लड़कियों की सेफ्टी के लिए पेपर स्प्रे तैयार कराने वाली महिला अफसर
72 साल के इतिहास में सौम्या सांबशिवन शिमला की पहली महिला एसपी हैं। सौम्या 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। सिरमौर जिले में सौम्या लड़कियों को पेपर स्प्रे बनाने के साथ ही सुरक्षा की खास ट्रेनिंग देती थीं। जिसे एक बार स्प्रे करने पर मनचले आधे घंटे तक उसका खामियाजा भुगतते रहते हैं और असर रहने तक आंख भी नहीं खोल सकते।
अपने सौम्य व्यवहार के लिए जानी वाली सौम्या की कार्यशैली का पुलिस महकमा भी कायल रहता है। एसपी सौम्या का चयन राष्ट्रपति मेडल के लिए भी हुआ है।
सौम्या को एक दबंग ऑफिसर के रूप में पहचाना जाता है। सौम्या सांबशिवन के नाम से अपराधी खौफ खाते हैं। उन्होंने सिरमौर के खनिज माफियाओं पर जबरदस्त कार्रवाई की थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 6 मर्डर मिस्ट्री सॉल्व की हैं।
हिमाचल प्रदेश की राजधानी और टूरिस्टों के लिए मशहूर जगह शिमला में इन दिनों हलचल मची हुई है। वजह ये है कि कुछ दिनों पहले वहां एक शर्मनाक और भयावह घटना घटित हुई। शिमला के कोटखई में नाबालिग लड़की गुड़िया के साथ रेप कर उसकी हत्या कर दी गई। इसके बाद लोग सड़क पर उतरे और सरकार के साथ ही पुलिस प्रशासन को भी जमकर लताड़ मिली। कोटखई, शिमला और हिमाचल के कई अन्य जगहों पर गुड़िया को न्याय दिलाने की मांग को लेकर विरोध जारी है और पुलिस पहले से ही जांच में सुस्ती को लेकर आलोचना का सामना कर रही है। सरकार ने आनन-फानन में शिमला के पुलिस अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है। अब शिमला में एक महिला एसपी को तैनात किया गया है।
शिमला की नई एसपी का नाम है सौम्या सांबशिवन। 72 साल के इतिहास में वह शिमला की पहली एसपी हैं। इससे पहले सारे पुरुष पुलिस अधिकारियों को ही शिमला का एसपी बनाया गया था। पुलिस हिरासत में गुड़िया मर्डर केस के एक आरोपी की हत्या किए जाने के बाद पिछले दिनों देर रात सरकार ने डीडब्ल्यू नेगी को शिमला के एसपी पद से हटा दिया और उनकी जगह सौम्या को लाया गया है। सौम्या अपने सख्त तेवरों के चलते काफी लोकप्रिय हैं। वह जहां भी रहती हैं वहां मनचलों और गुंडों की शामत आ जाती है। इससे पहले वह करीब 2 साल से हिमाचल के सिरमौर जिले में एसपी के पद पर तैनात थीं।
सौम्या मूलरूप से केरल की रहने वाली हैं। सिरमौर का एसपी बनने के बाद उन्होंने खनिज माफियाओं पर नकेल कस दी थी। उनकी गिनती देश के तेज तर्रार आईपीएस अफसरों में होती है और गुंडों बदमाशों से निपटने के अपने अंदाज के कारण ही उनको निडर आईपीएस भी कहा जाता है।
सौम्या सांबशिव 2010 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। सिरमौर जिले में सौम्या लड़कियों को पेपर स्प्रे बनाने के साथ ही सुरक्षा की खास ट्रेनिंग देती थीं। जिसे एक बार स्प्रे करने पर मनचले आधे घंटे तक उसका खामियाजा भुगतते रहते हैं और असर रहने तक आंख भी नहीं खोल सकते। सौम्या को एक दबंग ऑफिसर के रूप में पहचाना जाता है। सौम्या सांबशिवन के नाम से अपराधी खौफ खाते हैं। उन्होंने सिरमौर के खनिज माफियाओं पर जबरदस्त कार्रवाई की थी। अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने 6 मर्डर मिस्ट्री सॉल्व की हैं। अपने सौम्य व्यवहार के लिए जानी जाने वाली सौम्या की कार्यशैली का पुलिस महकमा भी कायल रहता है। एसपी सौम्या का चयन राष्ट्रपति मेडल के लिए भी हुआ है।
सौम्या मूलरूप से केरल की रहने वाली हैं। सिरमौर का एसपी बनने के बाद उन्होंने खनिज माफियाओं पर नकेल कस दी थी। उनकी गिनती देश के तेज तर्रार आईपीएस अफसरों में होती है और गुंडों बदमाशों से निपटने के अपने अंदाज के कारण ही उनको निडर आईपीएस भी कहा जाता है। 2010 बैच की आईपीएस सौम्या ड्यूटी के अलावा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं और यही वजह है कि वह जहां-जहां रही हैं उनको लोग खूब याद करते हैं। उन्होंने ड्रग माफियाओं पर भी शिकंजा कसा था। वे ड्रग माफिया गिरोह के कई अपराधियों को अरेस्ट करवा चुकी हैं।
जघन्य रेपकांड की वजह से शिमला में लोगों का गुस्सा उफान पर है और स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। जगह-जगह चक्का जाम चल रहा है, दुकानें बंद हैं और कई जगहों पर छोटी मोटी हाथापाई की खबरें भी आ रही है। हालात को काबू करने के लिए पुलिस बल तैनात है, लेकिन स्थिति बेकाबू नजर आ रही है। अब देखना है कि सौम्या शिमला में की वादियों को फिर से कैसे शांत कर पाती हैं!
क्या था मामला?
शिमला जिले के कोटखई क्षेत्र में 10वीं की एक छात्रा से चार जुलाई को रेप करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई थी। पीड़िता का शव दो दिन बाद निकट के हलाइला जंगल से बरामद हुआ था। इसके बाद छात्रा को न्याय दिलाने के लिए शिमला में लगातार प्रदर्शन हो रहा है। जन आक्रोश को देखते हुए हिमाचल हाई कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान भी लिया था वहीं राज्य सरकार मामले की सीबीआई जांच की भी मांग कर चुकी है। इस मामले में अब तक 6 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। एक दिन पहले ही इस मामले से जुड़े दो आरोपियों के बीच लॉकअप में विवाद हो गया और एक आरोपी की हत्या कर दी गई। लॉकअप में हुई इस हत्या के बाद ही इस मामले की जांच शुरू हो गई है।