चीन ने खतम की 'वन चाइल्ड पॉलिसी'
चीन में लाखों महिलाओं के शरीर से निकाले गए गर्भनिरोधी उपकरण। यह कदम चीन में घटती संतानोत्पती और बढ़ती बूढ़ी जनसंख्या को देखते हुए उठाया गया है।
चीन में दशकों पुरानी एक बच्चे की नीति (वन चाइल्ड पॉलिसी) में छूट दे दिए जाने पर अब अस्पताल लाखों महिलाएं के शरीर में लगाए गए गर्भनिरोधी उपकरणों को निकालने में उनकी मदद कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार नियोजन आयोग में मातृ-शिशु स्वास्थ्य सेवा की उपप्रमुख सोंग ली ने कहा है, कि ‘पिछले साल लगभग 35 लाख महिलाओं ने स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों से अपने गर्भनिरोधी उपकरण निकलवाए और इस साल और अधिक महिलाओं द्वारा ऐसा कराए जाने की संभावना है।’ सरकारी अखबार चाइना डेली ने ली के हवाले से कहा है, कि इस साल दो-बच्चों की नीति लागू कर देने के बाद ऐसी उम्मीद की जा रही है कि चीन में स्वास्थ्यकर्मी कम से कम 35 लाख महिलाओं के शरीर से गर्भनिरोधी उपकरण हटाएंगे।
स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी तेरहवीं पंच वर्षीय योजना की अवधि (2016-20) के दौरान दंपतियों को दूसरा बच्चा पैदा करने में मदद देने के लिए ऐसी सुविधाएं मुफ्त में उपलब्ध कराएंगे।
ली ने कहा, कि जो 1.8 करोड़ महिलाएं दूसरे बच्चे की योजना बना रही हैं, उन्हें अपने गर्भनिरोधी उपकरण हटवाने होंगे। इनमें से अधिकतर महिलाएं अगले तीन साल के भीतर ऐसा करा लेंगी।
अखबार में छपी खबर में कहा गया है, कि इन महिलाओं के अलावा वे महिलाएं भी अस्पताल आ रही हैं, जो दूसरे बच्चे को जन्म दे चुकी हैं। वे और अधिक बच्चे पैदा करने से बचने के लिए गर्भनिरोधी उपकरण लगवाने आ रही हैं।चीन हाल के वर्षों में अपनी परिवार नियोजन की नीति में धीरे-धीरे ढील दे रहा है, क्योंकि उसे संतानोत्पत्ति क्षमता की घटती दर और बढ़ती बूढ़ी जनसंख्या का सामना करना पड़ रहा है। बूढ़े लोगों की यह संख्या लगभग 22 करोड़ पहुंच चुकी है और आने वाले साल में इसके और अधिक बढ़ने की संभावना है। ऐसे होने से देश के श्रम बाजार और सामाजिक संरचना के प्रभावित होने के आसार हैं।
इस साल की शुरूआत में चीन में संतान संख्या से जुड़ी नीति में संशोधन किया गया और देश में सभी दंपतियों को दो बच्चे करने की अनुमति दे दी गई है।