर्माण इकाई शुरू की है. यह पहल न केवल ग्रामीण बाज़ारों में कपड़े के पैड तक पहुंच प्रदान करती है बल्कि पहले चरण में 25 एसएचजी महिलाओं के लिए आजीविका के अवसर भी पैदा करती है. ये सभी प्रयास महिला सशक्तिकरण, वहनीयता और सामाजिक परिवर्तन का प्रतीक हैं.
उजास इस साल के मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के मद्देनज़र सभी महिलाओं के लिए सम्मानजनक मासिक धर्म स्वास्थ्य को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. इस साल लॉन्च किए गए रैप सॉन्ग का उद्देश्य है, लोगों को खुले संवाद में शामिल होने, मानदंडों को चुनौती देने और समावेशी समाज को बढ़ावा देने के प्रति जागरूक करना.
Edited by रविकांत पारीक